जुनैद खान की हत्या के मामले में आरोपियों को पंजाब और हरियाणा कोर्ट द्वारा दी गई जमानत और टिप्पणी बेहद अहम है। कोर्ट ने माना है कि जुनैद खान की हत्या सीट को लेकर हुए विवाद के कारण हुई थी, न कि बीफ रखने के मामले को लेकर। है। अदालत ने कहा, सारा झगड़ा सीट को लेकर था। और इसी आधार पर आरोपियों को जमानत दे दी गई। इस मामले में अंग्रेजी व वामपंथी मीडिया द्वारा इसे बीफ विवाद बनाकर लगातार कई दिनों तक हिंदुओं को बदनाम करने के लिए चलाया गया मुहिम, इस एक निर्णय से ध्वस्त हो गया है।
जिस प्रकार वामपंथी व अंग्रेजी मीडिया ने जुनैद खान की हत्या को बीफ विवाद से जोड़ा और देश को बदनाम करने वाला सांप्रदायिक विमर्श पैदा किया, वह बेहद डरावना था। हिंदु समुदाय को ‘मॉब लिंचर’ के रूप में चित्रित करने वालों में देश के सभी बड़े अंग्रेजी पत्रकार शामिल थे। पीएम नरेंद्र मोदी से नफरत करने वाला यह ‘पीडी पत्रकार’ गिरोह हिंदू और भारत विरोध पर उतरा हुआ था, और आज भी यह हिंदुओं के खिलाफ नफरत से भरे अभियान को संचालित कर रहे हैं। इनकी वजह से गूगल पर- mob lynching in india- Keywords ही बन गया है। आज फिर से कठुआ रेस केस में हिंदु समुदाय को बदनाम करने के लिए वामी-कांगी गिरोह फेक न्यूज के जरिए फेक विमर्श को गढ़ने में जुटा है।
Punjab & Hr HC granted bail to accused in Junaid Khan’s murder & said that dispute was only regarding seat sharing. All conspiracies to defame Hindus are getting exposed.
— Prashant P. Umrao (@ippatel) April 17, 2018
यह केवल एक मामला नहीं है। याद करिये बंगाल में नन रेप मामले को! ईसाई संस्था में एक बुजुर्ग नन से बलात्कार की घटना को इन्हीं वामी गिरोह और ‘पीडी पत्रकारों’ ने मजहबी रंग में रंग कर सारा दोष हिन्दुओं पर मढ़ दिया था, लेकिन बाद में अभियुक्त बंग्लादेशी घुसपैठिए निकले। लेकिन छानबीन के बाद पता चला कि नन की हत्या के पीछे बांग्लादेशी मुसलमान थे, तब ये चुप्पी लगा गऐ, जैसे जुनैद खान के मामले में आज ये चुप्प हैं।
नन रेप मामले को भी यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाकर भारत को बदनाम करने में आगे था। ईसाइयत के ‘मक्का’ वैटिकन द्वारा नन रेप में भारत के खिलाफ बयान जारी करना, विपक्षी पार्टियों के ईसाई सांसदों द्वारा लामबंद होकर केंद्र सरकार पर दवाब बनाना इसी साजिश का परिणाम था! चोरी, डैकैती एवं बलात्कार की घटना को धार्मिक रंग देकर अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की छवि ख़राब करने वाले देश विरोधी पत्रकारों ने हिन्दुओं को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। झूठी खबर बनाना, झूठे विमर्श पैदा कर भारत व हिंदु समुदाय को बदनाम करना, और जांच में सच्चाई आने पर चुप्पी लाद लेना-2014 के बाद से यही इनकी कार्यप्रणाली है!
भारत में हिंदुओं को बदनाम करने के लिए किसी भी मामले को तूल देने में यह ‘पेटीकोट पत्रकार पीछे नहीं रहते! अखलाख की हत्या से लेकर ट्रेन में सीट को लेकर हुए जुनैद खान की हत्या को भी इसी वामी-कामी गैंग ने हिन्दू समुदाय पर निशाना साधा, लेकिन पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने जुनैद खान मामले पर फैसला देते हुए कहा कि जुबैर की हत्या सीट को लेकर हुए विवाद के कारण हुई थी!
लेकिन क्या किसी रवीश, राजदीप व सागरिका ने आपको बताया? नहीं न? उन लोगों को तो सांप सूंघ गया होगा। न रविश की टीवी स्क्रीन काली हुई! और न राजदीप को गुस्सा ही आया! सागरिका तो क्या कहना उन्हें सीमन भरे गुब्बारों पर ट्वीट करने से फुर्सत मिले तो वह इस फैसले पर ट्वीट करें!
हिन्दू धर्म और भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा खड़ा करने का कुत्सित खेल खेलने वाले पेशेवर ‘पीडी पत्रकार’ आज फिर कठुआ मामले पर गाल बजा बजा कर हिन्दू धर्म और समाज को टारगेट कर रहे हैं। सम्पूर्ण हिन्दू समाज के खिलाफ नरेशन बनाने का कुत्सित खेल कठुआ मामले पर भी खेल रहे हैं।
URL: junaid khan lynching fight started over seat says punjab and haryana high court
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