पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ही तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने के षडयंत्र का खुलासा हुआ है। कम्युनिस्ट माओवादी-आतंकियों से मिले पत्र (ईमेल) के आधार पर पुणे पुलिस ने कोर्ट में बयान देकर यह सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने कहा कि भीमा-कोरेगांव हिंसा (Bhima-Koregaon violence) के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बनाई गई थी। पुणे पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड-शो के दौरान ही उनकी हत्या एक मानव बम के जरिए की जानी थी! अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि दिल्ली में रोना विलसन के घर से मिली चिट्ठी में एम-4 राइफल और गोलियां खरीदने के लिये आठ करोड़ रुपये की जरूरत की बात लिखी है।
18 अप्रैल 2017 को कॉमरेड प्रकाश को आर (संभवतः रोना विल्सन) द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है-
कॉमरेड किशन एवं अन्य वरिष्ठ कॉमरेड ने बेहद मजबूत योजना बनाई है, जिससे मोदी-राज का खात्मा किया जा सकता है। हमें राजीव गांधी की हत्या जैसी घटना को फिर से दोहराने की जरूरत है। वैसे तो यह योजना आत्मघाती लगती है और इसमें हमारे फेल होने की संभावना ज्यादा है, लेकिन पार्टी को हमारे प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उसे मारने के लिए रोड शो (प्रधानमंत्री मोदी का रोड शो) सबसे कारगर तरीका हो सकता है। हमारा विश्वास है कि हम सबके बलिदान से बड़ी हमारी पार्टी का वजूद है।
पत्र से जाहिर होता है कि मोदी-राज के कारण कम्युनिस्ट माओवादियों का वजूद पूरी तरह से मिटने के कगार पर है, जिसे बचाने के लिए सारे कॉमरेड मिलकर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिशों को अंजाम देने में जुटे हैं।
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार पांच कम्युनिस्ट माओवादी-आतंकियों को पुलिस हिरासत में लेने के लिए पुणे कोर्ट में सरकारी वकील उज्ज्वल पवार ने ये बातें कही हैं। इन पांचों माओवादियों को गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया गया है। पवार ने कोर्ट में कहा कि छापे के दौरान पुलिस को इनके पास से मिली सामग्रियों के आधार पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की साजिश का खुलासा हुआ है।
मुख्य बिंदु
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के दौरान ही उनकी हत्या करने की साजिश थी।
* पुणे पुलिस ने कोर्ट में किया यह खुलासा। पुलिस को ईमेल से मिला है यह सुराग।
MODI ASSASSINATION LETTER OUT. Courtesy: https://www.republicworld.com
भीमा-कोरेगांव हिंसा में मामले में एक प्रोफेसर तथा दलित अधिकार के कार्यकर्ता समेत पांच कम्युनिस्ट माओवादी-आतंकियों की गिरफ्तारी के दूसरे दिन पुणे पुलिस ने एक धमाकेदार खुलासा किया है। इन आतंकियों से मिली सामग्री और ईमेल की जांच करने के बाद एकत्रित सूचना के आधार पर पुलिस ने खुलासा किया है कि भीमा-कोरेगांव हिंसा के बहाने माओवादियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बना रखी थी। पुलिस का कहना है कि माओवादी एक बार फिर देश में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जैसी घटना को अंजाम देने में जुटे थे और इस बार उनका निशाना वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे।
“We are thinking along the lines of another Rajiv Gandhi type incident. It sounds suicidal and there is a good chance that we might fail but we feel that the party PB/CC must deliberate over our proposal,” says the letter.
इस मामले में सरकारी जिला वकील उज्ज्वल पवार ने पुणे स्थित शिवाजीनगर कोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बगैर नाम लिए कहा कि ईमेल के माध्यम से जो संवाद सामने आए हैं उससे स्पष्ट होता है कि उन लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या जैसी एक और घटना को अंजाम देने की योजना बनाई थी। पवार ने कोर्ट में एक पत्र पेश किया है। इसके बारे में पुलिस का कहना है कि छापे के दौरान गिरफ्तार पांच माओवादियों में एक के लैपटॉप से यह पत्र मिला है। पुलिस को संदेह है कि यह पत्र प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय समिति के सदस्य रोना जैकब के लैपटॉप में था, क्योंकि पत्र लिखने वाले ने अपने नाम के लिए R लिखा है। पुलिस ने कोर्ट में उस चिट्ठी का कुछ भाग पढ़ के भी सुनाया।
The letter also charts out a plan to target PM Modi’s roadshows as it says, “targeting his road shows could be an effective strategy.”
बुधवार को एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) ने अलग-अलग से जिन पांच कम्युनिस्ट आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था उनमें एल्गार परिषद के संचालक सुधील धावले, मुंबई आधारित रिपब्लिक पैंथर्स पार्टी के अंताची चालवाल, दिल्ली निवासी व प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय समिति का सदस्य रोना विल्सन, नागपुर के वकील सुरेंद्र गाडलिंग, नागपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शोमा सेन तथा पूर्व प्रधानमंत्री की ग्रामीण विकास योजना के के शोधार्थी महेश राउत शामिल थे।
पुलिस गिरफ्तार इन पांचों आरोपियों के बारे में कहा है कि यही पांच लोग उन लोगों में से है जो एल्गार परिषद के पीछे है। एल्गार परिषद ने ही पुणे के शानिवारवडा में 31 दिसंबर 2017 को बैठक की थी, जिसमें इन लोगों ने भाषण दिया था। यहीं से 1 जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव हिंसा की पटकथा तैयार हुई थी।
उन लोगों के बीच ईमेल से हुए संवाद के बारे में पुणे पुलिस ने बताया है कि उसमें कहा गया है कि मोदी ने सफलतापूर्वक देश के 15 से अधिक राज्यों में भाजपा सरकार को स्थापित कर दिया है। अगर इसी प्रकार सबकुछ होता रहा तो आने वाले दिनों में माओवादियों को हर मोर्चे पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए वे लोग देश में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या जैसी एक और घटना के बारे में सोच रहे थे। ईमेल संवाद से यह भी सामने आया है कि वे लोग मोदी के रोड शो को लक्ष्य बनाने के बारे में सोच रहे थे, क्योंकि यही उनके लिए प्रभावशाली रणनीति हो सकती थी!
पुलिस ने इन सभी को कोर्ट में पेश किया। सुरेंद्र गाडलिंग को जहां सुबह ही कोर्ट में पेश किया गया वहीं शेष चार को पुणे के शिवाजीनगर स्थित कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 14 जून तक के लिए पुलिस की हिरासत में भेज दिया।
Pune Joint Commissioner of Police (CP) Ravindra Kadam said:
“We were investigating their links and in this connection, we raided houses of some of them. From Rona Wilson’s house, we recovered pen drive, hard disk and some other documents which were sent to forensics. We also got to know Rona Wilson’s and Surendra Gadling’s connection with Naxals. Later we found their links with the other three people and arrested them accordingly. Surendra Gadling was presented before the court after he was arrested yesterday morning and we were given his police custody.”
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URL: Like Rajiv Gandhi, Bhima Koregaon violence was a conspiracy to kill PM Narendra Modi!
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