“महाकुम्भ” चौपट हो जाता
आतंकवाद के नये रूप हैं , आगजनी – भगदड़ करवाना ;
इसी तरह से चोरी-चोरी , जगह – जगह हिंदू मरवाना ।
बम विस्फोट न होने देता , गैर-हिंदू भी मर सकता है ;
नया रूप आतंकवाद का , हिंदू पर छुपा हुआ हमला है ।
नेतृत्व विहीन हो चुका है भारत , पूरा सिस्टम नाकारा है ;
भ्रष्टाचार से बुद्धि भ्रष्ट है , हिंदू तो बेचारा है ।
भ्रष्टाचार से कदाचार है , दुराचार व अत्याचार ;
अब्बासी-हिंदू नेता के कारण , बढ़ता जाता है व्यभिचार ।
घोर-पापी हो जहाॅं का राजा , पूरा-शासन पापी हो जाता ;
ऊपर से अज्ञानी – हिंदू , महाकुम्भ चौपट हो जाता ।
जब तक अच्छी-सरकार न होगी , महाविनाश ये नहीं रुकेगा ;
प्रारम्भ हो चुका मौत का तांडव,नाकारा शासन न रोक सकेगा
जागो हिंदू ! अब तो जागो , तब शायद विनाश थम जाये ;
धर्म-सनातन में सब जागो , अच्छी-सरकार तभी मिल पाये ।
जब अच्छी-सरकारें होगी , तब ही हिंदू ! तू बच पायेगा ;
वरना ये गंदी-सरकारें , पूरा भारत मिट जायेगा ।
अच्छी-सरकार बनेगी कैसे ? सुप्रीम-कोर्ट को जागना होगा ;
चुनाव-आयोग की मुश्कें कसकर , ईवीएम हटाना होगा ।
शान्तिपूर्ण बस यही मार्ग है , अच्छी-सरकार बनाने का ;
सुप्रीम-कोर्ट ढीले मत पड़ना , वरना सब मिट जाने का ।
फिर न मानव-धर्म बचेगा , भारत भी मिट जायेगा ;
सुप्रीम-कोर्ट तेरी गफलत से , देश खत्म हो जायेगा ।
इतना बड़ा संकट भारत पर , जितना पहले कभी नही था ;
सुप्रीम-कोर्ट ये संकट भांपो , फिर न कहना पता नहीं था।
वैसे होनी बहुत प्रबल है , करना होगा प्रचण्ड-पुरुषार्थ ;
तुझको ये करना ही होगा , तब ही तेरे होने का अर्थ ।
संविधान मर रहा देश में , कौन करेगा उसकी रक्षा ?
तुम रक्षक हो संविधान के , इसकी पूरी करो सुरक्षा ।
सम्मान हो पूरा जनादेश का , लोकतंत्र की पहली शर्त ;
अब्बासी-हिंदू भारत का नेता , नहीं मानता कोई शर्त ।
डिक्टेटरशिप ये चला रहा है , इसका झूठा हर-व्यवहार ;
प्रेस-मीडिया बिक चुका है पूरा , गले में लटकी है तलवार ।
लोकतंत्र को मिटा दिया है , हिंदू – धर्म मिटाने को है ;
भ्रष्टाचार बढ़ाया इतना , अब सब-कुछ मिट जाने को है ।
सुप्रीम-कोर्ट तुम अंतिम-आशा , अच्छी-सरकार बनाना होगा :
वरना सब-कुछ मिटने वाला है , तब तुमको पछताना होगा ।
“जय सनातन-भारत “,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”