भारत को रहने योग्य बनाओ,कानून का शासन फौरन लाओ ;
कानून का शासन तब आयेगा , जब अच्छी-सरकार बनाओ ।
अच्छी – सरकार बनेगी कैसे ? ई वी एम हटाना होगा ;
चुनाव-आयोग की ओवरहालिंग, निष्पक्ष-चुनाव कराना होगा ।
सुप्रीम-कोर्ट को करना था ये ,पर उसके छक्के छूट चुके हैं ;
अब जनता ही आगे आये या उसके सपने भी टूट चुके हैं ।
देखो ! सपने कभी न टूटें , वरना सब कुछ बेकार है ;
अब्बासी-हिंदू नेता को हटाओ , जो सबसे-बड़ा मक्कार है ।
भ्रष्टाचार का पोषक है ये , ये हिंदू का शोषक है ;
भेड़ की खाल में छुपा भेड़िया , म्लेच्छों का पारितोषक है ।
अभी तो रहने योग्य नहीं है , जल्दी ही मिट जायेगा ;
हिंदू ! अब भी न जागा तो , ये भारत मिट जायेगा ।
जागो हिंदू ! फौरन जागो , सारे – हिंदू आंदोलित हो ;
हर – हिंदू को ठानना होगा , शांत नहीं आक्रोशित हों ।
शिव का तीसरा – नेत्र खुलेगा , हिंदू की क्रोधाग्नि में ;
सारा – अन्याय जलाना होगा , आंदोलन की अग्नि में ।
सारे मिलकर आवाज उठाओ , हमें सुशासन पाना है ;
एकमात्र इसका साधन है , अच्छी-सरकार बनाना है ।
आजादी से लेकर अब तक , अच्छी-सरकार कभी न आई ;
हिंदूवादी – पार्टी जाना था , वो निकली सबसे हरजाई ।
तथाकथित हिंदूवादी दल , कतई नहीं हिंदूवादी दल ;
समलैंगिक है मातृ-संस्था , सड़ा हुआ पूरा दलदल ।
इस दलदल के फूल हैं जितने , सड़े हुये हैं बदबूदार ;
देश को मिलकर लूट रहे हैं , चोर हैं सारे-चौकीदार ।
कान खोल कर ये सब सुन लें , ये अपनी चिता सजाते हैं ;
भारत ही जब नहीं बचेगा , तब कैसे ये जान बचाते हैं ?
जहॉं भाग कर ये जायेंगे , वहॉं भी मारे जायेंगे ;
जान , माल , सम्मान लुटेगा , सबके सर काटे जायेंगे ।
धन – दौलत सब धरी रहेगी , इज्जत न बच पायेगी ;
गैंगरेप बेटी संग होगा , टुकड़ों में काटी जायेगी ।
देश लूटने वालों का अब , निश्चित होगा अंजाम यही ;
नेता – अफसर नहीं बचेगा , चाहे भागे दुनिया में कहीं ।
अब बचने का मार्ग यही है , अपनी सब गलती ठीक करो ;
ईवीएम को लात मारकर , चुनाव-आयोग को दुरुस्त करो ।
सम्मान हो पूरा जनादेश का , अच्छी-सरकार सुनिश्चित हो ;
भारत ! रहने योग्य बनेगा , कानून का शासन निश्चित हो ।