सेक्युलर कीड़े भरे पड़े हैं , भारत की हर नाली में ;
शिक्षा , मीडिया , राजनीति में , बॉलीवुड की थाली में ।
इनकी पूरी बुद्धि भ्रष्ट है , चरित्र भी पूरा भ्रष्ट है ;
हिंदू – धर्म के पूरे दुश्मन , राष्ट्रप्रेम सब नष्ट है ।
ये ही मंदिर को तुड़वाते , सरकारी कब्जे में लेते ;
मंदिर का धन लूट- लूट कर , उसको जजिया में देते ।
हिंदू – धर्म का चोला ओढ़े , बहुत बड़े जेहादी हैं ;
बर्बर – मजहब को प्रश्रय देते , हिंदू-विरोध के आदी हैं ।
हिंदू जनता होश में आये , अपना जीवन / धर्म बचाये ;
इनको काबू में नहीं किया तो , जल्दी तेरा सब कुछ जाये ।
हिंदू – द्रोही सारे दल हैं , कोई नहीं है हिंदू – रक्षक ;
परम – स्वार्थी सारे दल हैं , सारे हैं हिंदू के भक्षक ।
काशी तक को भ्रष्ट कर दिया , केदारनाथ भी छीन रहा है ;
तथाकथित हिंदूवादी दल , तेरा सब कुछ छीन रहा है ।
अब भी झूठा- इतिहास पढ़ाते , वही पुरानी घात चल रही ;
धर्म – सनातन नष्ट करे जो , ऐसी ही हर बात चल रही ।
मुगल और अंग्रेज भी हारे , पर धर्म-सनातन मिटा न पाये ;
इस पर उनकी नई ये साजिश , हिंदू में गद्दार बनाये ।
दुनिया भर के सारे लालच , इन गद्दारों को दिये गये ;
इन गद्दारों ने हमको बांटा , कितने हमले किये गये ?
हमको तोड़ा जातिवाद में , आरक्षण से योग्यता छीनी ;
झूठे-इतिहास से साहस छीना, धर्म की शिक्षा-दीक्षा छीनी ।
हिंदू को कमजोर बनाने का , कुचक्र ये नेता रचते ;
हिंदू पर हमले करवाते , जाने कितने हिंदू मरते ?
अलग-अलग सब मर जाओगे, सारे मिलकर जान बचाओ ;
आने वाला चुनाव का मौसम , चुन-चुन कर गद्दार हराओ ।
चरित्रवान हिंदू ही जीतें , कट्टर – हिंदूवादी लाओ ;
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर, हर कीमत पर इन्हें हटाओ ।
परम – साहसी हिंदू – नेता , यूपी या आसाम से लाओ ;
ऐसे नेता को आगे लाकर , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , धर्म – सनातन छा जायेगा ;
हजार बरस से अन्याय चल रहा , भारत मुक्ति पायेगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”