अर्चना कुमारी। हरा टिड्डा सलमान और तनु जल्द धनवान बनना चाहते थे । इस वजह से उसने 2 साल के एक बच्चे को अगवा कर लिया । उसने इस काम में सहयोग दो अन्य लोगों का लिया ,जिसे पुलिस ने अब मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है । पुलिस का कहना है कि पंजाब के दंपति को बेचने के लिए किया था दो साल के बच्चे को अगवा लेकिन गोद लेने की कानूनी दस्तावेज नहीं होने से दंपत्ति ने बच्चे को खरीदने से इंकार कर दिया था।
दरअसल यह देश की राजधानी की पुलिस है ,जहां पर आए दिन अपराधिक घटनाएं होती रहती है और राजौरी गार्डन में हुई इस घटना के बाद बच्चे को सकुशल मुक्त करा लिया गया है । इस केस में एक महिला समेत कुल चार आरोपी पकड़े गए हैं। इनमें एक नाबालिग भी शामिल है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की पहचान तनु , विपिन व मोहम्मद सलमान के तौर पर हुई।
इनमें वारदात की मास्टरमाइंड तनु और मोहम्मद सलमान हैं। जबकि सभी आरोपी जहांगीरपुर, आजादपुर और आदर्श नगर इलाके के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया 22 दिसंबर को राजधानी कॉलेज के पास से दो साल से बच्चा अगवा होने की सूचना मिली। इस तरह की सूचना मिलने पर राजौरी गार्डन थाने में किडनैपिंग का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच के दौरान मौके पर पहुंच सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली। बताया जाता है कि इनमें एक फुटेज में घटनास्थल के पास बाइक पर दो युवक संदिग्ध हालत में घूमते नजर आए।
छानबीन के दौरान टैक्नीकल सर्विलांस और मुखबिर तंत्र की मदद से पुलिस ने एक आरोपी मोहम्मद सलमान की पहचान कर ली। उसे सब्जीमंडी आजादपुर से पकड़ा गया। इससे हुई पूछताछ में वारदात की साजिश में शामिल तनु के बारे में चला, जिसके घर रेड कर उसे दबोच लिया। उसी के घर से बच्चा भी बरामद हो गया। इसके बाद दो अन्य आरोपी भी पकड़ लिए गए।
पता चला आरोपी तनु आईवीएफ हाॅस्पिटल राजौरी गार्डन में एग डॉनर के तौर पर बीते तीन साल से काम करती है। तनु को रुपयों की जरुरत थी। ऐसे में उसने पंजाब के एक परिवार को शकुरपुर के तारा नाम के एजेंट के जरिए लड़का देने की बात कर ली। इसी वजह से उसने अपने सहयोगियों खासकर सलमान की मदद से दो साल के बच्चे को अगवा किया था।
इस काम के बदले उसने प्रति सहयोगी को बीस हजार रुपए देने का वादा किया था। लेकिन कानूनी दस्तावेज नहीं होने की वजह से उस परिवार ने इस बच्चे को गोद लेने से इंकार कर दिया था। ऐसे में अब सलमान और तनु अपने सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करने की कोशिश में लगी थी। हालांकि ऐसा होने से पहले ही वह पुलिस की गिरफ्त में आ गई और इस तरह मासूम बच्चा बिकने से बच गया।