प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली एनडीए सरकार के इस चार साल के दौरान देश के विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने के लिए सरकार के मंत्रियों का योगदान सराहनीय रहा है। प्रशंसनीय कार्य करने वाले मंत्रियों में पीयूष गोयल का नाम सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इस चार साल के दौरान मोदी ने उन्हें जो भी दायित्व दिया है उसे उन्होंने बहुत ही मर्यादित रूप से उपलब्धि में परिवर्तित कर दिया है। चाहे वह कोयला मंत्री का दायित्व हो या बिजली मंत्रालय का दायित्व दिया गया हो। अब जब रेल मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं तो लगता है कि वह यहां भी कोई बड़ी उपलब्धि जरूर बनाएंगे। गोयल ने इस ओर अपना कदम बढ़ा भी दिया है।
पिछले साल 4,400 किमी खराब रेल ट्रैक बदले गये हैं, जो दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण थे, विद्युतीकरण पहले 600-700 किमी होता था, पिछले साल यह 4,100 किमी हुआ, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से सुरक्षा सुनिश्चित होगी, तथा रेल की क्षमता और गति भी बढेगी। pic.twitter.com/8boxizbUnh
— Piyush Goyal Office (@PiyushGoyalOffc) May 31, 2018
मुख्य बिंदु
* रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा इस साल और तेजी से होगा रेलवे के आधारभूत संरचनाओं का विकास
* पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में हर साल होता था महज 600 से 700 किमी का इलेक्ट्रिफिकेशन
गोयल ने रेलवे में हो रही दुर्घटना और ट्रेन के परिचालन में हो रही देरी की ओर अपना ध्याान लगाया है। वैसे तो उन्होंने रेलवे के हर क्षेत्र को मजबूती देने में जुटे हैं। जनता से सीधे जुड़े होने की वजह से इस तरफ ज्याद ध्यान दिया है। मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में इस साल खराब रेल ट्रैक बदलने का रिकॉर्ड बनाया गया है। इस साल रेल मंत्रालय ने देश भर में 4,400 किमी खराब ट्रैक को बदलने का काम किया है। अपने मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए पीयूष गोयल ने बताया कि इस सरकार ने खराब ट्रैक ही नहीं बदले हैं बल्कि 4,100 किमी रेलवे टैक का इलेक्ट्रिफिकेशन भी किया है जो अपने आप में एक रिकार्ड है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान प्रति वर्ष महज 600 से 700 किमी ही इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ करता था।
गोयल ने कहा कि रेलवे पिछले साल के मुकाबले इस साल और ज्यादा खराब ट्रैक बदलेगा और इलेक्ट्रिफिकेशन करेगा। देश भर में रेलवे ट्रैक बदलने से जहां दुर्घटनाओं में कमी आएगी वहीं यात्रियों को लेटलतीफी से भी राहत मिलेगी।
पीयूष गोयल का ध्यान आम यात्रियों की ओर भी उतनी ही संजिदगी से देते हैं जितना धनी यात्रियों की ओर। इसलिए राजधानी और शताब्दी की तरह ही एक्सप्रेस और मेल ट्रेन के कोच भी आकर्षक बनाए जाएंगे जो आरामदायक भी होंगे। उन्होंने कहा है कि इन कोचों में भी पीवीसी फ्लोरिंग और एलईई लाइट्स के साथ शौचालयों में भी संकतेक लगाए जाएंगे ताकि यात्रियों का सफर सुखद होगा।
रेलवे ने आधारभूत संरचनाओं पर ही नहीं, बल्कि मानव संसाधन भी ध्यान देने का फैसला किया है। रेलवे में आधुनिक तकनीक के सही इस्तेमाल के लिए रेलकर्मियों को प्रशिक्षित करने का फैसला किया है। इसके लिए प्रत्येक जोन और मंडल में आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे। इस सरकार ने देश में पहले रेल एवं परिवहन यूनिवर्सिटी बनाई है। इसमें प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। परिवहन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले इच्छुक छात्र आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए कोई भी http://www.nrti.in वेबसाइट पर लॉगिन कर ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते हैं।
यह सरकार इसी साल 15 अगस्त से वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का अटेली – फुलेरा सेक्शन का शुभारंभ करने वाली है। यह फ्रेट कॉरिडोर सिर्फ माल ढुलाई के लिए उपयोग किेए जाएंगे। इससे यात्री रेलगाड़ियों की गति में भी तेजी आएगी इस सरकार ने रेलवे के हर क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान देने का काम किया है। रेलवे ने अब टिकट बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी ने वेबसाइट का अपग्रेड वर्जन लांच किया है। इसमें कई नए फीचर दिएगए हैं। इससे यात्री बिना लॉगिग किए ट्रेनो की जानकारी और सीट की उपलब्धता देख सकते हैं। इसके अलावा यात्री वेटिंग टिकट के कन्फर्म होने की संभावना भी जान सकते हैं।
रेलवे ने मुबंई में ट्रैक पर पानी आने की समस्या से निजात दिलाने के प्रयास में जुट गई है। हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की अध्यक्षता में रेलवे ने मौसम विभाग के अधिकारियो के साथ एक संयुक्त बैठक कर इस मामले में एक रडार स्थापित करने का फैसला किया है जो वारिश की सटीक भविष्यवाणी की जा सके। इसका उद्देश्य रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से बचाना है।
URL: Modi government gives Indian Railways new direction in four years
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