अर्चना कुमारी। लोकतंत्र की जननी जन्मस्थली बिहार में जंगलराज कई दशकों से कायम है। इसके भागीदार कांग्रेस से लेकर राजद और जदयू तथा भाजपा भी रही है। यही वजह है कि वहां पर विकास नहीं देखता और कोई जब इसके विरोध में आवाज उठाता है तब उस आवाज को कुचल दिया जाता है। पिछले कुछ दिनों में इंजीनियर से पत्रकार बने मनीष कश्यप ने जब सरकारी दुर्दशा के खिलाफ आवाज बुलंद किया तब योजनाबद्ध तरीके से उसके खिलाफ बिहार सरकार पीछे पड़ गई।
बताया जाता है कि मनीष कश्यप को लेकर बिहार सरकार पूर्वाग्रह से प्रेरित है। मनीष कश्यप पर आरोप है कि उसने तमिलनाडु में बिहारियों पर हुए कथित तौर पर हमले को लेकर झूठा खबर फैलाया लेकिन इस काम में और भी कुछ व्यक्ति तथा संगठन कथित तौर पर शामिल रहे हैं लेकिन उन पर अब तक कोई नकेल कसा नहीं गया।
मनीष कश्यप को इस वजह से टारगेट किया गया क्योंकि वह ऊंची जाति का है और सरकार के खिलाफ अक्सर आवाज बुलंद करता रहा है। तमिलनाडु में बिहारियों पर हुए हमले पर सच्चाई आने के बाद बिहार पुलिस मनीष कश्यप को सलाखों के पीछे रखने की वजह से कई योजना बना डाली। बिहार सरकार को भली-भांति ज्ञात है कि मनीष पर जो वीडियो को ले कर धाराएँ लगाईं हैं, वो टिकेंगी नहीं, इसलिए वो हर ट्वीट थ्रेड में एक नया आरोप जोड़ रहे हैं।
बिहार सरकार को इस बात से खुन्नस है कि मनीष कश्यप बाबा बागेश्वर धाम जैसे हिंदू संत का प्रचार करता है और सनातनी धर्म परंपरा में विश्वास रखता है। तमिलनाडु कथित हमले को लेकर उसे मुख्य खलनायक बताया जा रहा है लेकिन राज सरकार का निशाना कुछ और वजह से उस पर है। बिहार सरकार राज्य पुलिस के जरिए यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि मनीष कश्यप के पास काफी रुपए पैसे हैं तभी तो उसके विभिन्न बैंकों के अकाउंट फ्रीज कर के वित्तीय अनियमितता की बात की।
लेकिन राज्य सरकार को जब यह पता चला कि कमाया गया अधिकांश धन यूट्यूब से मिला है और इसका कर भी दिया गया है तब मनीष कश्यप पर आतंकवाद फैलाने का या दंगा भड़काने की चेष्टा की धाराओं में भी केस चलाया जा सकता है ताकि वह जेल में बंद रहे। सूत्रों का दावा है कि तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों के साथ मारपीट मामले में भ्रामक वीडियो प्रसारित करने के आरोपी मनीष कश्यप पहले निश्चिंत था कि उसके खिलाफ सरकार कुछ नहीं करेगी लेकिन जब उसके घर की कुर्की जब्ती की गई तब उसने आखिरकार सरेंडर कर दिया।
इससे पहले बिहार पुलिस ने मनीष के घर पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई शुरू की और उसके कई परिजनों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। इस कार्रवाई के बाद मनीष कश्यप ने जगदीशपुर थाने में सरेंडर किया। मनीष कश्यप ने पहले भी कहा था कि तेजस्वी यादव उनके पीछे पड़े हैं और उसे बर्बाद करने की इच्छा रखते हैं और वह इसके खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे तथा उन्हें आगे मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे।
बताया जाता है कि मनीष कश्यप वो यूट्यूबर हैं जिन्हें ज्यादातर लोग जानते हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं और उनके वीडियो लोगों को पसंद आते हैं। वो समाज में लोगों की आवाज बनते नजर आते हैं। लोगों के गुस्से का रूप बनते नजर आते हैं। लेकिन मनीष कश्यप पर केवल बेतिया में सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। इतना ही नहीं वो वह पांच मामलों चार्जशीटेड भी हैं। इसके अलावा एक मामले में कोर्ट ने मनीष जमानत पर हैं।