मैंने आपसब के कहने पर अपने साथ मेट्रो में हुई #MeToo घटना पर मेट्रो में ऑन-लाइन शिकायत दर्ज करा दिया है, लेकिन मेरी जिम्मेदारी इतने पर समाप्त नहीं होती!
मैं #SheToo नाम से #Indiaspeaksdaily पर एक अभियान शुरू करने जा रहा हूं।
यात्रा के दौरान महिलाओं की ज्यादतियों, उनकी बदतमीजी, उनके गलत आरोप, महिला होने का नाजायज फायदा उठाने, वामपंथियों द्वारा टूल के रूप में महिलाओं के इस्तेमाल, सेक्स को एक टूल बनाकर किसी को बदनाम करने, कार्यस्थल पर यौन शोषण का झूठा आरोप लगाने, अपने बच्चों, खासकर बच्चियों को सेक्स ढाल बनाने जैसे मुद्दों पर फोकस इस अभियान में सहभागिता करें, और वामियों के बिछाए चक्रव्यूह को ध्वस्त करें।
याद रखिए, यह महिला विरोधी नहीं, वामपंथी महिलाओं के विरुद्ध हमारा अभियान है। ऐसी महिलाएं संस्कारी व भारतीयता से पगी महिलाओं की भी उतनी ही दुश्मन हैं, जितनी पुरुषों की। इन वामी महिलाओं के कारण समाज में पुरुष पीड़ित और आम महिलाएं बदनाम हो रही हैं।
जिस तरह से महिलाएं खुद या फिर उनकी विचारधारा उन्हें सेक्स-टूल बनाकर विरोधियों पर हमला कर रही हैं, उससे हमें सचेत रहने, संगठित होकर उसका सामना करने और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। आप सब अपने हाथ हुई घटनाओं को indiaspeaksdaily@gmail.com पर भेजें, हम इसे प्रकाशित कर एक संगठित अभियान छेड़ेंगे।
इसके अलावा महिलाओं के साथ मिलकर ही इस शनिवार से हम #MeToo के दुरुपयोग पर एक विमर्श-श्रृंखला शुरू करने जा रहे हैं, जिसका लाइव प्रसारण, वीडियो भी आपको दिया जाएगा, और आपको इसमें सहभागिता के लिए भी बुलाया जाएगा।
२०१९ तक महिलाओं का भरपूर उपयोग वामी-कांगी-कामी करेंगे। २०१४ याद है, मोदी-शाह पर एक लड़की का जासूसी करने का आरोप मढ़ते हुए नौकरशाही व मीडिया ने एक संगठित अभियान छेड़ा था।
२०१९ चुनाव की गहमागहमी शुरू होते ही मोदी समर्थक नाना पाटेकर, विवेक अग्निहोत्री, गौरव सामंत, एम जे अकबर, आलोकनाथ आदि को Metoo के जरिए घेरा गया, वह एक संगठित अभियान की ओर इशारा करता है। यही नहीं, कल जिस जरह ट्वीटर हेड जैक के साथ भारत की वामी महिलाओं की गुप्त बैठक हुई, और हिंदुओं पर हमले की रणनीति बनी, वह भी चिंता जनक है। याद रखिए Meetoo अभियान ट्वीटर को ही टूल बनाकर लड़ा जा रहा है।
खुद मेरे साथ जिस तरह शनिवार को मेट्रो में एकाएक एक महिला ने प्रकट होकर मुझे घेरने का प्रयास किया, यह सब एक संगठित तरीका है।
आइए हम भी संगठित होकर विषकन्याओं के इस प्रयोग को विफल करें। अपनी-अपनी घटना लिखकर मेल करें। याद रखिए, ‘मुझे इससे क्या लेना’ है कि मानसिकता आपको किसी दिन मुसीबत में डाल सकती है। धन्यवाद।