सत्य कितने सतहो में छिपा हो वह जिस दिन बाहर निकलता है तहलका मचा देता है। वही हुआ जब रिपब्लिक चैनल के अर्णव के शो में, जब तरुण तेजपाल की तहलका के फर्जी स्टिंग ऑपरेशन ‘वेस्ट एन्ड’ पर हो रही चांच को सोनिया गांधी के आदेश पर रोक दिया गया के खुलासे ने तहलका मचा दिया। अर्नबगोस्वामी ने अपने शो में उस लेटर का हवाला दिया है जो कि सोनिया गाँधी ने तत्कालीन वित्त मंत्री को लिखा था जिसमें तरुण तेजपाल की तहलका.कॉम के खिलाफ हो रही चांच को रोकने के लिए लिखा गया था। हालांकि इस लेटर का खुलासा संदीपदेव ने २०१४ में ही अपनी किताब निशाने पर नरेंद्र मोदी में दिया था! लेकिन तब इस किताब की विश्वनीता पर सवाल खड़े हुए थे! लेकिन आज जब सच बाहर आया तो कांग्रेस खेमे में हड़कंप मचना तय है।
बात उस समय की है जब तहलका कोई पत्रिका न होकर डॉट कॉम होता था। पत्रकारिता में सबसे पहले स्ट्रिंग का प्रयोग तहलका को ही जाता है जब क्रिकेट में मनोज प्रभाकर के साथ मिलकर ऑपरेशन फालन हीरोज नाम से मैच फिक्सिंगमें लिप्त क्रिकेट खिलाडियों का स्टिंग ऑपरेशन किया। अज़हरुद्दीन,जडेजा और स्वयं प्रभाकर का क्रिकेट कॅरिअर समाप्त हो गया। इस स्टिंग का यह असर हुआ कि तरुण तेजपाल नाम का एक मोहरा कांग्रेस के हाथ लग गया जो कि 2001 में बाजपेयी सरकार को गिराने के लिया कॉग्रेस का प्यादा बना जिसने सेना के खिलाफ ‘वेस्ट एन्ड’ के नाम से फर्जी स्टिंग किया जिसे मीडिया घरानो में उछाला गया। इस स्टिंग में बंगारू लक्षमण को एक लाख रुपये घूस लेते दिखाया गया फलस्वरूप उन्हें भाजपा का अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा और 2012 में चार साल की सजा हुई जिसे कि उन्होंने चैलेंज किया और बरी हुये।
वरिस्ट पत्रकार तवलीन सिंह ने इस फर्जी स्टिंग पर लिखा कि इस स्टिंग से सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय सेना को हुआ क्योंकि इसके बाद कई रक्षा सौदे आधार में अटक गए। रक्षा विशेषज्ञों की माने तो भारत की सेना की तैयारी कम से कम दस साल पीछे चली गयी। हैरानी की बात तो यह कि यूपीए सरकार में रक्षा सौदों में तरुण तेजपाल ने न कोई स्टिंग किया न ही कोई दिलचस्पी दिखाई। वेस्ट एन्ड ऑपरेशन ने बाजपेयी सरकार की विश्वनीयता पर गहरा आघात किया और जार्ज फर्नांडीज को रक्षा मंत्री से इस्तीफ़ा देना पड़ा।
सोनिया गाँधी तहलका के तेजपाल क्यों बचाना चाहती थी देखिये पूरा वीडियो!
NDA सरकार ने तहलका के इस ऑपरेशनों के खिलाफ जाँच के आदेश दिए और प्रथम दृष्टा स्टिंग को फर्जी पाया तथा फर्नाडीज को क्लीन चिट दी। वेंकट स्वामी आयोग के बाद फूकन आयोग ने इस जांच को आगे बढ़ाया और चांच के दायरे में कई नामी गिरामी हस्तियों के होने की खबर यूपीए-1 सरकार को लग गयी और आनन फानन में अंतिम रिपोर्ट आने से पहले फूकन आयोग को भंग कर दिया और जांच CBI के हाथों में दे दी!
सन्दर्भ साभार #SandeepDeo की किताब निशाने पर नरेंद्र मोदी