लगता है जेएनयू की प्रासंगिकता ही खत्म होती जा रही है। वैचारिक द्वंद्व की जगह अब हिंसा का स्थल बनने लगा है जेएनयू कैंपस। अब वहां किताब, कला और अभिव्यक्ति पर सोच विचार करने की बजाए प्रतिद्वंद्वी विचारों के खिलाफ हिंसा करने का षड्यंत्र रचा जाने लगा है। आज भी वहां हिंसा की घटना हुई है। केरल में love jihad की एक सच्ची घटना पर आधारित शॉर्ट फिल्म ‘in the name of love’ (इन द नेम ऑफ लव) की स्क्रीनिंग चल रही है थी, तभी कुछ वामपंथी विंग के विद्यार्थियों ने वहां तोड़-फोड़ कर जबरदस्त तरीके से हिंसा की। इस हिंसा में कई लोग घायल हो गए हैं। गार्ड सहित काफी लोगों पर जानलेवा हमला किया गया, जिसके कारण कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं। वामपंथी छात्र संगठनों ने महिला सुरक्षा गार्ड तक को नहीं बख्शा। वीडियो चीख-चीख कर इसकी गववाही दे रहे हैं। दूसरी ओर इन शहरी नक्सलियों के ‘मीडिया पार्टनर’ चुप्पी साधे बैठे हैं! वामपंथी मीडिया ने इस पूरी खबर को दबा दिया है।
Yesterday, finally the proletariat raised its voice against the feaudal authoritarian bourgeois JNUSU and its comrade allies. Listen what the guards of JNU had to say rising in rage. #CommunistViolenceInJNU @abvpjnu @ABVPVoice @AshishSainram @SunilAmbekarM pic.twitter.com/wE6lc1gEn2
— Shruti Agnihotri JNU (@AgniShruti) April 28, 2018
मुख्य बिंदु
* विचार के बजाय क्या हिंसा का षडंयत्रस्थल बन चुका है देश का प्रख्यात विश्वविद्याल जेएनयू
* विवेकानंद मंच द्वारा आयोजित फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान लेफ्ट विंग के छात्रों ने किया हमला
सर्वहारा वर्ग की लडाई लड़ने वालों ने कैसे एक गार्ड भैय्या का पैर तोड़ा गार्ड दीदी को थप्पड मारा आप खुद सुनिये।#CommunistViolenceInJNU pic.twitter.com/EbXsB9n3ZZ
— Nidhi Tripathi JNU (@nidhitripathi92) April 28, 2018
JNU में साबरमती हॉस्टल के पास विवेकानंद विचार मंच तथा ग्लोबल इंडियन फाउंडेशन ने इन द नेम ऑफ लव नाम की एक शॉर्ट फिल्म दिखाने का आयोजन किया।। तभी वहां कम्युनिस्ट विंग के छात्रों ने आकर फिल्म देख रहे छात्रों तथा आयोजकों पर हिंसक हमला कर दिया। JNU जैसे संस्थान के परिसर में कम्युनिस्टों की हिंसक करतूत एक सामान्य घटना नहीं है। आरोप है कि अब जेएनयू में कम्युनिस्ट विचार से ताल्लुक रखने वाले छात्र अब पार्टी के गुंडे बन चुके हैं। उन्होंने महज सिनेमा देखने वाले छात्र-छात्राओं पर ही हमला नहीं किया बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी पर चोट की है, उन्होंने जेएनयू के लोकतांत्रिक मूल्यों पर आघात किया है।
कहा गया है कि जेएनयू के लेफ्ट विंग के नेतृत्व में भीड़ ने उन लोगों पर तब हमला किया जब शॉर्ट फिल्म दिखाई जा रही थी। गुंडों की भीड़ ने न केवल छात्रों के साथ बल्कि सुरक्षकर्मियों के साथ भी मारपीट कर कई को घायल कर दिया है।
#CommunistViolenceInJNU by Red terrorists. Will Media Cover this intolerance ? pic.twitter.com/Vl2JLTJi1e
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) April 28, 2018
सवाल उठता है कि जो जेएनयू अभिव्यक्ति की आजादी का दुर्ग माना जाता रहा है वहां इस प्रकार की असहिष्णुता क्यों? दरअसल कम्युनिस्ट अब पूरी दुनिया में एक विफल विचारधारा बन गई है। ऐसे में जेएनयू में जीवित कुछ परजीवियों के सहारे अपने अस्तित्व को बचाने का प्रयास चल रहा है!
