संदीप देव व अंकुर सुन लो
दस-पन्द्रह सीटें मत सोचो , तुम्हें मिलेगा पूरा बहुमत ;
अब हिंदू को विकल्प मिला है,मिलेगें तुमको सारे ही मत ।
तुमको ये मेहनत करना है , प्रत्याशी उतारो सभी क्षेत्र में ;
उत्तम प्रत्याशी अभी से ढूँढो , विजयी होंगे पूरे देश में ।
बहुत कार्य तुमको करना है , संदीप देव व अंकुर सुन लो ;
शासन तंत्र चलेगा कैसे ? अभी से सारे पदों को चुन लो ।
सारे राजदूत की बदली , राज्यपाल भी सभी बदलना ;
पूरे शिक्षा बोर्ड बदलना , धार्मिक शिक्षा फौरन लाना ।
पूरा इतिहास बदलना होगा , सच्चा इतिहास लिखाना है ;
वामी ,कामी ,जिम्मी ,सेक्युलर , सबको तुरंत हटाना है ।
राष्ट्रद्रोह जो राज्य कर रहे , उनको भी सबक सिखाना है ;
संविधान में प्रावधान है , सत्ता से उन्हें हटाना है ।
बहुत लुट चुका देश हमारा , और नहीं लुटने देना है ;
भ्रष्टाचार करने वालों को , फांसी पर लटकाना है ।
लोकपाल बिल सख्त बनाकर , बहुत बड़ी ताकत देना है ;
जो भी जनता करे शिकायत , पूरी सुनवाई होना है ।
जनसेवक जनता के सेवक , कभी न मालिक बन पायें ;
सच्चा लोकतंत्र स्थापित , डेमोक्रेसी भाड़ में जाये ।
डेमोक्रेसी है डेमनक्रेसी , पूरा राक्षस राज है ;
दोयम दर्जा है हिंदू का , अव्वल गुंडों का समाज है ।
“एकम्-सभा” का शासन होगा , हिंदू आजादी पायेगा ;
हिंदू मंदिर सभी सुरक्षित , सरकारी कब्जा हट जायेगा ।
अब तक लुटे हैं कितने मंदिर ? आजादी के बाद से ;
सारी संपत्ति बरामद करनी , चोरों के घर-बार से ।
मंदिर की सारी भूमि हो वापस , बुलडोजर चलवाना होगा ;
एक-एक इंच भूमि हो वापस , ऐसा कानून बनाना होगा ।
कितने कानून बदलने होंगे ? कितनों को खत्म कराना है ?
न्याय का शासन – पूर्ण सुशासन , ऐसे कानून बनाना है ।
अभी से हो पूरी तैयारी , एक साल भी नहीं बचा है ;
अब्बासी-हिंदू मिटके रहेगा , उसका कुछ भी नहीं बचा है ।
हिंदू पक्का ठान चुका है , अब्बासी-हिंदू भी जान चुका है ;
अब न चलेगा उसका जादू , हिंदू उसको पहचान चुका है ।
जिसको कोई सोच न पाया , ऐसा ही होने वाला है ;
कानून का शासन-पूर्ण सुशासन,”रामराज्य” आने वाला है ।