भारत ने चीन और पाकिस्तान पर एक साथ किया सर्जिकल स्ट्राइक! पुलवामा हमले को सिर्फ 75 दिन हुए हैं और उस हमले को अंजाम देने वाल जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में भारत सफल रहा है। पिछले एक दशक से मौलाना मसूद अजहर को अपने वीटो से बचाता आ रहा चीन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति के आगे हार गया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया। यूएन सुरक्षा परिषद में चीन ने अपनी आपत्ति वापस ली। इससे पहले चीन ने चार बार किया था आपत्ति।
गौरतलब है कि पुलवामा पर हमले के 13 दिन के अंदर भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इसके बाद हमारे 40 जवानों की शहादत का बदला कश्मीर घाटी में्र 42 आतंकियों को मार कर हमारी सेना ने लिया। और अब मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करवा कर भारत ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में एक आतंकवादी देश घोषित करने के कगार पर खड़ा कर दिया है।
मौलाना मसूद अजहर जैश ए मोहम्मद नामक आतंकी संगठन का संस्थापक था। वह अलकायदा व मुल्ला उमर जैसों के साथ ग्लोबल टेरर नेटवर्क का हिस्सा था।
भारत ने पाकिस्तान और चीन को एक साथ झुकाया। यह पीएम मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टाॅलरेेंस की नीति का ही असरस है कि आज अमेरिका, रूस, फ्रांस आदि सभी देश भारत के साथ खड़े हैं। अमेरिका, रूस, फ्रांस, इंडोनेशिया आदि ने चीन को मजबूर किया कि वह अपना वीटो वापस ले। चीन को पूरी तरह से घेर दिया गया था, जो भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। आज तक के इतिहास मंे यह नहीं हुआ। दुनिया के देश भारत का आतंकवाद और पाकिस्तान के प्रति दृष्टिकोण को आज तक नकार रहे थे, आज स्वीकारने को मजबूर हो गये हैं और यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति का कमाल है। चीन भी यह समझ गया है कि अगली बार भी नरेंद्र मोदी ही भारत के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, इसलिए उसने झुकना पसंद किया।
इधर देश में इस खबर के बाद से प्रो पाकी बेहद दुखी हैं। इसमें कांग्रेस, महागठबंधन के नेता, पेटीकोट पत्रकार, तथाकथित कलाकार, साहित्यकार और लुटियन्स लाॅबी शामिल है।
गौरतलब है कि पुलवामा के बाद बालाकोट में एयरस्ट्राइक, उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और अभिनंदन की वापसी का श्रेय नरेंद्र मोदी से छीनने की कोशिश में देश को बदनाम करने वाले, एयर स्ट्राइक का सबूत मांगने वाले आज भी मोदी से श्रेय छीनने की कोशिश में जुट चुके हैं। अब कह रहे हैं कि यह तो केयर टेकर सरकार है। जीत तो उस सपूत की है जिसने यूएन में भारत का पक्ष रखा। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन को श्रेय देने में जुट गये। टवीट से लेकर चैनल तक रंग दिया। भारत की पूरी विदेश नीति के टोकरी में डालने मे जुट गयी है यह लाॅबी। जब भी भारत हारता है तो ये लोग खुश होते हैं और जब भी भारत जीतता है तो यह दुखी हो जाते हैं।
गौरतलब है कि मसूद अजहर को 1994 में श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था। इतने साल उसे जेल में मेहमानों की तरह रखा गया। कंधार विमान अपहरण में वाजपेयी सरकार के समय उसे छोड़ा गया था। मौलाना के जैश-ए-मोहम्मद ने 2001 में संसद पर हमला सहित हाल में पुलवामा आदि कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया था।
मौलाना मसूद अजहर के ग्लोबल आतंकी घोषित होने के कारण पाकिस्तान पर पड़ने वाला असर….
⦁ संयुक्त राष्ट्र के फैसले के बाद पाकिस्तान को मसूद अजहर के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने पड़ेंगे. बैन के बाद पाकिस्तान को मसूद अजहर के टेरर कैंप और उसके मदरसों को भी बंद करना पड़ेगा. दुनिया में एक बार फिर आधिकारिक तौर से साबित होगा कि पाकिस्तान आतंकी को पनाह दिए हुए है. दुनियाभर में पाकिस्तान की एक बार फिर किरकिरी होगी. पाक को दुनिया के बड़े देशों से आर्थिक मदद हासिल करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
⦁ संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को मसूद के बैंक अकाउंट्स और प्रॉपर्टी को फ्रीज करना पड़ेगा. साथ ही मसूद अजहर से संबंधित व्यक्तियों या उसकी संस्थाओं को कोई मदद नहीं मिलेगी.
⦁ भारत एक दशक से कोशिश कर रहा था कि मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाए. लेकिन, चीन चार बार अड़ंगा लगा चुका था.