मध्य प्रदेश में सत्ता में आते ही कांग्रेस संकट का पर्याय बनती जा रही है। मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ के शपथ लेने के तीसरे दिन से ही किसानों को यूरिया के लिए लाठी खानी पड़ रही है, वहीं अब राज्य में बिजली का संकट भी गहराने लगा है। प्रदेश के पावर प्लांट्स में कोयली की भारी कमी हो गई है। जिस प्रकार कांग्रेस मध्य प्रदेश में शासन चलाने की शुरुआत की है इससे तो लगता है कि कांग्रेस जनता के लिए अपने साथ संकट साथ लाई है। प्रदेश का एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां मांग के अनुरूप यूरिया उपलब्ध कराया जा सके। असल में कांग्रेस के राज में विचौलियों और दलालों की चांदी रही है जबकि भाजपा पारदर्शी तरीके से शासन चलाती रही है। ऐसे में विचौलियों का राज ख्तम होने के कारण कांग्रेस को राज्य चलाने में दिक्कत आ रही है।
कांग्रेस इन दोनों संकटों पर अपनी प्रशासनिक अक्षमता को छिपाने के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराने में जुटी है, लेकिन प्रदेश की जनता अच्छी तरह से जानती है कि पिले 15 सालों से भाजपा की सरकार थी और शिराज सिंह चौहान शासन चला रहे थे, किन कभी ऐसी दिक्कत नहीं आई। कांग्रेस के साथ बिचौलिए के आने के कारण ही यूरिया से लेकर बिजली का संकट उत्पन्न हो गया है। क्योंकि बिचौलियों को फायदा पहुंचाने के लिए जनता को परेशान करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है।
राज्य के पावर प्लांट्स कोयले की कमी से जूझ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगर तुरंत ही उपाय नहीं किया गया तो प्रदेश की जनता के साथ मध्य प्रदेश में किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है। यूरिया संकट का सामना कर रहे किसानों को बिजली संकट का भी सामना करना पड़ सकता है। कोयले की इतनी कमी हो गई है कि पावर प्लांट्स चलाने के लिए महज एक से दो दिन का कोयला ही बचा है।
अगर तुरंत ही कमलनाथ सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया तो प्रदेश को अंधेरा का भी सामना करना पड़ेगा। कोयले की कमी की वजह से पावर प्लांट्स में बिजली का उत्पादन प्रभावित होना लाजिमी है। कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए अभी 10 दिन भी नहीं हुए हैं और जनता को दो-दो संकटों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार का मध्य प्रदेश में आगाज अगर ऐसा है तो अंजाम क्या होगा, इसका तो भगवान ही मालिक।
प्वाइंट वाइज समझिए
कांग्रेस की प्रशासनिक अक्षमता
* मध्य प्रदेश में सात दिन मे ही सामने आई कांग्रेस सरकार की प्रशासनिक अक्षमता
* एक सप्ताह के भीतर ही राज्य की जनता को दो-दो संकटों का करना पड़ रहा सामना
* यूरिया संकट के बाद अब गहराने लगा है प्रदेश में बिजली का संकट
* मध्य प्रदेश के सारे पावर प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहा है
* एक से दो दिनों तक बिजली उत्पादन के लिए बचा हो कोयला
* तुरंत कोई उपाय नहीं करने पर किसानों और आम लोगों को होगा बिजली संकट
* बिचौलियों के साथ आने से कांग्रेस सरकार में जनता को होने लगी है दिकक्त
* सात दिन में प्रशासनिक रूप से अक्षम साबित होने लगी है कमलनाथ की सरकार
URL : lack of coal in power plants electricity crisis may be grave in MP!
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