नई दिल्ली। हमेशा इंटरनल सर्वे की राजनीति करते आए अरविंद केजरीवाल दिल्ली नगर निगम चुनाव से पूर्व कराए इंटरनल सर्वे का परिणाम जारी करने से बच रहे हैं। केजरीवाल ने एक निजी कंपनी को दिल्ली में सर्वे कराने का ठेका दिया था। इस कंपनी ने सर्वे का परिणाम दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, इस सर्वे में आम आदमी पार्टी को दिल्ली नगर निगम चुनाव में तीसरे नंबर पर दिखाया गया है। उसके बाद से ही अरविंद केजरीवाल राजनीति के निम्न हथकंडे पर उतर आए हैं।
पंजाब, गोवा और दिल्ली के राजौरी गार्डन में जमानत जब्त कराने के बाद केजरीवाल और उनकी पार्टी इस सर्वे परिणाम से बेहद घबराई हुई है। अपनी हार तय देखकर केजरीवाल ने भाजपा को बदनाम कर जनता में भ्रम फैलाने की रणनीति बनाई। इसके तहत अपने पूर्व बलात्कार आरोपी मंत्री संदीप ‘राशन कार्ड’ कुमार के भाजपा में शामिल होने का झूठ फैलाने से लेकर, अपनी तुलना में भाजपा नेता बिजेंद्र गुप्ता को खड़ा करने की शरारत भरी पोस्टरबाजी और चुनाव को टालने के लिए हाई कोर्ट तक का दरवाजा पीटले में वह जुटे हैं।
गौरतलब है कि अभी 13 तारीख को राजौरी गार्डन उपचुनाव परिणाम में आम आदमी पार्टी न केवल तीसरे स्थान पर रही थी, बल्कि उसके उम्मीदवार की जमानत तक जब्त हो गई थी। अरविंद केजरीवाल राजौरी गार्डन परिणाम से काफी हिले हुए हैं। उनकी परेशानी को दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए कराए गए आंतरिक सर्वे ने और बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, ये सर्वे दिल्ली के सभी 272 वार्ड में 5 से 15 अप्रैल तक कराया गया, जिसमें 31 हजार मतदाताओं से बात की गई। इसमें साफ-सफाई, गृह कर, बिजली-पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदी पर लोगों से बात की गई है। इसमें पूछा गया है कि कौन पार्टी इस सब पर सबसे अच्छा परिणाम दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, जनता के रुझानों में इसमें पहले नंबर पर भाजपा, दूसरे नंबर पर कांग्रेस और तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी आ रही है।
यही कारण है कि केजरीवाल ने इस परिणाम को अभी तक दबा रखा है। दिल्ली प्रदेश भाजपा प्रवक्ता तेजेंद्रपाल सिंह बग्गा ने एक ट्वीट के जरिए यह दावा किया है कि चूंकि आम आदमी पार्टी के इंटरनल सर्वे में भाजपा को 202 सीटें आ रही है, जिसके कारण केजरीवाल फिलहाल सर्वे परिणाम जारी नहीं कर रहे हैं। बग्गा के अनुसार, आम आदमी पार्टी केवल 20 से 25 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है, जिससे वह बौखलाई हुई है।
निगम चुनाव कवर कर रहे कुछ पत्रकार बताते हैं सर्वे में बुरी तरह से पिछड़ने के बाद केजरीवाल ने गंदा खेल शुरु कर दिया। ‘राशनकार्ड बनाने’ के नाम पर महिलाओं के यौन शोषण आरोप में फंसे अपने पूर्व मंत्री संदीप कुमार को आम आदमी पार्टी ने भाजपा को बदनाम करने के लिए मैदान में उतार दिया। आम आदमी पार्टी के प्रोपोगंडा यूनिट ने मीडिया में इस झूठ का प्रचारा किया कि संदीप कुमार अरविंद केजरीवाल से नाराज हैं और वह भाजपा में शामिल होकर उसके प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रहे हैं। बलात्कार के आरोपी संदीप कुमार को भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करता दिखा कर भाजपा को बदनाम करने की कोशिश की गई। संदीप कुमार ने नरेला के जिस भाजपा पार्षद उम्मीदवार सविता खत्री के पक्ष में प्रचार किया था, भाजपा ने तत्काल प्रभाव से उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। प्रवक्ता तेजेंद्र बग्गा के अनुसार, अब सविता खत्री भाजपा की उम्मीदवार नहीं है। पार्टी ने उसे निकाल दिया है।
यही नहीं, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी का नाम संदीप कुमार से जोड़ते हुए आम आदमी पार्टी की प्रोपोगंडा यूनिट ने भाजपा नेताओं को भी बदनाम करने की कोशिश की ताकि मतदाताओ में भ्रम की स्थिति बने। शाजिया इल्मी ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए केजरीवाल को चेतावनी दी कि वह महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ करना छोड़ें और ऐसी घटिया हरकत से बाज आएं।
भाजपा ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रोपोगंडा यूनिट द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को अपनी तरफ से दूर करने का पूरा प्रयास किया है। भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा ने ट्वीट किया कि संदीप ‘राशन कार्ड’ कुमार को आम आदमी पार्टी ने अभी भी निष्कासित नहीं किया है। वह अभी भी आम आदमी पार्टी के ही विधायक हैं और पार्टी के विधायकों की गिनती में उसे शामिल किया जाता है। रेप का वीडियो वायरल होने के बाद केजरीवाल उसे 15 दिन तक बचाते रहे थे। नुपूर के अनुसार, यह सब भाजपा को बदनाम करने के लिए साजिश का हिस्सा है। प्रवक्ता तेजेंद्र बग्गा ने भी मीडिया में यह साफ कर दिया कि संदीप ‘राशन कार्ड’ कुमार का भाजपा से कोई लेना देना नहीं है।
इस बारे में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि यह गलत समाचार है। यह पूरी तरह से केजरीवाल की साजिश है। उनका कहना है कि चुनाव में बुरी तरह से हार रहे केजरीवाल तरह तरह से भाजपा को बदनाम करने के लिए घटिया चाल चल रहे हैं। वह जनता के बीच जाने से डर रहे हैं। पहले केजरीवाल ने बिजेंद्र गुप्ता की तस्वीर को बिगाड़ कर अपना मुकाबला उनसे दिखाते हुए पोस्टरबाजी की, जबकि यदि उन्हें पोस्टरबाजी ही करनी थी तो वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में मेरी तस्वीर लगा कर करते। जब इससे भी बात नहीं बनी तो भाजपा को बदनाम करने के लिए अपने बदनाम पूर्व मंत्री को उतार दिया। केजरीवाल की दाल गलने वाली नहीं है।
इधर भाजपा को बदनाम करने की साजिश के भी नाकाम होने पर अरविंद केजरीवाल फिर से ईवीएम में छेड़छाड़ का पुराना राग अलापते हुए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गए और वहां चुनाव बैलेट पेपर से कराने एवं चुनाव को आगे बढ़ाने की मांग कर डाली। मनोज तिवारी कहते हैं, अपनी बुरी हार को नजदीक देखकर केजरीवाल अभी से बहाना ढूंढ़ने में जुट गए हैं। जिस पार्टी को इसी ईवीएम से 67 सीट मिली हो, वह आज ईवीएम पर सवाल उठा रहा है? जनता 23 अप्रैल को उन्हें इसका सही जवाब देगी।