हर रोज़ कमसकम आधा घंटा संगीत सुनना व्यकित के हृदय के स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है. यह दावा हाल ही में हुए एक शोध में किया गया. यह शोध सर्बिया में किया गया और वहां के बेल्ग्रेड विश्विद्यालय के प्रोफेसर प्रेडरैग मित्रोविच इस शोध के प्रमुख लेखक हैं. यह शोध अमेरिकन कांलेज आंफ कार्डियोलाजी के 28 से 30 मार्च तक होने वाले वार्षिक वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा.
शोध के दौरान सर्बिया के एक अस्पताल में भर्ती हृद्याघात के रोगियों की पहचान की गई. तत्पश्चात प्रयोग के तौर पर इनमे से 50 प्रतिशत रोगियों का इलाज मात्र दवाइयों द्वारा किया गया और बाकी के रोगियों को दवाई देने के साथ साथ नियमित रूप से संगीत भी सुनाया गया. सात वर्षों तक इन रोगियों को प्रतिदिन एक नियमित समय पर संगीत सुनाया गया. और इस अवधि के पश्चात जब परिणामों का आंकलन किया गया तो संगीत सुनने वाले मरीज़ों की हृदय रोग से उबरने की क्षमता सिर्फ दवाइयों का सेवन करने वालों के मुकाबले बेहतर थी. यह पाया गया कि इनमे स्ट्रेस यानि चिंता की मात्रा कम थी, दर्द की अनुभूति भी कम थी. सबसे प्रमुख तौर पर इन रोगियों में हार्ट फेल की दर में 18 प्रतिशत, बाद में दिल का दौरा पड़्ने की दर में 23 प्रतिशत और बाइपास सर्जरी की आवश्यकता में 20 प्रतिशत की कमी देखी गयी.
मानव मस्तिष्क पर संगीत के सकरात्मक प्रभावों को लेकर विश्व भर में कई शोध हो चुके हैं. संगीत थेरेपी का प्रयोग जेल के कैदियों से लेकर मानसिक बीमारियों से ग्रस्त रोगियों पर भी किया गया है. मनोरोग चिकित्सा में तो म्यूज़िक थेरेपी इलाज का एक ऐसा तरीका है जिसे सर्वसम्मत मान्यता प्राप्त है. आज जब पूरा विश्व कोरोना वाइरस की विभीषिका से जुझ रहा है, तो ऐसे में संगीत की सकरात्मक ऊर्जा का महत्व और भी बढ जाता है. अमरीका और इटली सहित कई यूरोपीय देशों में तो लोग इस समय अपने घरों में बंद संगीत की साधना कर अपना आत्मविश्वास और हौसला कायम रख रहे हैं. लोग अपने आप को नकरात्मक खयालों से दूर रखने के लिये संगीत का अभ्यास भी कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर अपने संगीत अभ्यास के वीडियो भी डाल रहे है. तो कोरोना वायरस के समय में भी संगीत की सकरात्मक ऊर्जा ने लोगों को विश्वास और उम्मीद के सूत्र से आपस में बांधा हुआ है.