मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ बड़बोले ही नहीं बल्कि मंत्री के रूप में उनकी छवि दागदार रही है। जब वे पूर्व यूपीए सरकार में ट्रांसपोर्ट और हाईवे मंत्री थे तभी उनकी छवि कमीशनखोर और दगाबाज की बन गई थी। वह कोई भी काम बिना कमीशन का करते ही नहीं थे। किसी भी काम के लिए 15 प्रतिशत कमीशन उनका बंधा हुआ था। यह खुलासा नीरा राडिया टेप से हुआ था, जिसे आप यहां सुन और पढ़ सकते हैं। यह बातचीत नीरा राडिया तथा सीआईआई (Confederation of Indian industry) के पूर्व मुख्य कार्यकारी आधिकारी तरुण दास के साथ हुई थी।
नीरा राडिया हाईप्रोफाइल संबंधों के लिए जानी जाने वालीं कॉरपोरेट लॉबिस्ट है, आयकर विभाग ने 2008-09 में नीरा राडिया का देश के कई राजनेताओं, पत्रकारों एवं व्यावसायिक घरानों के महत्वपूर्ण व्यक्तियों से टेलीफोन पर हुई बातचीत टेप किया था। उसी की बातचीत के आधार पर व्यापारिक घरानों के भ्रष्टाचार के साथ यूपीए सरकार के कई मंत्रियों का काला कारनामा सामने आया था। नीरा राडिया तत्कालीन संचार मंत्री ए राजा की परिचित एवं काफी विश्वस्त थी। नीरा राडिया का सीआईआई (Confederation of Indian industry) के पूर्व मुख्य कार्यकारी आधिकारी तरुण दास के साथ हुई बातचीत से ही कमलनाथ के काले कारनामे उजागर हुए थे। तरुण दास के हवाले से आउट लुक पत्रिका ने दोनों के बीच हुई बातचीत को प्रकाशित किया था।
जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नियंत्रण तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में कमलनाथ को सरफेस ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे मंत्री बनाया गया था तो तरुण दास ने आश्चर्य जताया था। यह खुलासा उन्होंने नीरा राडिया के साथ हुई अपनी बातचीत में भी किया था। उन्होंने कहा था कि हाईवे निर्माण एक प्राथमिक क्षेत्र है और कमलनाथ पाखंडी और दगाबाज है। वह इस क्षेत्र में भी अपना 15 प्रतिशत कमीशन लिए बगैर कोई काम नहीं कर सकता है। वह बगैरे पैसे लिए कोई “राष्ट्र सेवा” नहीं कर सकता है। नीरा राडिया के साथ तरुण दास ने इसका भी जिक्र किया था कि वह किस कारण सीआईआई के मुखिया पद छोड़ने का फैसला किया था।
तपन दास के साथ अपनी बातचीत के दौरान नीरा राडिया ने यह भी खुलासा किया था कि क्यों रतन टाटा उस समय कमलनाथ और मारन से नाराजा थे और राजा से खुश थे। रतना टाटा तो उस समय कमलनाथ को मंत्री पद से कुछ दिनों के लिए हटाने के बारे में कहने वाले थे। तपन दास ने नया खुलासा करते हुए नारिया राडिया को बताया था कि निश्चित रूप से कमलनाथ को ट्रासंपोर्ट और हाईवे मंत्री बनाना आश्रर्य से कम नहीं था। लेकिन कमलनाथ का नाम उन्होंने ही सुझाया था। क्योंकि राजपथ निर्माण का कार्य प्राथमिकता में था। और कमलनाथ एक कमीशनखोर नेता था। तपन दास ने नीरा को भी सलाह दी थी कि इसमें तुम भी अपना 15 प्रतिशत कमीशन बना सकती हो। तुम देश सेवा भी कर सकती हो और पैसे भी बना सकती हो। अगर कुछ करना है तो वास्तव में कुछ सार्थक करो, क्योंकि बालू पांच साल के लिए सत्ता से बेदखल हो चुके हैं।
इस खुलासे से साफ है कि कमलनाथ पहले से ही कमीशनखोर और दगाबाज नेता और मंत्री रहे हैं। उनकी छवि 15 प्रतिशत कमीशन खाने वाले मंत्री के रूप में बन चुकी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वे मध्य प्रदेश को स्वच्छ प्रशासन दे पाएंगे। एक कहावत है कि चाल चलन और प्रवृति कभी नहीं जाती ये तो मरने तक लोगों के साथ जाती है। जिस प्रकार कमलनाथ का मंत्री के रूप में दागदार इतिहास रहा है ऐसे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में स्वच्छ और पारदर्शी शासन का उनसे उम्मीद करना ही बेमानी होगी।
प्वाइंट वाइज समझिए
कमल नाथ का काला कारनामा
* कमल नाथ के काले कारनामों का राडिया टेप में हुआ था खुलासा
* राडिया टेप में कमीशन खाने के खुलासे के बाद भी बना मुख्यमंत्री
* कमल नाथ को मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही कांग्रेस की मंशा आई सामने
* मध्य प्रदेश का विकास नहीं विनाश करने के लिए कमल नाथ आए हैं
* मंत्री होने के दौरान बिना कमीशन कोई काम नहीं करने का है आरोप
* 15 प्रतिशत कमीशन लेने के बाद ही करते थे कोई भी ” राष्ट्र सेवा ”
URL : Kamal Nath’s black deed ! Nira Radia revealed in her tape!
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