अर्चना कुमारी। हरियाणा में बीजेपी की वोट बैंक खिसक रही है और अब वहां की सरकार शराब के बहाने सत्ता वापसी करने के फिराक में है लेकिन सरकार की तरफ से कहा गया है कि भारत में अभी सार्वजनिक स्थलों पर शराब का सेवन करने की मंजूरी नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे नियमों को आसान बनाया जा रहा ।
बताया जाता है कि हरियाणा की राज्य सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव किया है। इसके तहत नई नीति के तहत राज्य सरकार ने कई ऑफिसेज को शराब परोसने की छूट दे दी है हालांकि राज्य सरकार से दी गई यह छूट सिर्फ बीयर या वाइन जैसी उन ड्रिंक्स के लिए है, जिनमें कम अल्कोहल होता है।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि राज्य सरकार की नई नीति के अनुसार, वैसे ऑफिस जहां कम से कम 5 हजार लोग काम करते हों और मिनिमम कवर्ड एरिया 1 लाख स्क्वेयर फीट हो, वहां ऑफिस परिसर में बीयर या वाइन का सेवन किया जा सकेगा। बताया जाता है कि राज्य की नई आबकारी नीति के तहत इसके लिए कंपनियों को 10 लाख रुपये सालाना भुगतान करना होगा।
इसके अलावा 5 हजार से ज्यादा कर्मचारी और 1 लाख स्क्वेयर फीट से ज्यादा कवर्ड एरिया वाले दफ्तर इसका भुगतान कर साल भर के लिए लाइसेंस ले सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार की नई आबकारी नीति अगले महीने यानी जून 2023 से प्रभावी होने वाली है।
सरकार के तरफ से कहा गया है हरियाणा में स्थित बड़े दफ्तर अगले महीने से अपने कर्मचारियों को कैंटीन में बीयर पीने की सुविधा दे सकते हैं। इसके अलावा बताया जाता है कि साथ ही राज्य सरकार ने बीयर और वाइन पर एक्साइज ड्यूटी भी कम कर दी है, मतलब अगले महीने से हरियाणा में बीयर और वाइन की कीमतें कम हो जाएंगी।
कहा गया है कि हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल ने आबकारी नीति 2023-24 को इसी सप्ताह मंजूरी दी है, जो 12 जून से लागू होगी। बताया गया है कि नई नीति के लागू होने के बाद न सिर्फ बीयर-वाइन सस्ती होंगी, बल्कि रेस्टोरेंट, पब व कैफे के लिए बार लाइसेंस लेना भी सस्ता हो जाएगा।
प्रदेश की भाजपा सरकार ने इनके लिए लाइसेंस के शुल्क को कम किया है हरियाणा के गुरुग्राम जैसे शहर कई बड़े कॉरपोरेट के सेंटर हैं,ऐसे में यह नीति मल्टीनेशनल कॉरपोरेट्स को पसंद आ सकती है लेकिन सरकार के इस कदम की आलोचना भी हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि राज्य सरकार बेरोजगारी दूर करने के बजाए युवाओं को शराब पीने के लिए प्रेरित कर रही है जो कतई सही नहीं ठहराया जा सकता है