सर्वोच्च सनातन धर्मगुरुओं की अनर्गल बयानबाजी से नाराज महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने उनपर महाकुम्भ जैसे अमूल्य अवसर को व्यर्थ करने का आरोप लगाया।
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े से एक वीडियो जारी करके महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज हमारे तथाकथित वरिष्ठ आचार्यगण केवल व्यर्थ के मुद्दों पर ही अपनी जिह्वा को तेज करके सौ करोड़ हिन्दुओ को दिग्भ्रमित कर रहे हैं।भारतवर्ष इस्लामिक होने के कगार पर पहुंच चुका है और हमारे वरिष्ठ आचार्यगण इस पर चिंतित ना होकर अपने वैभव प्रदर्शन में लगे हुए हैं।क्या तथाकथित धर्मगुरुओं का व्यक्तिगत वैभव सनातन धर्म की रक्षा कर सकेगा,यह बात आज हर हिन्दू को स्वयं से पूछनी चाहिए।हमारे त्रिकालदर्शी धर्मगुरुओं को यह बात समझनी चाहिये कि अनेक बार खण्ड खण्ड हो चुके भारत का यह टुकड़ा हमारी अंतिम शरणस्थली है।
यह भी हमसे छीन गयी तो सनातन धर्म के बीज की भी रक्षा नहीं हो सकेगी।यहाँ भयानक रूप से बढ़ती हुई मुस्लिम आबादी बहुत जल्दी लोकतांत्रिक तरीके से भारत को छीन कर इसे इस्लामिक देश बना देगी।इस्लामिक भारत सम्पूर्ण विश्व और मानवता के लिये सबसे बड़ा खतरा होगा क्योकि इस्लामिक भारत सम्पूर्ण विश्व के जिहादियों का गुरु होगा।
आज भी सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित इस्लामिक विश्वविद्यालय दारुल उलूम और उसकी दो सहयोगी संस्थाए तब्लीगी जमात और जमीयते उलमा ए हिन्द पूरी दुनिया के मुसलमानों को जिहाद सीखा कर निर्दोष नागरिकों की हत्या करवा रही हैं।वस्तुतः हमारे तथाकथित धर्मगुरु जो बार बार सार्वजनिक मंचो और व्यास पीठो के भारत के विश्वगुरु बनने की घोषणा करते हैं,वह इस्लामिक भारत होगा जिसके इस्लामिक धर्मगुरु और संस्थाए सम्पूर्ण विश्व के इस्लाम का नेतृत्व करके मानवता का सर्वनाश करेंगे।
ये लोग भारत को भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश की तरह हिन्दुओ से विहीन कर देंगे।हिन्दुओ के भारत से समाप्त होने का अर्थ सनातन धर्म का सम्पूर्ण विनाश होगा और इसके उत्तरदायी केवल और केवल सनातन के धर्मगुरु होंगे जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिये ना तो स्वयं कुछ भी किया और ना ही श्रद्धालु हिन्दू समाज को कुछ करने दिया।अगर यह धर्मगुरु हिन्दुओ को सत्य बताते तो हिन्दू समाज सनातन को बचाने का मार्ग खोज ही लेता।
उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी जी,महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि जी महाराज तथा अन्य सन्तो को साधुवाद दिया जिन्होंने सत्य को स्वीकार करते हुए प्रयागराज महाकुम्भ में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित किया।