भले ही ‘पेटीकोट पत्रकार’ रवीश कुमार के एनडीटीवी पर कन्हैया के पक्ष में शोर आपको सुनाई दे, लेकिन बेगूसराय में कन्हैया की जमीन खिसकती नजर आ रही है। वह जहां जा रहा है, लोग उसे घेर कर हूटिंग कर रहे हैं, उसके प्रति आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं और उससे पूछ रहे हैं कि ‘वह किस तरह की आजादी चाहता है?’
लुटियन्स लाॅबिस्ट और शहरी माओवादियों के चहेते जेएनयू के पूर्व छात्र और देशद्रोह का आरोपी कन्हैया कुमार के समर्थन में शेहला राशिद, स्वरा भास्कर, जिग्नेश मवाणी सहित पत्रकार रवीश कुमार, राहुल कंवल आदि वहां पहुंच कर खूब एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन जमीन पर कन्हैया की स्थिति बेहद खराब है।
रिपब्लिक टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कन्हैया कुमार ने मटिहानी क्षेत्र के विभिन्न गांव में रोड शो किया गया । उसी दौरान रामदिरी गांव में मतदाताओं ने उसे घेर कर न केवल हूटिंग किया, बल्कि उसके काफिले को घंटों बाधित रखा।
जेएनयू में देशद्रोही नारे वाला कांड और कन्हैया कुमार खुद सवर्ण होते हुए सवर्ण आरक्षण के विरोध जैसे मुद्दा पर उन्हें ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लिहाजा गुस्साए ग्रामीणों ने उनके काफिले को रोककर कई सवाल दागे।
ग्रामीणों ने पूछा कि आप कौन सी आजादी चाहते हैं? आप तो जेएनयू में नारा लगाते है देश विरोधी, फिर लोग क्यों देगा आपको वोट? ग्रामीणों ने कहा, आप तो ‘ भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह, इंशाअल्लाह जैसे नारे लगाते हैं, फिर आप लोगों से वोट मांगने के लिए क्यों आए हैं?
खुद को घिरता देख, कन्हैया ने वामपंथियों की वर्षों से आजमायी हुई चाल चली और सवाल पूछने वाले ग्रामीणो को भाजपा समर्थक करार दिया। भाजपा समर्थक कहने पर ग्रामीणों ने कहा कि देश विरोधी नारे लगाने वाले कन्हैया के पास जब कोई जवाब नहीं होता, तो वह ऐसे ही मुद्दों से भटकाने की कोशिश करता है। एक ग्रामीण ने कहा, उसने कहा आइए मेरी गाड़ी में बैठ जाइए, इस पर ग्रामीणों ने कहा, हम देशद्रोही की गाड़ी में नहीं बैठते। आपकी गाड़ी में बैठने का कोई फायदा नहीं है।
बेगुसराय कौनसा राजय मे आता है?