इसमें अधिकांश अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(JNU) के फरहत हसन, नजफ हैदर, रामचन्द्र गुहा जैसे मार्क्सवादी-इस्लामवादी इतिहासकार भरे गये हैं।
मोदी सरकार का शिक्षा मंत्रालय पिछले छह साल से मार्क्सवादियों को हटाना तो छोड़िए, उल्टा भरती कर रहा है। नेहरू-इंदिरा की तरह आज भी भारत की शिक्षा व्यवस्था वामपंथियों को आउटसोर्स ही किया जा रहा है। क्या करिएगा?
आर.सी मजूमदार, यदुनाथ सरकार, सीताराम गोयल जैसे इतिहासकारों की आत्मा न जाने कब तक रोती रहेगी!
This news is fake. Other wise you quote Government data on this for this year .