जिस बिहार के लोगों ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराकर कांग्रेस और लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल के पक्ष में वोट किया था उसी बिहार के लोग अगर देश के अलग-अलग राज्यों में सुरक्षित हैं तो वह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कारण ही संभव हुआ है। यह बात आज मध्य प्रदेश में कांग्रेस के बने नए मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान से साबित हो चुकी है। क्योंकि मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने के साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश से बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को भगाने का बयान जारी कर दिया है। गौर हो कि बिहार को जंगलराज में धकेलने वाले लालू प्रसाद यादव के कारण ही 90 के दशक में बिहार के लोगों को प्रवासी होना पड़ा, जिसका दंश बिहारियों को आज भी झेलना पड़ रहा है। लालू यादव के जंगलराज के कारण ही सारे बिहारियों को रोजगार के लिए दर-दर भटकना पड़ा था। लेकिन आज जिस कांग्रेस के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बिहारियों से नौकरी छीन लेने की बात कही है उसी कांग्रेस को लालू प्रसाद यादव और उनका पूरा कूनबा समर्थन दे रहा है। महाराष्ट्र में बिहारियों के साथ होने वाली मारपीट पर जो लालू यादव नीतीश कुमार को एनडीए का हिस्सा होने पर कोसते थे आज उन्हीं का बेटा तेजस्वी यादव कमलनाथ के बयान पर न केवल चुप्पी साध रखा है बल्कि कांग्रेस का समर्थन कर रहा है।
मुख्यमंत्री बनते ही #कमलनाथ जी #मध्यप्रदेश में #उत्तरप्रदेश और #बिहार के लोग खलने लगे। कहते हैं कि इन "बाहरी" लोगों के कारण राज्य के लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) December 18, 2018
जिस कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनते ही मध्य प्रदेश में बिहार और उत्तर प्रदेस के लोग खलने लगे है, वे खुद भी मध्य प्रदेश में बाहरी हैं। उनका कहना है बिहार और यूपी के लोगों के कारण ही राज्य के लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। जबकि कमलनाथ खुद ही बाहरी हैं ऐसा बयान देने से पहले उन्हें सोचना चाहिए कि आज उन्हीं के कारण उनसे ज्यादा लायक होने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री नहीं बने। जबकि बिहार और यूपी के लोग किसी का जायज हक नहीं मारते है। मालूम हो कि कमलनाथ ने अपने एक बयान में कहा है कि यूपी-बिहार के लोग रोजगार के लिए मध्य प्रदेश आते हैं जिसके कारण स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिलती, इसलिए 70 प्रतिशत नौकरी स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित की गई है। जबकि कानपुर में जन्मे ,कोलकत्ता में पढ़े और एमपी में राजनीति करते हुए सीएम बने कमलनाथ अब यूपी /बिहार के लोगों को अपने राज में नौकरी न देने या कम से कम देने के इंतजाम कर रहे हैं . खुद यूपी से एमपी जाकर 9 बार सांसद बने।
यूपी/बिहार वालों पर एमपी वालों की नौकरियाँ खा लेने का आरोप लगाने वाली कमलनाथ सरकार को पहले तो अपने मुख्यमंत्री जी का ही रिकॉर्ड देख लेना चाहिए. वो यूपी से आ कर इतने साल से किस एमपी वाले की जगह क़ब्ज़ाए हैं?
