जीवन-मृत्यु की लगी है बाजी
राज्य का सबसे प्रमुख कार्य है, जाल माल सम्मान बचाना ;
राज्य तो पूरी तरह विफल है,अब तो हमको ही कुछ करना।
राज्य का सबसे प्रमुख अंग है , केंद्र-राज्य की सरकारें ;
सब की सब कर्तव्य-विमुख हैं , हमें बदलना ये सरकारें ।
जंगलराज का यही है कारण , पूरा – पूरा गुंडाराज ;
इक्का-दुक्का नेता ही अच्छा, बाकी सबके बुरे हैं काज ।
इसका कारण धर्म से दूरी , चरित्रहीनता , भ्रष्टाचार ;
चरित्र-नष्ट हैं , बुद्धि-भ्रष्ट हैं , इसी से बढ़ता अत्याचार ।
मजहब वाले गिरोह बंद है , इसी से रहते मस्त हैं ;
अलग – थलग हिंदू रहता है , इसी से वे संत्रस्त हैं ।
हिंदू का ये हाल रहा तो , कुछ भी न बच पायेगा ;
जान , माल , इज्जत जायेगी , गला भी कटता जायेगा ।
अब तो केवल यही रास्ता , अच्छी सरकार बनानी है ;
अब्बासी – हिंदू सत्ता पर छाया , उससे जान बचानी है ।
धर्म का पूरा शत्रु बन चुका , हुआ मानसिक-खतना है ;
यही तो है अब्बासी – हिंदू , सबसे बड़ा ये फितना है ।
महाकुटिल है , महाधूर्त है , नाटक – नौटंकी का माहिर ;
इन्हीं से हिंदू छला गया है , अब तो है ये जगजाहिर ।
टूट रहा है इसका जादू , इसकी पोल खुल रही है ;
इसीसे तृप्तिकरण को लाया,थामें जमीं जो खिसक रही है ।
अपनी बुझती बत्ती को बचाने , कुछ भी ये कर सकता है ;
सत्ता का दुरुपयोग कर रहा , गजवायेहिंद करा सकता है ।
इंटरनेशनल कन्वर्जन माफिया, इसको प्रायोजित करता है ;
भारत से हिंदू-धर्म मिटाने की , पूरी साजिश रचता है ।
इसी से दुनिया भर का समर्थन , इसको मिलता रहता है ;
हिंदू – जनता को मूर्ख बनाकर , कन्वर्जन होता रहता है ।
जागो ! हिंदू अब तो जागो , पूरी तरह से जग जाओ ;
धर्म बचाना , राष्ट्र बचाना , देश बचाने को आओ ।
एकमात्र उद्देश्य हमारा , अच्छी – सरकार बनाना है ;
“हिंदू का ब्रह्मास्त्र” है “नोटा”, अब्बासी-हिंदू को हराना है ।
जीवन-मृत्यु की लगी है बाजी , हर-हाल में हमें जीतना है ;
वोट – बैंक हिंदू बन जाओ , अच्छी-सरकार बनाना है ।
अब तक गलती करते आये , और नहीं दोहराना है ;
अच्छी-सरकार सुनिश्चित करके, “राम-राज्य” को लाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”, रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”