किसान बिल के विरोध में उतरे तथाकथित प्रदर्शनकारियों में खालिस्तान समर्थक घुस आए हैं। सूत्रों का दावा है कि हरियाणा और पंजाब बॉर्डर के आस-पास हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लगाए थे । इस आंदोलन को लेकर सिख फॉर जस्टिस की संदिग्ध भूमिका पाई गई है जबकि आशंका है कि किसानों को मोदी सरकार के विरुद्ध भड़काने में इनका हाथ हो सकता है।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि सिख फॉर जस्टिस केंद्र के मोदी सरकार के विरोध में अक्सर कोई ना कोई रणनीति गुपचुप तरीके से बनाती रहती है । स्वतंत्रता दिवस के समय भी इस प्रतिबंधित आतंकी संगठन ने खालिस्तान का झंडा फहराया जाने को लेकर इनाम देने की घोषणा की थी।
इस बात की संभावना जताई जा रही है कि किसान आंदोलन पर खालिस्तान समर्थक ताकतों ने कब्ज़ा कर लिया है और पंजाब से आए प्रदर्शनकारियों में खालिस्तान समर्थक में शामिल हो सकते हैं। सनद रहे कि पाकिस्तान प्रायोजित सिख फॉर जस्टिस पहले इस बात का ऐलान कर चुका है कि वह खालिस्तान का समर्थन करने वाले पंजाब और हरियाणा के किसानों को 1 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद करेगा।
सिख फॉर जस्टिस ने क़र्ज़ लेने वाले किसानों के बीच 1 मिलियन डॉलर बाँटने का ऐलान करके किसानों के विरोध प्रदर्शन का फायदा उठाने का प्रयास किया था। इस प्रतिबंधित संगठन का दावा था कि कोई भी किसान चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों हो, 1 से 8 अक्टूबर के बीच खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए 25 मतों का पंजीयन करा सकता है।
इसके बदले में उसे 5 हज़ार रुपए का आर्थिक सहयोग मिलेगा जिससे वह अपना क़र्ज़ चुका सकता है। इस तरह की जानकारी खुफिया एजेंसियों को भी है और जांच एजेंसी इस बाबत जांच में जुटी हुई है। खुफिया सूत्रों ने दावा किया कि केंद्र सरकार के कृषि सुधार विधेयकों को किसानों की ज़मीन छीनने का औपनिवेशिक एजेंडा बताते हुए सिख फॉर जस्टिस के सर्वे सर्वा गुरपटवंत सिंह पन्नू ने किसानों को मोदी सरकार के विरुद्ध भड़काने का प्रयास किया था।
उसका कहना था कि मोदी सरकार पंजाब और हरियाणा के किसानों को लाचार करना चाहती है। बताया जाता है कि सिख फॉर जस्टिस ने डोर टू डोर अभियान का ऐलान किया था ,जिसमें वह अपने अलगाववादी एजेंडे ‘जनमत संग्रह 2020’ (Referendum 2010) का समर्थन करने वालों का पंजीयन करा रहे थे और गांव गांव अपना एंबेस्डर नियुक्त किया था। किसान आंदोलन का एक और हैरान करने वाला पहलू सामने आया । जिसमें कथित तौर पर ऐसी तमाम तस्वीरें और वीडियो सामने आए जिसमें प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान के समर्थन की बात सामने आ रही ।
इसी तरह का एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक तथाकथित किसान द्वारा स्पष्ट तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जैसे इंदिरा गाँधी को ठोका वैसे ही नरेंद्र मोदी को भी ठोक देंगे। इस बीच खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर जांच कार्रवाई तेज कर दी है जबकि दिल्ली चलो मार्च के आह्वान पर पंजाब-हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों से आए किसानों ने राजधानी में प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद भी टिकरी और सिंघु बार्डर पर डेरा डाल रखा है।
शुक्रवार को हुई हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने किसानों को बुराड़ी स्थित निरंकारी ग्राउंड में शांति पूर्वक प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद कुछ किसान वहां पहुंच भी गए, लेकिन आंदोलन को कमजोर करने की साजिश करार देकर बाकी किसानों ने निरंकारी ग्राउंड जाने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तब तक वह इसी तरह बार्डर बंद कर अपना आंदोलन जारी रखेंगे। किसानों ने रामलीला मैदान या जंतर-मंतर तक पहुंचने की जिद्द ठान रखी है ।
उधर किसानों के समर्थन में अलग-अलग राज्यों से भी किसानों के दिल्ली पहुंचने की खबर मिली तो राजधानी के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि बिना जांच के किसी भी वाहन को दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जा रहा । शनिवार दोपहर बाद कुछ किसान एनएच-9 पुल के नीचे गाजीपुर बार्डर पर यूपी की ओर धरने पर बैठ गए। यहां भी किसानों को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। टिकरी या सिंघु बार्डर के अलावा यदि किसान किसी दूसरे बार्डर से दिल्ली आते हैै तो उन्हें निरंकारी ग्राउंड ले जा कर छोड़ा जा रहा था । दिल्ली पुलिस का कहना है कि
