संदीप देव। 31 मार्च के बाद यदि आपके सोने के जेवर पर 6 डिजिट अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्क नं नहीं होगा तो आप संकट के समय इसे बेच नहीं पाएंगी। बिना हॉलमार्क वाला जेवर तो नहीं ही बेच पाएंगी, यदि चार डिजिट वाला HUID हॉलमार्क है तो भी इसे नहीं बेच पाएंगी।

31 मार्च के बाद यदि ज्वेलर आपकी बिना हालमार्क या 4 डिजिट हालमार्क वाला ज्वेलरी लेगा तो आपको अपने हिसाब का औनै-पौनै दाम देगा, क्योंकि वह इसका फायदा उठाएगा। ज्वेलर तो अब 6 डिजिट हॉलमार्क से कम का रखेगा ही नहीं, तो उसके द्वारा बेचने का सवाल ही नहीं है।
और हां, चापलूसों के बहकावे में न आएं। मेरा इसी सप्ताह का एक्सपीरियंस है। जो ज्वेलरी 14 कैरेट या उससे कम (जो कि दादी-नानी के जमाने के निकल जा रहे हैं) है, उसके लिए ब्रांडेड ज्वेलर्स साफ मना कर दे रहे हैं। पिघलाने से पूर्व आपसे हस्ताक्षर कराए जाते हैं कि 14 कैरेट या उससे कम निकला तो आप अपना पिघला सोना वापस ले जाएं।
वहीं लोकल ज्वेलर्स 14 कैरेट या उससे कम वाले के औने-पौने दाम दे रहे हैं। 14 कैरेट की ऊपर की ज्वेलरी को बदलने में कोई परेशानी नहीं है। बस मूल्य कैरेट के हिसाब से आपको मिलेगा।
यह कानून सीधा उन माध्यम वर्गीय महिलाओं पर असर डालेगा, जिसके पास बहुत पुराने 14 कैरेट या उससे कम के जेवर हैं, क्योंकि तब पता नहीं चलता था कि सुनार क्या दे रहा है? अतः अपने सुनार या ब्रांडेड ज्वेलरी शॉप से 31 मार्च से पहले संपर्क कर लें और अपने सोना का कैरेट चेक करवा कर हॉलमार्क जेवर से बदल लें ताकि अपका सोना हमेशा मूल्यवान बना रहे। धन्यवाद।
sandeepdeo
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