अर्चना कुमारी। कड़कड़डूमा कोर्ट ने मोहम्मद शहनवाज़ @शानू, मोहम्मद शुऐब @ छुटवा, शाहरुख, राशिद @ राजा, आज़ाद, अशरफ अली, परवेज़, मोहम्मद फैसल, राशिद @ मोनू को दोषी करार दिया। बताया जाता है कि कड़कड़डूमा कोर्ट ने सभी आरोपियों को IPC की धारा 147/148/380/427/436, IPC की धारा 1849 और IPC की धारा 188 के तहत दोषी करार दिया।
अदालत का कहना था कि आरोपी अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे जबकि कोर्ट ने कहा आरोपियों का मकसद हिंदू समुदाय के लोगों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना था। गौरतलब है कि यह मामला दंगों के दौरान गोकुलपुरी इलाके में दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ से जुड़ा है और बताया जाता है कि दिल्ली दंगों के दौरान चमन पार्क, शिव विहार तिराहा रोड के पास पत्थरबाजी, आग लगाने और लूटमार के मामले में दोषी करार दिया।
इसी तरह दिल्ली दंगे को लेकर दिल्ली दंगो के दौरान राहुल सोलंकी की मौत का मामला आया जिसमें कड़कड़डूमा कोर्ट ने मामले में आरोपी 8 लोगो के खिलाफ आरोप तय किया। बताया जाता है कि कड़कड़डूमा कोर्ट ने सलमान, सोनू सैफी, मोहम्मद आरिफ, अनीश कुरैशी, सिराजुद्दीन, मोहम्मद फुरकान, मोहम्मद इरशाद, मोहम्मद मुस्तकीम के खिलाफ आरोप तय किया।
अदालत का कहना था सभी आठ आरोपियों पर IPC की धारा 147/148/153-A380/427/436/450/302 और IPC की धारा 149 और 188 के तहत आरोप तय किया जबकि अदालत कोर्ट ने सोनू सैफी, मोहम्मद मुस्तकीम के खिलाफ आर्म्स ऐक्ट की धारा 25 के तहत आरोप तय किया।
इसी तरह कोर्ट ने सलमान और मुस्तकीम के खिलाफ आर्म्स ऐक्ट की धारा 27 के तहत आरोप तय किया कोर्ट ने कहा आठों आरोपी दंगाई भीड़ का हिस्सा थे, और शिवविहार तिराहा पास खास समुदाय के लोगों पर हमला किया, कोर्ट ने कहा कि आरोपी उस भीड़ का हिस्सा थे जो हिन्दू समुदाय पर गोलीबारी, पत्थरबाजी, पेट्रोल बम फेंकने का काम कर रही थी ,कोर्ट ने कहा कि यह नहीं माना जा सकता है कि राहुल सोलंकी पर गोली चलाना एक व्यक्ति की एकमात्र कार्रवाई थी, जिसका भीड़ के सामान्य उद्देश्य से कोई संबंध नहीं था