पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्यारिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश में लोकतंत्र बचाने की दुहाई दे रही है। दो दिन पहले ही कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में भाजापा के खिलाफ 22 विरोधी पार्टियों का जमघट बुलाकर देश में लोकतंत्र खतरे में होने का नारा दिया था। जबकि सच्चाई यह है कि वह अपने ही राज में लोकतंत्र का गला घोंटने पर आमादा हैं। ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मालदा में होने वाली रैली को रोकने के लिए शाह के हेलिकाप्टर को वहां उतरने की इजाजत नही दी है। इससे पहले भी उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की रथ यात्रा पर रोक लगा दी।
और अब जब भाजपा ने कोर्ट के आधेशानुसार मालदा में अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमति शाह की रैली आयोजित कर रही थी तो ममता ने उनका हेलिकॉप्टर उतरने की इजाजत नहीं देने दी। पश्चिम बंगाल ने इसका जो कारण दिया है वह भी झूठ पर आधारित है। ममता सरकार का कहना है कि हेलिपैड के पास कंस्ट्रक्शन वर्क होने और वहां बहुत अधिक धूल होने के कारण इजाजत नहीं दी गई है। जबकि लोकल मीडिया का कहना है कि वहां कोई कंस्ट्रक्शन का काम नहीं चल रहा है, न ही वहां पर कोई अवरोध है। ममता सरकार ने भाजपा से डरकर उनके नेताओं को प्रदेश में रैली नहीं करने देना चाहती है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने जनाधार खिसकने का डर सता रहा है। ऐसा तभी होता है जब प्रदेश की सरकार वहां की जनता के लिओ कोई काम नहीं किया हो।
जनता के पैसे पर अपने प्रदेश में देश भर के विरोदी दलों का जमघट बुलाकर देश में भय मुक्त वातावरण बनाने की पैरोकार बनी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रदेश में लोकतंत्र का सत्यानाश कर चुकी हैं। जो भी विरोधी नेता यहां आते थे उन्हें पता होना चाहिए कि यह वहीं ममता बनर्जी है जिन्होंने अपने गुंडों के बल पर पंचायत चुनाव के दौरान अपने विरोधियों को नामांकन तक दाखिल नहीं करने दिया था। भय से कोई नामकांन दाखिल नहीं कर रहा था।
कोलकाता में जुटे विरोधी दलों के नेता ईवीएम पर सवाल खड़े करते हुए बैलट पेपड़ से चुनाव कराने की पैरवी की है। उन्होंने भुला दिया कि जहां से वह यह बात बोल रहे थे, वहां बैलट पेपड़ लूटने वाली सबसे बड़ी आरोपी ममत बनर्जी भी मौजूद थी। उन्हें पता होना चाहिए कि बैलट पेपड़ का उन्होंने क्या किया था? मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव बैलट पेपर से ही हुआ था। चुनाव के बाद कई बैलट पेपर नदी में बहते हुए मिले थे। सवाल उठता है कि क्या ममता बनर्जी और उनके साथ आए विपक्षी दलों के नेता फिर से देश में बैलट पेपर लूटने का समय दुबारा लाना चाहते हैं ?
इस समय देश में कहीं एक जगह लोकतंत्र पर खतरा है तो वह है पश्चिम बंगाल और कोई एक व्यक्ति लोकतंत्र का गला घोंटने आमादा है तो वह है वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी।
URL : Mamta Govt denies permission to amit shah chopper in Malda!
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