कर्नल श्रीकांत पुरोहित के हाथ से लिखा हुआ 24 पृष्ठ का वह चौंकाने वाला पत्र सामने आ चुका है जो उन्होंने मानवाधिकार आयोग को लिखा था। इस पत्र में कर्नल ने मानवाधिकार आयोग को बताया है कि किस हद तक उन्हें प्रताड़ित किया गया था। पुरोहित ने पत्र के माध्यम से मानवाधिकार आयोग से साल 2013 के दिसंबर में शिकायत की थी। उन्होंने पत्र की शक्ल में अपनी शिकायत में बताया था कि किस प्रकार सैन्य खुफिया अधिकारी और महाराष्ट्र पुलिस की ATS टीम ने साल 2008 के अक्टूबर और नवंबर में कई सप्ताह तक उन्हें प्रताड़ित किया। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया है कि महाराष्ट्र एटीएस के अधिकारी रहे स्वर्गीय हेमंत करकरे, थाणे के पुलिस कमिश्नर रहे परमवीर सिंह तथा सैन्य खुफिया अधिकारी कर्नल राजीव कुमार श्रीवास्तव (उस समय वह दिल्ली मुख्यालय में तैनात था) ने उन्हें बर्बतापूर्व प्रताड़ित किया।
मुख्य बिंदु
* सामने आया कर्नल पुरोहित के हाथ से लिखा 24 पृष्ठों का चौंकाने वाला पत्र।
* एटीएस के कई अधिकारी पर लगाए हैं आरोप
* भगवा आतंकवाद को स्थापित करने के लिए मालेगांव ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने के लिए किया गया प्रताड़ित
कर्नल पुरोहित ने मानवाधिकार आयोग को हाथ से लिखकर अपनी शिकायत की थी। अपनी शिकायत में पुरोहित ने महाराष्ट्र एटीएस अधिकारी मोहन कुलकर्णी (उस समय मुंबई एटीएस में एसीपी) तथा उस समय एटीएस के वरिष्ठ निरीक्षक अरुण खानविल्कर पर आरोप लगाया है कि इन लोगों ने 2008 में 5 नवंबर को गिरफ्तार करने की तारीख से पहले और बाद, कई सप्ताह तक उन्हें प्रताड़ित किया।
कर्नल पुरोहित के इस पत्र को टाइम्स नाऊ ने अपने शो में दिखाया था। इसके बाद पीगुरु वेबसाइट ने भी कर्नल पुरोहित की उस चिट्ठी की प्रतियों को अपनी वेबसाइट में प्रकाशित किया है। पुरोहित के इस पत्र ने कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की पोल खोलकर रख दी है। कांग्रेस ने मुसलिम तुष्टिकरण और हिंदुओं से नफरत की अपनी राजनीति को परवान चढ़ाने के लिए हिंदू आतंकवाद की अवधारणा गढ़ी थी। अपने हित के लिए कांग्रेस देश की सुरक्षा से भी खिलवाड़ करने से बाज नहीं आती। अगर ऐसा नहीं है तो फिर कांग्रेस के शासनकाल में कैसे एक सैन्य खुफिया अधिकारी को बर्बतापूर्ण तरीके से प्रताड़ित किया गया?
A bone-chilling letter by Lt Col Purohit accessed, barbarity that Lt Col Purohit allegedly suffered in custody revealed, he claims he was stripped, beaten and threatened to own up to a crime that he never committed @MeghaSPrasad takes you through the details #PurohitTortureLetter pic.twitter.com/a4T1kyUFab
— TIMES NOW (@TimesNow) June 13, 2018
हड्डी को गला देने वाली अपनी चिट्ठी में पुरोहित ने बताया है कि किस प्रकार मालेगावं विस्फोट मामले की जिम्मेदीर अपने ऊपर लेने के लिए उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने लिखा है कि “29 अक्टूबर 2008 को उन्हें मध्य प्रदेश की पंचमरही स्थित सैन्य शिक्षण सेवा की प्रशिक्षण स्कूल से कर्नल आरके श्रीवास्तव ने उठाया था। उस समय उसके पास दिल्ली स्थित खुफिया एजेंसी मुख्यालय से जारी आदेश था। वहां से चलने के आदेश जारी करने के बाद भोपाल एयरपोर्ट पर उसने सारे फोन जब्त कर लिए और वहीं श्रीवास्तव ने बताया कि वे लोग उन्हें मुंबई एयरपोर्ट ले जा रहे हैं।”
“श्रीवास्तव की बदतमीजी भोपाल एयरपोर्ट से ही शुरू हो गई थी। उसने पुरोहित को किसी को भी फोन करने से मना किया साथ में यह भी धमकी दी कि अगर उसकी बात नहीं मानी तो वह उन्हें पीटेगा। मुंबई एयरपोर्ट पर खुफिया ब्यूरो के अधिकारी संजीव गर्ग पहले से ही पुरोहित को ले जाने के लिए गाड़ी के साथ इंतजार कर रहा था। देर रात मुंबई पूछताछ केंद्र पहुंचते ही तुरंत कर्नल से पूछताछ शुरू कर दी गई और एक घंटे के अदंर हेमंत करकरे और परमबीर सिंह के सामने उन्हे पीटना शुरू कर दिया गया। वे लोग पूरे दिन मालेगांव विस्फोट की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने के बारे में कहते रहे।”
