जंगलराज हटाना है , कानून का शासन पाना है ;
कैसे आये कानून का शासन ? अच्छी सरकार बनाना है ।
मजहब की जितनी कमियां हैं , दूर सभी कानून से होंगी ;
और नहीं कोई भी ढंग है , मानवता भी तभी बचेगी ।
तीस-करोड़ कैसे झेलोगे ? केवल कानून के शासन से ;
दूजा नहीं और कोई ढंग , राजदंड व अनुशासन से ।
कानून का शासन ला पायेगा , चरित्रवान निर्भय नेता ;
कायर-कमजोर-नपुंसक नेता , वो तो केवल रोता रहता ।
अब्बासी – हिंदू जो नेता , कानून की हत्या करता है ;
संसद में कानून पलटता , कई कुचक्र रचता रहता है ।
सुप्रीम कोर्ट के श्रेष्ठ फैसले , कई बार संसद में पलटे ;
देश तोड़ने का एजेंडा , काम कर रहा एकदम उलटे ।
कानून का कोई विकल्प नहीं है, हिंदू को ये समझना होगा ;
कानून का शासन लेकर आओ,वरना हिंदू को मरना होगा ।
हिंदूवादी – चरित्रवान , निर्भय – नेता को लाना है ;
सभी दलों से ऐसे ढूँढो या निर्दलीय ही लाना है ।
निर्दलीय हो या किसी भी दल का,केवल कट्टर-हिंदू लाओ ;
देश को “हिंदू-राष्ट्र” बनाकर , कानून का शासन ले आओ ।
अब्बासी – हिंदू कोई न जीते , चाहे कुछ भी हो जाये ;
“हिंदू का ब्रह्मास्त्र” है “नोटा” , अब्बासी-हिंदू जीत न पाये ।
राजनीति की करो सफाई , अब्बासी-हिंदू सब बाहर हों ;
“हिंदूवादी-सरकार” बनेगी , हर अपराधी अंदर हो ।
अपराध मुक्त ये भारत होगा , कानून का शासन आयेगा ;
भ्रष्टाचार मिटेगा सारा , हिंदू स्वतंत्रता तब पायेगा ।
मंदिर से सरकारी-कब्जा , पूरी तरह से हट जायेगा ;
मंदिर को सारी भूमि हो वापस , भूमि चोर न बच पायेगा ।
अपराध हुये हैं अब तक जितने,उन सबका अन्वेषण होगा ;
कोई भी न बच पायेगा , जेलों में सम्प्रेषण होगा ।
चाहे जितना पैसे वाला या फिर हो झोपड़ वाला ;
कानून का शासन एक बराबर , बने न्याय का रखवाला ।
न्याय की रक्षा पूरी होगी , गुंडागर्दी मिट जायेगी ;
तृप्तिकरण की गंदी लानत , पूरी तरह से हट जायेगी ।
अब्बासी-हिंदू के हटते ही अल्पसंख्यकवाद भी हट जायेगा ;
“हिंदू – राष्ट्र” बनेगा भारत , तब ही हिंदू चैन पायेगा ।