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) December 18, 2018
ध्यान से देखिए जिस राज्य में भाजपा की सरकार नहीं है वहां के सत्ताधीश गाहे-बगाहे बिहार और यूपी के लोगों को भगाने की बात उठाते रहते हैं। जबकि इसी मध्य प्रदेश में पिछले 15 सालों तक भाजपा के शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री रहे लेकिन उन्होंने कभी भी बिहार और यूपी के लोगों के खिलाफ ऐसा कोई बयान नहीं दिया। उनके शासनकाल में कभी इसे मुद्दा तक नहीं बनाया गया। उन्होंने तो बिहार और यूपी के लोगों के साथ मिलकर न केवल प्रदेश को बीमारू राज्य से मुक्ति दिलाई बल्कि विकास के अंग्रिम पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया। लेकिन नफरत की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने 1984 में सिखों के खिलाफ भड़काए गए दंगों के दौरान सिखों को जिंदा जलाकर हत्या करने के आरोपी कमलनाथ के माध्यम से मध्य प्रदेश में भी बिहार और यूपी के लोगों को जलाने का मन बना लिया है।
कमलनाथ के इस बयान से यह भी साफ हो गया है कि कांग्रेस अब बिहार और यूपी में अपनी डूबी हुई राजनीतिक नैया के कारण बिहारियों और यूपी वालों से राजनीतिक प्रतिशोध लेना चाहती है।
कमलनाथ जी भी 70% रोज़गार MP के स्थानीय लोगों को दिलवाएँगे क्योंकि “UP-बिहार के लोग ज़्यादातर नौकरियाँ ले जाते हैं.”
(ये चलन अब धीरे धीरे पूरे देश में फैल रहा है. UP-बिहार की सरकारों के लिए चुनौती बड़ी होती जाएगी)
— Manak Gupta (@manakgupta) December 18, 2018
वरिष्ठ पत्रकार मानक गुप्ता ने अपने ट्वीट के माध्यम से एक वाजिब प्रश्न उठाया है। जिस प्रकार देश भर में बिहार और यूपी के लोगों को लेकर एक नया चलन शुरू हुआ है इससे बिहार और यूपी की सरकारों को चेतना शुरू कर देना चाहिए, ताकि उनके अपने ही राज्य के लोगों के सामने यह सब सुनने की नौबत न आए ।
यूपी बिहार के लोग दूसरे की नौकरी नहीं छीन रहे
हर राज्य में ग्रोथ और तरक्की की नई कहानियां लिख रहे हैं
यूपी बिहार के लोगों की मेहनत ने कई राज्यों को पिछड़ेपन से बाहर निकाला हैं
होश में आइये , यूपी और बिहार के लोगों को दुत्कार कर ना राज्य चला सकते हैं और ना ही राजनीति
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) December 18, 2018
जबकि सच्चाई यह है कि बिहार और यूपी के लोग कहीं जाते हैं तो वहां के लोगों पर हकमारी नहीं करते, बल्कि मेहनत से अपनी जगह बनाते हैं और उस प्रदेश की तरक्की में अपना योगदान देते हैं। तभी तो आप से निष्कासित विधायक कपिल मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा है कि बिहारियों और यूपी वालों को दुत्कार कर न तो राज्य चला सकते हैं न ही राजनीति, इसलिए उसे दुत्कारने वाले जरा होश में आइए।
प्वाइंट वाइज समझिए
कमलनाथ का कंट्रोवर्सियल बयान
* नए मुख्यमंत्री कमलनाथ मध्य प्रदेश से अब बिहार और यूपी वालों को भगाएंगे
* राजनीतिक हार का बदला लेने के लिए कांग्रेस बिहार और यूपी पर कर रही हमला
* कमलनाथ खुद भी मध्य प्रदेश के नहीं हैं, फिर कैसे बन गए वहां के मुख्यमंत्री?
* राजनीतिक प्रतिशोध के लिए मध्य प्रदेश में कत्लेयाम करवाएगी कांग्रेस
* दिल्ली समेत पूरे देश में सिखों का कत्लेयाम करवा चुकी कांग्रेस
* बिहार और यूपी के लोगों का कत्लेयाम कराने की योजना बनाने का आरोप
* लालू यादव के जंगलराज के कारण दर-बदर होने को मजबूर हुए बिहारी
* आज उसी लालू प्रसाद यादव का बेटा कांग्रेस की इस करतूत पर चुप्प बैठा है
* लालू यादव का पूरा कुनबा आज कांग्रेस के समर्थन में खड़ा है
* शिवाराज सिंह चौहान के 15 साल के शासनकाल में कभी नहीं रहा यह मुद्दा
URL : Kamal Nath will be taking employment from Bihar-Uttar Pradesh people!
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