मुस्लिम लड़की से प्यार किए जाने पर पीट-पीटकर मौत के घाट उतारे गए राहुल की बहन की पढ़ाई का जिम्मा भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने उठाने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि मृतक के परिवार को दिल्ली सरकार से दस लाख का मुआवजा नहीं बल्कि एक करोड़ रुपया मिलना चाहिए।कपिल मिश्रा और तेजिंदर बग्गा ने मिलकर करीब 5 लाख का इंतजाम कर भी लिया है और आगे भी उनकी फंड जुटाने की मुहिम जारी है।
उधर, विश्व हिंदू परिषद देश में बढ़ते लव जिहाद की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से सख्त से सख्त कानून बनाए जाने की मांग की है। डीयू के छात्र और मुस्लिम लड़की से प्यार की कीमत अपनी जान देकर चुकाने वाले राहुल के परिजनों से भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा और तेजिंदर बग्गा ने शुक्रवार को मुलाकात की।
आदर्श नगर इलाके में मुलाकात के बाद कपिल मिश्रा ने मृतक राहुल की बहन की पढ़ाई का जिम्मा उठाने का वादा किया।भाजपा नेता कपिल मिश्रा और तेजिंदर पाल बग्गा ने मृतक राहुल के परिवार से मुलाक़ात करने के बाद हर सम्भव मदद का ऐलान करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार मृतक राहुल के परिवार के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ परिवारों को मुआवजे में एक करोड़ और सरकारी नौकरी लेकिन देश की राजधानी में एक हिंदू युवक की हत्या पीट-पीटकर कर दी गई और उसके परिवार को सिर्फ 10 लाख की मुआवजा राशि दी गई।
कपिल मिश्रा ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा 16-17 साल की उम्र में जो लोग अपराध कर रहे हैं वह लोग नाबालिग नहीं हो सकते है जबकि हम चाहते हैं कि यह मामला एक उदाहरण बने। अपराधी नाबालिग होकर यह सोचते हैं कि हम बच जाएंगे, उनको नाबालिग होने के नाते बिल्कुल बख्शा ना जाए और कड़ी सजा दी जाए।
कपिल मिश्रा ने कहा कि हम परिवार की कानूनी तरीके से भी मदद करेंगे और राहुल की जो बहन है वह अभी दसवीं क्लास में पढ़ रही है । यदि वह आगे और भी पढ़ाई करेगी तो उस बिटिया का जो भी खर्चा होगा वह हम देंगे। उनका कहना है कि परिवार को अभी दस लाख की मदद का ऐलान किया गया है लेकिन हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनसे विनती करेंगे कि कई मामलों में पीड़ित परिवार को 1 करोड़ की मदद की गई है, तो इस तरीके का भेदभाव ना किया जाए। हम राहुल को तो वापस नहीं ला सकते लेकिन परिवार की आर्थिक मदद कर उनको दोबारा खड़ा कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार से हम मांग करेंगे कि वह परिवार को एक करोड़ रुपये और उस परिवार में किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए। कपिल मिश्रा ने हैरानी जताई है कि मुख्यमंत्री आवास से पीड़ित के घर का रास्ता महज 10 मिनट का है और मुख्यमंत्री को भी यहां आकर एक बार परिवार से मिलना चाहिए लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया। जहां राहुल एक मुस्लिम लड़की से प्यार के चलते मौत के घाट उतारा गया वहीं बहुत सारी ऐसी हिंदू लड़कियां हैं जिन्हें मुस्लिम लड़के जाल में फंसा कर उन्हें लव जिहाद का शिकार बना डालते हैं ऐसे ही हिंदू लड़कियों को बचाने के लिए विश्व हिंदू परिषद में केंद्र सरकार से कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
विश्व हिन्दू परिषद ने लव जिहाद की शिकार लड़कियों की आत्महत्या, हत्या और दुर्दशा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता और आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार से कठोर कानून बनाने की मांग करते हुए लव जिहाद के 170 मामलों की सूची भी जारी की है। विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन का कहना है कि लव जिहाद की घटनाओं की झड़ी सी लग गई है। इनमें लखनऊ में एक पीड़ित महिला का आत्मदाह करना हो या सोनभद्र में पीड़िता का सिर कटा शव मिलना हो, पिछले आठ-दस दिन से बड़ी संख्या में ये घटनाएं सामने आ रही हैं, जो किसी पत्थर दिल व्यक्ति का दिल दहलाने के लिए भी पर्याप्त हैं।
उन्होंने कहा कि केरल से लेकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख तक इन षड्यंत्रकारियों का एक जाल बिछा हुआ है और गैर मुस्लिम लड़कियों को योजनाबद्ध तरीके से जबरन या धोखे से अपने जाल में फंसा लेना किसी सभ्य समाज का चिंतन नहीं हो सकता। यह केवल जनसंख्या बढ़ाने का तरीका ही नहीं, अपितु आतंकवाद का एक प्रकार भी है। विहिप नेता ने कहा कि 20,000 से अधिक लड़कियां षड्यंत्र का शिकार हो चुकी हैै जबकि केरल उच्च न्यायालय ने इसे धर्मांतरण का सबसे घिनौना तरीका बता कर ही इसे लव जिहाद नाम दिया था।
विश्व हिंदू परिषद ने पिछले आठ से दस वर्षों में संज्ञान में आईं 170 घटनाओं की सूची बनाई है और एक अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष 20,000 से अधिक गैर मुस्लिम लड़कियां इस षड्यंत्र का शिकार बन जाती हैं। उनके अनुसार जाल में फंसने के बाद इन लड़कियों का न केवल जबरन धर्मांतरण होता है, बल्कि नारकीय जिंदगी जीने पर मजबूर किया जाता है।
इतना ही नहीं वेश्यावृत्ति करवाने और उन्हें बेच देने की घटनाओं के अलावा पूरे परिवार के पुरुषों व मित्रों के साथ जबरन यौन शोषण की घटनाएं भी समाचार पत्रों में आती ही रहती हैं। जब इन अमानवीय यातनाओं की अति हो जाती है तो ये लड़कियां आत्महत्या के लिए विवश हो जाती हैं परंतु पुलिस में शिकायत करने का अवसर बहुत कम लड़कियों को मिल पाता है। लव जिहाद की फंडिंग के समाचार सामने आ रहे हैं और पीएफआई, सिमी, आईएसआई जैसी संस्थाएं इनके पीछे हैं। इसीलिए कहीं भी मामला बढ़ने पर बड़े वकील तुरंत इनकी पैरवी के लिए खड़े हो जाते हैं जिनको लाखों-करोड़ों रुपए फीस के रूप में दिए जाते हैं।