संदीप देव :-
वक्फ एक्ट में संशोधन बिल संसद में अटक गया है। इसे जेपीसी के पास भेजा गया है। असल में यह मुस्लिमों को और अधिक अधिकार देने वाला संशोधन था, लेकिन इसके बोर्ड में एक अन्य धर्म के सांसद को बैठाने का जुमला उछाल कर विपक्ष द्वारा विरोधी माहौल बनाया गया। इसका लाभ भाजपा को आगामी राज्यसभा चुनाव में हिंदू वोट के रूप में तो विपक्ष को मुस्लिम वोट के रूप में मिलना तय है।
लेकिन आगामी चुनाव से पहले वक्फ संशोधन के नरेशन ने मुख्यधारा और सोशल मीडिया पर बांग्लादेश में हिंदुओं के हो रहे नरसंहार के नरेशन को बदल दिया है, और यह मोदी सरकार का सबसे बड़ा ‘मास्टरस्ट्रोक’ रहा!
चारों ओर से जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी सवालों के घेरे में थी तो अचानक से वफ्फ का फाल्स नरेशन मीडिया में ढकेल दिया गया और मरते हिंदुओं की जगह ‘वक्फ खत्म करना चाहती है मोदी सरकार’ के झूठ ने ले लिया।
यह मैं क्यों कह रहा हूं? जरा वक्फ एक्ट में लाए गये संशोधन के प्वाइंट देखिए। इसमें मुस्लिम महिला, मुस्लिमों को अधिकार, बोहरा, अहमदिया को अधिकार के साथ अन्य धर्म के सांसद (जी हां, सांसद, जो 543 में एक भी हिन्दू आवाज के साथ खड़े नहीं होते) को बोर्ड में रखने वाला संशोधन था, जिससे हिंदुओं का कोई भला नहीं होने वाला था। बस हिंदुओं का ध्यान बांग्लादेशी हिंदुओं से हटकर वक्फ पर आ गया, और कुछ नहीं।
संसद में मंत्री किरेण रिजिजू ने स्पष्ट कहा है कि ‘पहले कोई भी वक्फ प्रोपर्टी घोषित कर सकता था, लेकिन हमने बदलाव करके केवल मुस्लिमों को यह अधिकार दिया है।’ ‘केवल मुस्लिमों को अधिकार’ यह संसदीय कार्यमंत्री का संसद में दर्ज हो चुका बयान है।
इसके अलावा मोदी सरकार ने जैसे चुनाव से पहले पसमांदा कार्ड खेला था, वैसे ही आज संसद के अंदर बोहरा, अहमदिया, मुस्लिम महिला कार्ड खेला, जो दर्शाता है कि यह सिर्फ हिंदुओं की आंख में धूल झोंकने वाला एक और जुमला था बस!
नीचे ABP News का संसद में चली कार्यवाही का कुछ SS देखिए, आपको सब समझ में आ जाएगा।


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