लेनिन के नाती और मार्क्स के पोते
Love Jehad के सच से चिल्लाते और रोते
JNU में हुआ हमला सबूत हैं कि लाल झंडा एक चीथड़ा बन चुका हैं – ना मुंह ढकने को ना तन छुपाने को
इस हमले का कैसा हो प्रतिशोध
JNU में हो वंदेमातरम जयघोष#CommunistViolenceInJNU pic.twitter.com/ouEMveEOyu
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 28, 2018
इंडियन फाउंडेशन के अध्यक्ष नवीन कुमार ने फिल्म के बारे में कहा कि यह फिल्म एक ऐसी सच्ची कहानी पर आधारित है जो केरल में घटित हुई है। उन्होंने कहा कि केरल में धर्मांतरण के तहत हो रही घटनाओं को रेखांकित करने के लिए ही यह फिल्म बनाई गई है ताकि यहां के छात्रों को बताया जा सके कि धर्म के नाम पर वहां कैसा घिनौना खेल चल रहा है।
Commie goons claim to fight for FOE but the fact is they are a lynch mob who disrupted d screening of a movie went on a rampage agn "In the name of love " based on LOVE JIHAD .This movie is doing the rounds of International Film Festivals, won 3 awards #CommunistViolenceInJNU pic.twitter.com/0lU9TR7Llb
— Naina ?? (@NaIna0806) April 28, 2018
आज की फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान तोड़-फोड़ करने वाले वामपंथियों का सच फिर उजागर हुआ है। जेएनयू कैंपस में नक्सलवादी हिंसा का षड्यंत्र फिर से देश के सामने आया है।
For Uncle/Aunty students of JNU shouting-Bharat Tere Tukde Honge,celebrating soldier’s death,calling goddess Durga a PROSTITUTE is FOE/FOS but same PARASITES spread VIOLENCE on screening of Movie?
Why Mr Bhushan,RAGA,Kejri, Yechury,Liberals r silent now?#CommunistViolenceInJNU
— Maj Surendra Poonia (@MajorPoonia) April 28, 2018
आरोप है कि JNU परिसर में लव जिहाद के सच को उजागर करती फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान कम्युनिस्ट छात्रों द्वारा की गई हिंसा में महिला सुरक्षा गार्डों को पहले निशाना बनाया गया। ये आरोप स्वयं महिला सुरक्षा गार्डों ने लगाए हैं। JNU के कम्युनिस्ट विंग के छात्र कितनी नीचता पर उतरेंगे और विश्वविद्यालय को कितना बदनाम करेंगे? गरीबों की लड़ाई लड़ने का दंभ भरने वाले इन कम्युनिस्ट छात्रों ने गरीब महिलाओं के सम्मान को सरेआम तार-तार कर दिया है।
#CommunistViolenceInJNU ystrdy nyt during the movie screening on #LoveJihad the @G4S lady guards were brutally assaulted and manhandled. New low of shameless #Naxals in the campus.@ABVPVoice pic.twitter.com/5dst1mJpI8
— Janhawi Ojha JNU (@_Janhwi) April 28, 2018
INS न्यूज एजेंसी की खबर को newindianexpress.com ने छापा है। कम्युनिस्ट छात्र संगठन और वामपंथी मीडिया झूठ फैलाने में जुट गये हैं कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं। इसलिए सबूत के तौर पर एजेंसी की खबर को अक्षरश: नीचे दिया जा रहा है :-
Courtesy By IANS
NEW DELHI: Left and right student groups clashed in the Jawaharlal Nehru University (JNU) on Friday during the screening of a documentary on the contentious topic of ‘Love Jihad’.
The screening of “In the name of love”, was organised on Friday evening by ‘Vivekanand Vichar Manch’, a student group affiliated with the Rashtriya Swayamsevak Sangh.
Terming the movie as a communalist propaganda, the JNU Students’ Union was leading a protest against the screening, when it alleged that the students from the RSS-affiliated Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP) clashed with them and manhandled the protesters.
#CommunistViolenceInJNU :
1) Attacked Students.
2) Threatened to Rape & Kill.
3) Run Car on Security Guard, He's in Hospital.
4) They didn't even spare Female Guards.
But No Coverage by Media, No Lectures by FOE/FOS Activists and Feminists as Victims are ABVP guys so Chalta hai..
— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 28, 2018
“We were leading a peaceful protest when they (ABVP members) clashed with us. They even hurled eggs and stones at us. We didn’t react to their violence at all,” Shubhanshu Singh, the JNUSU Joint Secretary, told IANS while he was at the Vasant Kunj Police Station to lodge a complaint against the violence.
The ABVP, meanwhile, termed the protesters the incitors of violence and accused them of hitting a security guard.
“After having murdered Freedom of Expression at Sabarmati Dhaba, JNUSU President Geeta Kumari helped Mohit Pandey and Aamir escape after intentionally hitting a guard. The guard has been grievously injured,” former Joint Secretary Saurabh Sharma, an ABVP member and one of people named in the complaint by the union, said in a statement.
While the screening of a film on love Jihad, the left wing of JNU led a mob assault disrupting the film,leaving a security guard severely injured. Why such intolerance in a so called fortress of ‘ Freedom Of Speech’ ??#CommunistViolenceInJNU
— Shri Niwasan (@NiwasanShri) April 28, 2018
Talking to IANS earlier, the organisers had said that they had due permission for the screening of the movie and it was anybody’s right to protest.
“The movie is based on the issue of ‘conversion’ in Kerala, of any community whether Hindu or Muslim or Christian, where people are being forcefully converted… JNUSU is protesting against the screening but it is their right to protest,” Srikant Kumar, a member of the organising group, had said. The film, subtitled “Melancholy of God’s own country”, is directed by Sudipto Sen.
URL: Many student injured by communist students in JNU
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