अर्चना कुमारी। यह दर्दनाक घटना देश मेंं धर्म परिवर्तन को किस तरह बढ़ावा मिल रहा है, उसका एक बानगी भर है । तमिलनाडु समेत देश के अनेक भागों में इस घटना पर लोगों में काफी गुस्सा है। जबकि ट्विटर पर देखते देखते #JusticeforLavanya ट्रेंड करने लगा । इस घटना को लेकर तामिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने लावण्या का वीडियो शेयर किया है।
वीडियो में देख सकते हैं कि लड़की तमिल भाषा में अपनी पीड़ा बता रही है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, गरीब किसान की बेटी लावण्या अरियालुर प्योर हार्ट हाई स्कूल की बारहवीं की छात्रा थी और उसे अपना धर्म बदलने के लिए कहा गया तथा स्कूल में दिए गए तनाव के कारण जहर पीकर उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई । बताया जाता है कि 17 वर्षीय लावण्या तंजावुर में सेंट माइकल्स गर्ल्स होम नामक एक बोर्डिंग हाउस में रहकर पढ़ाई करती थी। वह बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी और उसे अच्छे नंबर आते थे । इस बीच उसका दर्द भरा एक वीडियो सामने आया है ,जिसमें लावण्या ने कबूल किया कि उसे हॉस्टल में रहने के दौरान लगातार डांटा जाता था और हॉस्टल वार्डन द्वारा हॉस्टल के सभी कमरों को साफ सफाई करने के लिए भी कहा जाता था।
मृतक लड़की आरोप लगाया था कि उसे लगातार ईसाई धर्म अपनाने के लिए भी मजबूर किया जाता रहा । आखिरकार इन घटनाओं से वह इतनी मानसिक तौर पर परेशान हो गई कि वह कीटनाशक जहर पी कर जान देने की ठान ली । अरियालुर के रहने वाले लावण्या के पिता मुरुगनंदम को इस बीच स्कूल प्रशासन ने सूचित किया गया था कि उनकी बेटी को उल्टी होने और पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बाद मेंं उसके पिता ने लावण्या को तंजौर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। इस दौरान उसे होश आया तो उसने डॉक्टरों को अपनी पीड़ा और आत्महत्या के प्रयास के बारे में बताया। इसके बाद, डॉक्टरों ने तिरुकट्टुपल्ली पुलिस को सूचित किया। पुलिस लावण्या से पूछताछ करने आई। पूछताछ के आधार पर पुलिस को पता चला कि बोर्डिंग स्कूल की वार्डन ने लावण्या को प्रताड़ित किया और उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने वार्डन सकायामारी (62) को गिरफ्तार कर लिया। इस बीच प्यारी सी लड़की लावण्या की बुधवार की रात 19 जनवरी को मौत हो गई। तमिलनाडु में छात्रा लावण्या की खुदकुशी मामले पर पूरे देश में गुस्से का माहौल है और इसके लिए ट्विटर पर लोग इसाई मिशनरियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं ।