आईएसडी नेटवर्क। छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप को लेकर सोमवार को मुंबई में हंगामा हुआ। एक एनसीपी नेता ने सिनेमाघरों में चल रही ‘हर हर महादेव’ का शो रुकवा दिया। इस नेता ने अपने सौ समर्थकों के साथ जाकर शो रुकवाया। जब एक दर्शक ने विरोध किया तो कुछ लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। महाराष्ट्र की राजनीति में सिनेमाई उबाल आ रहा है। ये केवल ‘हर हर महादेव’ को लेकर नहीं है। महेश मांजरेकर की शिवाजी के इतिहास पर आधारित फिल्म की कथा वस्तु को लेकर भी विरोध शुरु हो गया है।
महाराष्ट्र के राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता जितेंद्र आह्वाड अपने सौ समर्थकों के साथ सोमवार की शाम ठाणे के एक थियेटर में पहुंचे। इन लोगों ने थियेटर में जबर्दस्त हंगामा किया और शो रुकवा दिया। इनका आरोप है कि फिल्म में छत्रपति शिवाजी का गलत चित्रण किया गया है। इनका ये भी आरोप है कि फिल्म में बहुत से काल्पनिक तथ्यों को शामिल किया गया है।
जब जितेंद्र आह्वाड ने शो रुकवाया तो कुछ दर्शकों ने इसका विरोध किया। आह्वाड के साथ आए लोगों ने एक दर्शक की पिटाई भी कर दी। खबर आ रही है कि मराठा संगठनों के सदस्यों ने पुणे के एक थियेटर में इस फिल्म की स्क्रीनिंग को रोक दिया। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में एक हिंदुत्ववादी छवि की सरकार बैठी हुई है। मुंबई के फिल्म उद्योग को तो महाराष्ट्र की सरकारें पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती हैं, फिर एक मराठी फिल्म के विरोध को एकनाथ शिंदे सरकार दबा नहीं पा रही है।
शिंदे सरकार जब बॉलीवुड को सुरक्षा दे सकती है तो इस फिल्म को सुरक्षा प्रदान क्यों नहीं कर रही है। ठाणे पुलिस ने पूर्व मंत्री व राकांपा विधायक आह्वाड व उनके 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनके विरुद्ध दर्शकों से मारपीट, फिल्म प्रदर्शन रोकने और अन्य आरोपों में एफआईआर दायर कर ली गई है। दरअसल मराठी फिल्मों के विरोध की ये राजनीति शिवाजी के वंशज और पूर्व सांसद संभाजीराव छत्रपति के बयान के बाद शुरु हुई है।
संभाजीराजे छत्रपति ने कहा था कि किसी भी फिल्म में मराठा सम्राट का गलत ढंग से चित्रण बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने महेश मांजरेकर की आगामी मराठी फिल्म ‘वेडात मराठे वीर दौडले सात’ का विरोध किया था। गौरतलब है कि फिल्म में शिवाजी की भूमिका अभिनेता अक्षय कुमार निभाने जा रहे हैं। एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे की इच्छा थी कि इस भूमिका को अक्षय कुमार को करना चाहिए।
एक कार्यक्रम में उन सात कलाकारों को जनता के सामने लाया गया था, जो ‘वेडात मराठे वीर दौडले सात’ में मावळों की भूमिका निभा रहे हैं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे मौजूद थे। यहाँ अक्षय कुमार ने स्वयं मराठी में बताया कि वे शिवाजी महाराज की भूमिका करने जा रहे हैं। अक्षय ने ये भी कहा कि इस भूमिका को करने के लिए राज ठाकरे ने उन्हें प्रेरित किया था।
स्पष्ट है कि फिल्म को लेकर भाजपा -शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति के नजरिये से देखे तो ये दोनों मराठी फ़िल्में शक्ति प्रदर्शन और विरोध की राजनीति का टूल बन गई है। पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति के विरोध के बाद एनसीपी उनके साथ आ गई है। संभाजीराजे छत्रपति और शिवसेना के बीच मतभेद चल रहे हैं।
इसी वर्ष राज्यसभा के लिए संभाजीराजे ने शिवसेना से समर्थन माँगा था। जबकि शिवसेना चाहती थी कि वे उनकी पार्टी की ओर से लड़े। संभाजीराजे निर्दलीय लड़ना चाहते थे और समर्थन न मिलने के बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था। ऐसा लग रहा है कि महेश मांजरेकर की फिल्म को एकनाथ शिंदे और राज ठाकरे का खुला समर्थन मिलते देख संभाजीराजे ने नया मोर्चा खोल दिया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति सन 2016 में भाजपा की सहायता से राज्यसभा जा चुके हैं लेकिन अब उनके और भाजपा के बीच खटास आ गई है। अब महाराष्ट्र की हालिया राजनीति की बंदूक दो फिल्मों के कन्धों पर रखकर चलाई जा रही है।