Archana Kumari. महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सौ करोड़ की वसूली के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनके घर छापा मारा और कई दस्तावेज जब्त किए। केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि मुंबई और नागपुर स्थित अनिल देशमुख के ठिकाने पर यह छापेमारी करीब 10 घंटे चली और केस से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जप्त किए गए।
इस छापेमारी का विरोध एनसीपी कार्यकर्ताओं ने किया। उधर, एंटीलिया मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिसकर्मी सुनील माने को निलंबित कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमवीर सिंह ने पूर्व मंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए थे ,जिसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय जांच एजेंसी मामले की जांच में जुटी हुई है।
सीबीआई इस मसले पर अनिल देशमुख के दो निजी सहायक समेत कई पुलिस अधिकारियों का बयान दर्ज कर चुकी है जबकि सीबीआई ने देशमुख और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कर रखी है।
केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रारंभिक जांच शुरू की गई थी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अनिल देशमुख एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू करने के लिए छापेमारी के दौरान पर्याप्त प्रथम दृष्टया सामग्री मिलीं।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने मुंबई तथा नागपुर मे छापे मारे। ज्ञात हो कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने 25 मार्च को देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन समेत अन्य अधिकारियों को बार एवं रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था।
सचिन एनआईए द्वारा गिरफ्तार हो चुका है जबकि यह जांच मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी एसयूवी तथा उसके मालिक मनसुख की हत्या से जुड़ी है। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार रात नागपुर एवं मुंबई सीबीआई टीम पहुंची थी और शनिवार सुबह से छापेमारी की गई।
देशमुख का घर नागपुर के सिविल लाइन्स इलाके में जीपीओ स्कॉयर में है। सीबीआई मुंबई में देशमुख से जुड़े परिसरों सुखदा अपार्टमेंट स्थित उनका घर तथा धनेश्वरी बांग्ला पर छापेमारी कर दस्तावेेज जप्त किए ।
गौरतलब है कि अनिल देशमुख ने इस महीने की शुरुआत में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जब उच्च न्यायालय ने सीबीआई को उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने को कहा था। इसके खिलाफ अनिल देशमुख सुप्रीम कोर्ट भी गए लेकिन राहत नहीं मिली।
इस छापेमारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संजय राउत ने कहा सीबीआई का एक एजंडा है ,हाई कोर्ट का आर्डर है कानून से ऊपर कोई नही है, जो करवाई सीबीआई कर रही है उस पर टिपणी करना ठीक नही है अनिल देशमुख ने अपना जवाब दिया है ,आगे क्या करना है हम देख लेंगे।
एनसीपी नेता नवाब मलिक इसे राजनीतिक साजिश बताया । दावा किया की जल्द ही इस पुरे मामले की हकीकत जनता के सामने आ जायेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा अनिल परब और संजय राऊत की भी जांच होनी चाहिए । पाटील ने अनिल देशमुख के घर पर सीबीआई की छापेमारी के बाद पुणे में मीडिया से बातचीत में कहा की वाज़े ने अनिल परब का भी नाम लिया था।
पाटील ने कहा कि एक महिला ने संजय राऊत पर गंभीर आरोप लगाए हैं उसके बारे में केंद्रीय महिला आयोग को पत्र लिखा है। महिला आयोग इन आरोपों की जांच करे ,जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।सूत्रों नेेे दावा किया कि छापेमारी के समय अनिल देशमुख रोज की तरह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे । जबकि सीबीआई अधिकारियों ने पीपीई किट पहनकर इस छापेमारी को अंजाम दिया