शाहीन – बाग से डर जाता है , रोड – जाम से घबराता ;
हिंदू-मंदिर तुड़वाया करता, मस्जिद-मजार से भय खाता ।
जेहादी – गुंडागर्दी से , कायर – सरकारें डरती हैं ;
डूब मरो चुल्लू भर पानी , सारी दुनिया हंसती है ।
यूपी-आसाम से शौर्य को ले लो , संविधान से शासन हो ;
जस का तस कानून हो लागू,केवल कानून का शासन हो ।
इसीलिए सरकारें होतीं , राज्य- व्यवस्था होती है ;
पर जब नेता अक्षम होता , तभी फजीहत होती है ।
बहुमत तो पूरा है तुझको , वोटर ने विश्वास किया ;
पर तू पूरा फिसड्डी निकला , वोटर से ही घात किया ।
विश्वासघात की सारी सीमा , तूने पीछे छोड़ दी ;
गांधीवाद में अंधा होकर , धर्म की निष्ठा तोड़ दी ।
धर्म बिना जो मानव होता , वो पशुपत हो जाता है ;
परम-स्वार्थ में अंधा होकर , पाषाण-हृदय बन जाता है ।
राज्य – धर्म की हर मर्यादा , अब तो तूने तोड़ दी ;
धर्म – सनातन की अच्छाई , तूने बिलकुल छोड़ दी ।
दो साल भी और रह गया , सत्यानाश करा देगा ;
छिटपुट दंगों की बात नहीं है , गजवायेहिंद करा देगा ।
पार्टी फौरन पल्ला झाड़े , यदि अस्तित्व बचाना है ;
यूपी से योगी को लाकर , पार्टी मजबूत बनाना है ।
हर – सच्चा हिंदू ये चाहे , गद्दारों की बात छोड़ दो ;
हिंदू – धर्म सूर्य हैं योगी , उनके लिए मैदान छोड़ दो ।
योगी को हर हाल में लाना , अपना देश बचाना है ;
योगी को जल्दी लाना है , गद्दारों को जाना है ।
हर – हिंदू की मांग यही है , बार – बार इसको दोहराओ ;
योगी लाओ धर्म बचाओ , योगी को पीएम बनवाओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”