कर्नल ने अपनी चिट्ठी में लिखा है “पूछताछ हो ही रही थी कि अचानक अपनी कुर्सी से कर्नल श्रीवास्तव मुझ पर झपटा और मुझे शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पिटाई के दौरान वह मां-बहन और पत्नी के नाम से भद्दी-भद्दी गलियां दे रहा था। बिना किसी मोहलत के मुझे चांटे मारने शुरू कर दिए। हाथ थक जाने के बाद लातों से मुझे मारना शुरू कर दिया। ऐसा लग रहा था कि उनलोगों ने पहले कई बार इस तरह का अभ्यास किया हो। इसके बाद महाराष्ट्र एटीएस के निरीक्षक स्तर के अधिकारी के साथ कुछ कांस्टेबल हरकत में आ गए। उनलोगों ने मेरे दोनों हाथ पीछे कर पीठ के सहारे से नीचे झुका दिया! इसके बाद मेरे बाल खींच चेहरे को ऊपर उठाकर घूंसा मारा।” पुरोहित ने अपने पत्र में विस्तार से प्रताड़ना की घटना का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि “इतना प्रताड़ित इसलिए किया गया ताकि मैं मालेगांव ब्लास्ट की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लूं।”
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि ने हाल ही में लिखी अपनी किताब “हिंदू टेरर- एन इनसाइडर एकाउंट ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स” में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और स्वर्गीय हेमंत करकरे की बीच के गुप्त साठगांठ को उजागर किया है। इस किताब में फर्जी हिंदू टेरर थ्योरी और पूर्व आईपीएस अधिकारी स्वर्गीय हेमंत करकरे के जुड़ाव को भी उजागर किया है। अब जब कर्नल पुरोहित द्वारा मानवाधिकार आयोग को लिखी चौंकाने वाली चिट्ठी सामने आ गई है तब तो यह स्पष्ट हो जाता है कि फर्जी हिंदू टेरर की थ्योरी स्थापित करने के पीछे कौन था?
मालूम हो कि जब ये सब षड्यंत्र रचे जा रहे थे उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी जिसका नियंत्रण सोनिया गांधी कर रही थी। इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि दिग्विजय सिंह तो महज एक प्यादे की भूमिका निभा रहा था। महारानी की भूमिका में तो स्वयं सोनियां गाधी थी। और हो न हो उसी के इशारे पर हिंदुओं को पूरी दुनिया में बदनाम करने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया हो, जिसका शिकार कर्नल पुरोहित जैसे देशभक्त को होना पड़ा? मोदी सरकार को इस मामले में संज्ञान लेकर उन अधिकारियों को सबक सिखाना चाहिए जिसने कांग्रेस जैसे राजनीति पार्टी के हित के लिए कर्नल पुरोहित जैसे सच्चे और देशभक्त अधिकारियों पर इतने बर्बर जुल्म किए।
जब पुरोहित ने मजिस्ट्रेट को अपनी प्रताड़ना के विवरण दिए तब जाकर उन्हें इलाज के लिए सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया। अस्पताल के सारे दस्तावेजों से यह साबित होता है कि कर्नल पुरोहित के साथ कितनी बर्बरता की गई थी? इन दस्तावेज के मुताबिक उनके पूरे शरीर पर चोट और घाव के निशान मिले हैं यहां तक कि उनके गुप्तांगों पर भी चोट और घाव के निशान हैं।
इतना ही नहीं अस्पताल से बाहर निकलते ही धूर्त अधिकारियों ने उन्हें फिर से पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। उधर उसी समय कांग्रेस अपने गैंग के पत्रकारों को हिंदू टेटर या भगवा आतंकवाद की घुट्टी पिलाकर उसे पूरे देश में प्रचारित करने के काम में जुटी थी। उस समय इंडियन एक्सप्रेस और तहलका जैसी पत्रिकाएं केंद्रीय गृह मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर कांग्रेस की इस थ्योरी को खाद-पानी देने में अग्रणी भूमिका निभा रही थी।
URL: Lt Col Purohit wrote a letter to human right and alleges, was tortured in custody by Maharashtra ATS
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