कोरोना जैसे महामारी की वजह से किसानों को राजधानी में प्रदर्शन करने से रोका जा रहा। उनकी जिद को देखते हुए यह फैसला लिया गया कि निरंकारी मैदान में वह अपनी मांगों के लिए शांति-पूर्वक विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके लिए प्रशासन के अलावा पुलिस ने वहां पूरे इंतजाम किए हैं। मौके पर लोकल पुलिस के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की कई कंपनियों को वहां पर तैनात किया गया है।
वहीं टिकरी और सिंघु बार्डर पर तथाकथित किसान ज़िद में बैठे हैं। किसान कोई गडबड़ी न करें इसके लिए दोनों ही बार्डर पर पुलिस फोर्स व अतिरिक्त सुरक्षा बलों का भारी बंदोबस्त किया गया है। आंदोलन करने वाले कथित किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को नहीं मना गया तो वह संसद का घेराव करेंगे। इसके अलावा पूरी दिल्ली को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
पुलिस यदि उनको ऐसा नहीं करने देगी तो वह तब यहीं बार्डर पर डेरा डाले रखेंगे तब तक सरकार किसान विरोध बिलों को वापस नहीं लेती है। किसानों का कहना था कि वह छह-छह माह का राशन अपने साथ ट्रैक्टर ट्राली में लेकर चले हैं। जरूरत पड़ेगी तो वह और राशन को मंगवा लेंगे। पंजाब-हरियाणा के किसानों के साथ अब धीरे-धीरे दूसरे राज्यों के किसान भी जुटने लगे हैं।
ऐसी भी सूचना है कि बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में धीरे-धीरे किसान जमा होने लगे हैं। शनिवार को टिकरी बॉर्डर से पंजाब से आए किसानों का एक जत्था बुराडी मैदान पहुंच गया। वहीं दिल्ली पुलिस ने बुराडी मैदान के आसपास बडी संख्या मे दिल्ली पुलिस के अलावा बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवानों को भी तैनात कर दिया है। मैदान मे जाने वाले लोगों से पूछताछ के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है।
बुराडी स्थित मैदान रिंग रोड के पास है जिसके चलते दिल्ली पुलिस ने पूरी तरह से रिंग रोड पर जगह जगह बेरिकेटिंग के साथ साथ सुरक्षा व्यवस्था और कडी कर दी गई है। और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियो को भी तैनात किया गया है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी भी किसानों की मदद के लिए यहां पर अपने कार्यकर्ताओं को लगाया है और खाना खिलाने के लिए लंगर खोल दिया है।
मोदी सरकार के विरोधी पार्टियों के द्वारा भी यहां पर आने वाले किसानों को मास्क और पानी के अलावा खाने के लिए बिस्कुट व चाय की भी व्यवस्था की गई है। वैसे बुराडी मे पहुंचे किसानों से पुलिस सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की गुजरिश करती नजर आई। सूत्रों का कहना है कि टिकरी और सिंघु बार्डर पर बैठे किसानों से दिल्ली व हरियाणा पुलिस मिलकर किसानों को मनाने की कोशिश कर रही है।
जबकि दोनोंं बॉर्डर समेत बुराडी मैदान पर ड्रोन कैमरे से रखी जा रही है । दिल्ली पुलिस के सूत्रों की माने तो सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए दिल्ली पुलिस की चप्पे चप्पे पर नजर है और ऐसे मे ड्रोन कैमरे से भी यहां पर आने जाने वाले लोगों पर भी नजर रखी जा रही है। यह अभी सूचना है कि बुराड़ी मैदान पर मोदी सरकार के विरोधी पार्टियों के नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है।
बुराडी मैदान मे शनिवार सुबह से ही ने नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुडी मेधा पाटेकर भी पहुंची। आप पार्टी के विधायक राघव चड्डा व बुराडी से विधायक संजीव झा भी पहुंचे। कांग्रेस से पूर्व विधायक अलका लांबा, कांग्रेस के नेता डा नरेश कुमार, व अली हसन समेत कई नेता पहुंचे हुए थे। दिल्ली पुलिस का कहना है कि
किसान आंदोलन को बढता हुआ देख दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के जंतर मंतर पर और आसपास सुरक्षा के कडे इंतजाम किये है जगह जगह सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात कर दिया है और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनिन के साथ जवान तैनात है वहीं किसान अंदोलन को ध्यान मे रखते हुए दिल्ली पुलिस ने पूरे रिंग रोड पर जगह जगह बैरिकेडिंग की है ।
दिल्ली के बाईपास, मुंकुदपुर, बुराडी चौक, वजीराबाद, तिमारपुर,मजनू का टीला, चंदगीराम अखाड़ा, आईएसबीटी, कश्मीरी गेट, जमुना बाजार,लालकिला, दरियागंज, आईटीओ, जय सिंह रोड दिल्ली गेट,जैसे कई इलाकों की सडकों पर बडी संख्या मे जवानों को लगा दिया है ताकि प्रदर्शन कारी जंतर मंतर तक न पहुंच सके।