हामिद अंसारी लंबे समय तक देश के उपराष्ट्रपति रहे, लेकिन जब पद पर हटे तो कहा, अल्पसंख्यकों को डर लगता है। यही हाल सुप्रीम कोर्ट से हाल ही में सेवानिवृत्त जस्टिस जोसेफ कुरियन का है। वह भी सेवानिवृत्त होते ही चिल्ला रहे हैं कि अल्पसंख्यकों को भारत में बढ़ने की स्वतंत्रता नहीं है। असल में इनकी समस्या जब इनका संवैधानिक पद दूर नहीं कर सका, तो देश की जनता कहां से दूर करेगी। ये लोग देश में डर पैदा कर लाभ लेने की की मंशा में जीने वाले लोग हैं।
सुप्रीम कोर्ट से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए जस्टिस जोसेफ कुरियन के विवादित बयान को जहां राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने खारिज कर दिया है, वहीं आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज जोसेफ ने उन्हें पाखंडी बताया है । मालूम हो कि जस्टिस जोसेफ ने अपने एक बयान में कहा था कि अल्पसंख्यक होने का टैग करियर में आगे बढ़ने के लिए बाधक होता है। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक उनके इस बयान की अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने काफी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उनपर समाज में अशांति और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में भय उत्पन्न करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं उन्होंने पूर्व जस्टिस को पाखंडी भी बताया है।
‘He Is A Hypocrite’: Former SC Judge Joseph Kurian Slammed For Calling ‘Minority Tag’ A Career Hindrancehttps://t.co/Fe79IaczI0
— Swarajya (@SwarajyaMag) December 6, 2018
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जोसेफ कुरियन का यह पहला विवादित बयान नहीं है, जब से वह सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए हैं वे इस प्रकार के अनर्गल बयान दे रहे हैं ताकि समाज में अशांति फैले और सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़े। पहले भी उन्होंने भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ बाहरी शक्ति के हाथों खेलने का आरोप लगाया था।
मुख्य बिंदु
* पूर्व न्यायधीश जोसेफ के अल्पसंख्यक टैग को करियर के लिए बाधक वाले बयान को किया खारिज
* जस्टिस जोसेफ के बयान पर अल्पसंख्य आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने उन्हें बताया पाखंडी
अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने पूर्व जस्टिस जोसेफ की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया है कि वह अपने बयान से समाज में अशांति फैला रहे हैं तथा अल्पसंख्य समुदायों में भय भड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल जस्टिस जोसेफ चाहते हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग यह सोचना शुरू कर दे कि अगर सुप्रीम कोर्ट में बैठे अल्पसंख्यक समुदाय न्यायधीश के साथ ऐसा हो सकता है तो फिर आम लोगों के साथ क्या होगा? उन्होंने कहा कि उनकी मंशा समाज में अशांति फैलाने के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय को लोगों में भय उत्पन्न करना है।
जस्टिस जोसेफ को एक पाखंडी बताते हुए जॉर्ज ने पूछा कि क्या वे यह कह सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में अल्पसंख्यक समुदाय से उनका चयन महज एक सहायक के रूप में था, जबकि वह कोलेजियम में शामिल रहे है।
गौर हो कि कोलेजियम की अनुशंसा पर ही जज नियुक्त किए जाते हैं। इतना ही नहीं जॉर्ज ने 12 जनवरी को पूर्व मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ की गई प्रेस कॉनफ्रेंस में शामिल होने वाले चार न्यायधीशों की भी आलोचना की है। मालूम हो कि उनमें जस्टिस जोसेफ भी शामिल थे। उन्होंन उस समय न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा पर लगाए सारे आरोपों को निराधार और अफवाहों पर आधारित बताया।
URL : justice Joseph’s intention is to create unrest and communal disharmony!
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