हिंदुओं इन ‘कट्टरपंथियों’ के साथ न व्यापार करो, न इनको व्यापार दो। यदि इनको अपने दुकान, मकान में घुसने ही नहीं दोगे और इनकी दुकान, मकान में तुम भी नहीं घुसोगे तो सुरक्षित रहोगे, अन्यथा मारे जाओगे!
कोई सरकार, नेता, संस्था या संगठन तुम्हारे लिए नहीं है! ‘भाईचारे’ वाले तुम्हारे कथित ‘उदारवादी ‘भाई भी चुप रहकर तुम्हें ‘चारा’ बनाने वाले ‘मजहबियों’ के पक्ष में ही खड़े हैं।
चारों ओर देखो! तुम अकेले हो! ऐसी नृशंसता से तुम्हें स्वयं ही लड़ना है, जीना है और जीतना है!
Kisan Boliya, Harsha, Nagaraju,
Mithun Thakur,
Swati Rajput,
Raju Rajput,
Prachi Rana,
Impressi Das,
Lakshmi Kallimani,
Raju and Hari Adivasi,
Rupesh Pandey,
Vijay Kamble,
रिंकू, अंकित और न जाने कितने ही हिंदुओं की हत्या के बाद आज कन्हैया की हत्या भी ‘मजहब’ के नाम पर ‘मजहबियों’ ने की है! आखिर कितने हिंदुओं की हत्या के बाद तुम्हें समझ में आएगा कि कौन तुम्हारा शत्रु है और कौन तुम्हारा मित्र? अतः अपने शत्रु बोध को जगाओ और समझो कि ‘सेक्यूलरिज्म’ का छलावा तुम्हारा सबसे बड़ा शत्रु है!
वो ‘मजहब की तलवार’ लिए घूम रहे हैं, और तुम्हें तुम्हारे मां-बाप, मित्र, पार्टी, संस्था और नेता रात-दिन ‘सेक्यूलरिज्म की लाठी’ भांजने को कह रहे हैं! सोचो! अब खुलकर कट्टरपंथियों के समाजिक-आर्थिक बहिष्कार व ‘असहयोग’ को ही अपना शस्त्र बना लो! सबसे अधिक जरूरी तुम्हारा और तुम्हारे परिवार का बचना है। बांकी सब सेकेंड्री है!