अर्चना कुमारी काशी । मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जताई गहरी नाराजगी और कहा -केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से किसी वरिष्ठ अधिवक्ता का ना आना दुर्भाग्यपूर्ण है। काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं की अगली सुनवाई अब 4 अप्रैल को होगी।
माना जा रहा है कि समय की कमी के कारण मंगलवार बहस पूरी नहीं हो सकी। जबकि विपक्षियों की तरफ से जवाबी हलफनामे दाखिल किए गए। याची अधिवक्ता ने प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने का समय मांगा। कोर्ट ने समय देते हुए मंदिर परिसर के सर्वे कराने के अधीनस्थ अदालत के आदेश पर लगी रोक बढ़ा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी की तीन व यूं पी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दो याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया ।
कोर्ट ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार के याचिका में पक्षकार होने के बावजूद कोई वरिष्ठ अधिवक्ता पक्ष रखने कोर्ट में पेश न होने पर नाराजगी जताई है और कहा कि राज्य सरकार की तरफ से दो स्थाई अधिवक्ताओं के अलावा कोई सीनियर अधिवक्ता नहीं आया। सनद रहे कि सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कोई मौजूद नहीं हुआ।
कोर्ट ने कहा केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से किसी वरिष्ठ अधिवक्ता का न आना दुर्भाग्यपूर्ण है। सुनवाई के दौरान याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकबी ने लिखित बहस दाखिल की। इस महत्वपूर्ण मामले को लेकर अगली सुनवाई 4अप्रैल को होगी।