
किसान अंदोलन की आड़ में जनजीवन ठप करने की चाल!
नागरिक कानून के विरोध में मुस्लिम समाज के लोगों को गोलबंद करने में जब विपक्ष कामयाब नहीं हो पाई तब हताश विपक्षियों ने किसान बिल की आड़ में जनजीवन ठप करने की एक नई चाल चली है। विपक्षियों खासकर कांग्रेस तथा वामपंथी पार्टी का एक ही मकसद है कि किसी तरह देश में अव्यवस्था उत्पन्न की जाए ताकि इसका दोष मोदी सरकार पर मढ़ा जा सके।
केंद्र सरकार ने जब किसान बिल के जरिए बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर दिया तब इससे नाराज कांग्रेस पार्टी ने किसान बिल के विरोध में हल्ला बोल दिया है। इन लोगों का मकसद दिल्ली में घुसकर जनजीवन को ठप करने का है इसी वजह से आम आदमी पार्टी से लेकर अन्य विरोधी पार्टियां भी केंद्र सरकार से मोर्चा लेनेे के लिए खुलकर सामने आ गई ।
पंजाब से शुरू हुआ तथाकथित किसान आंदोलन हरियाणा होते हुए दिल्ली तक पहुंच गया है । राजधानी से सटे टिकरी बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा से पहुंचे अंदोलनरत किसानों ने दिल्ली मे प्रवेश करने की कोशिश के दौरान झड़प किया और शुक्रवार दोपहर मे सिंधु बॉर्डर पर अंदोलनरत किसानों ने बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों पर पथराव करना शुरू कर दिया
हालांकि पुलिस ने किसानों की उग्र भीड़ को काबू करने के लिए वाटर कैनन और आसू गैस के गोले छोडने के साथ साथ लाठीचार्ज कर दिया। लेकिन इसके बावजूद तथाकथित किसान डटे रहे। आंदोलनरत किसानों को दिल्ली पुलिस ने बुराडी इलाके स्थित निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है। लेकिन किसानों ने वहां जाने से इनकार कर दिया ।
इन लोगों का मकसद दिल्ली के अंदर जंतर मंतर और संसद भवन के आसपास घुसकर अव्यवस्था फैलाना है। दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने किसानों से अपील की है कि वे शांति व्यवस्था बनाए रखें और नियम और कानून का पालन करते हुए शांति से प्रदर्शन करें। वहीं दिल्ली आ रहे किसानों को रोकने के लिए नरेला स्थित सिंघु बॉर्डर को सील कर दिया गया है। यहां पर भारी पुलिस बल की तैनाती रखी गई है।
इसके साथ ही अब दोनों तरफ के वाहनों को रोक दिया गया है। इस वजह से आम जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। दिल्ली का सिंघु बॉर्डर शाम के वक्त पूरी तरह बंद कर दिया गया। हाईवे पर करनाल-पानीपत के आसपास किसानों के आने से दिल्ली से आने और जाने वाले दोनों तरफ के रास्तों को बंद कर दिया गया है।
दिन के वक्त दिल्ली-पानीपत हाईवे पर एक तरफ का एक गाड़ी का आने का और एक गाड़ी का जाने का रास्ता छोड़ा हुआ था। वहीं बॉर्डर को सील करने से लोग परेशान हैं। लोग पैदल दिल्ली तक आ रहे हैं। यहां करीब 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। इस तरह की स्थिति अगले एक-दो दिन और रहने की संभावना है जबकि शनिवार और रविवार को भी किसानों और पुलिस के बीच तनातनी होने की आशंका हैै।
इस बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आंदोलनकारियों से बातचीत करने के लिए कहा गया है। उधर ,किसान आंदोलन को हवा देने वाले में से एक योगेंद्र यादव का कहना है कि केंद्र सरकार घबराई हुई है। साल 2011 में नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा था कि फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर एक कानून बना दिया जाए जबकि अब सत्ता में काबिज सरकार अपनी बात से पीछे हट रही है।
योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान कानून से अगर किसानों का भला होता तो 50 दिनों से देशभर के किसान सड़कों पर नहीं होते और वह दिल्ली में आकर विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं, तो क्या वजह है कि उन्हें नहीं आने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो किसान कानून लागू किया गया है, वह किसान विरोधी है । जो बात अब देश भर के किसान समझ चुके हैं.
भारतीय किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन समेत कई संगठन इसमें शामिल हैं ।हमारी पहली मांग प्रधानमंत्री से यह है कि किसानों को बेरोकटोक दिल्ली आने दिया जाए। केंद्र सरकार द्वारा किसानों को 3 दिसंबर को वार्ता के लिए बुलाए जाने पर योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर सरकार समझती है कि ऐसी घड़ी में भी सरकारी तरीके से काम करना है, तो यह गलत है।
योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और हम लोग डेढ़ महीने पहले इसका ऐलान कर चुके थे । इस बीच दिल्ली पुलिस ने राजधानी के सभी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।दिल्ली से सटे हरियाणा और यूपी के सभी बॉर्डरों पर दिल्ली पुलिस के अलावा बीएसएफ,सीआरपीएफ के बडी संख्या मे जवानों को तैनात किया गया है।
नोएडा के पास कोंडली, गाजीपुर, युपी गेट, नरेला-अलीपुर के पास सिंघू बाॅर्डर, बदरपुर बार्डर, कालिंदी कुंज, आर्या नगर, टिकरी बार्डर के अलावा छोटे-बड़े अन्य सभी मार्गों पर बडी संख्या मे सुरक्षा बलों को तैनाती की गई है । संसद भवन और जंतर मंतर रोड पर प्रदर्शन स्थल से पहले 3 लेयर सुरक्षा घेरा बनाया गया। यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इंतजाम के नाम पर पुलिस ने यहां वाटर कैनन की गाड़ियों को खड़ा किया है।साथ ही आंसू गैस के गोले लेकर जवान तैनात है।
किसान अंदोलन को ध्यान मे रखते हुए दिल्ली पुलिस ने पूरे रिंग रोड पर जगह जगह बैरिकेडिंग की है वहीं गुजरने वाले सभी वाहनों की तलाशी भी ली जा रही है दिल्ली के बाईपास, मुंकुदपुर, बुराडी चौक, वजीराबाद, तिमारपुर,मजनू का टीला, चंदगीराम अखाड़ा, आईएसबीटी, कश्मीरी गेट, जमुना बाजार,लालकिला, दरियागंज, आईटीओ, जय सिंह रोड दिल्ली गेट,जैसे कई इलाकों की सडकों पर बडी संख्या मे जवानों को लगा दिया है ताकि प्रदर्शनकारी संसद भवन तथा जंतर मंतर तक न पहुंच सके।
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