दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिल्ली कांग्रेस की प्रमुख शीला दीक्षित ने मोदी सरकार की आंतकियों के खिलाफ नीतियों को बेहद मजबूत करार दिया है। 26/11 2008 को मुंबई पर हुए और पुलवामा पर हमले के बाद पाकिस्तान में हुए एयर स्ट्राइक की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि आंतकी हमले के बाद मनमोहन सरकार ने उतने प्रभावी कदम नहीं उठाए थे, जितने की मोदी सरकार ने पुलवामा में आतंकी हमले में 40 सैनिकों के शहीद होने के बाद आंतकियों के खिलाफ उठाए हैं।
शीला दीक्षित ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि मनमोहन सिंह उतने सख्त नहीं थे, जितने वह (मोदी) हैं।’ ये बात उन्होंने भारतीय वायुसेना के द्वारा पुलवामा आतंकी हमले के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के बालाकोट स्थित कैंपों पर की गई एयर स्ट्राइक के सवाल पर कही। बता दें कि भारतीय वायुसेना की इस एयर स्ट्राइक में लगभग 250-300 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
शीला दीक्षित के इस बयान के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर उन्हें धन्यवाद दिया है।
गौर करने वाली बात यह है कि आज ही सोनिया गांधी के बेहद करीबी कांग्रेस नेता व प्रवक्ता टाॅम वडक्कम ने भी यह कहते हुए कांग्रेस छोड़ दिया है कि पाकिस्तान के आतंकी कैंप पर भारतीय वायु सेना के हमले के बाद जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने इस पर सवाल उठाया, उससे असहज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ी है। वडक्कम आज ही भाजपा में शामिल हुए हैं। यही नहीं, बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता भी कांग्रेस द्वारा एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने पर पार्टी छोड़ दिया है।