दो साल पहले नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में राजनीति में व्यापक परिवर्तन के साथ ही सरकारी कामकाज में तेजी आई है। केन्द्र सरकार सभी मंत्रालयों और विभागों ने नई-ऩई योजनाओं की शुरुआत की। मोदी सरकार में सरकारी अफसरों और बाबुओं की काम करने की शैली में भी बदलाव आया है। मोदी ने सरकार के संभालने के बाद सौ दिन में ही जो तेजी दिखाई, वह अब भी बरकरार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त पर लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। पिछले 24 महीनों ने सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरु की। वैसे तो 24 महीनों में बहुत काम हुए हैं, जिनसे भारत की तस्वीर तेजी से बदल रही है और देश आर्थिक तरक्की के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक साल में ही मोदी सरकार ने बड़े काम जैसे कि जन धन योजना के तहत 15 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुले, जीवन बीमा और पेंशन वाले 10 करोड़ से अधिक के डेबिट कार्ड जारी, कॉरपोरेट सेक्टर ने मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को अपनाया। सरकार ने 2019 तक संपूर्ण स्वच्छता का वादा किया, रसोई गैस में नकद सब्सिडी हस्तांतरण योजना लागू, इस योजना से सालाना पांच अरब डॉलर बचत की उम्मीद जताई गई है। पेट्रोल की तरह डीजल मूल्य भी नियंत्रण मुक्त किया गया।
रेल अवसंरचना में विदेशी निवेश को अनुमति। रक्षा में विदेशी निवेश सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण मामले में सीमा 74 फीसदी। सरकार ने रक्षा मोर्चे पर बड़ी कामयाबी हासिल की। रक्षा खरीद में तेजी दिखाते हुए 36 राफेल युद्धक विमान की खरीदारी को मंजूरी दी गई। बीमा और पेंशन में विदेशी निवेश की सीमा बढ़कर 49 फीसदी की गई। कोष जुटाने के लिए बैंकों को आईपीओ/एफपीओ लाने की अनुमति दी गई पर शर्त रखी गई है कि सरकारी हिस्सेदारी 52 फीसदी से अधिक हो। कर लाभ के साथ रियल एस्टेट एवं अवसंरचना निवेश ट्रस्ट की अनुमति दी गई। 100 स्मार्ट शहर परियोजनाओं को मंत्रिमंडल की मंजूरी दी गई।
कोयला ब्लॉक नीलामी के दो चक्र सफलता पूर्वक पूरे। नए विधेयक पारित होने के साथ खनन क्षेत्र में जारी गतिरोध दूर किया गया। मेक इन इंडिया, डिजिटल भारत और कौशल भारत पहल शुरू हुई। रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और रोजगार सृजन पर जोर दिया गया। मुद्रा बैंक 20 हजार करोड़ रुपये कोष के साथ शुरू। यह छोटे उद्यमियों को 50 हजार से 10 लाख रुपये ऋण देगा। इस्पात, कोयला और बिजली परियोजनाओं की मंजूरी के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई।
योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर जमीनी असलियत का पता लगाने के लिए मोदी सरकार ने लोगों से जानकारी ली है। लाखों लोगों से फोन पर सवाल पूछे गए और उनकी सलाह ली गई। प्रधानमंत्री जन धन योजना, स्वच्छ भारत (ग्रामीण), स्वच्छ विद्यालय और सॉइल हेल्थ कार्ड को लेकर लोगों की राय जानी गई। साथ ही इन चारों महत्वाकंक्षी योजनाओं को लागू करने में जिन जिलों ने सबसे अच्छा काम किया है, इस पर लोगों ने पूछा गय़ा। यह काम 10 दिनों में किया गया। इस छोटे से समय में लगभग आठ लाख लोगों को फोन कर पाना बड़ी चुनौती थी। इसके लिए भारतीय संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के करीब 800 एजेंटो की सेवा ली गई। लोगों की राय के आधार पर देशभर में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जिलों की पहचान की गई। जाएगी। 21 अप्रैल को सिविल सर्विसेस डे के मौके पर इन जिलों को सम्मानित किया गया। इस बार सरकार का जोर योजनाओं की उपलब्धियां गिनाने पर नहीं बल्कि दो साल के कार्यकाल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में आए सकारात्मक बदलावों को गिनाने पर होगा। सरकार के 24 महीने पूरे होने पर गिनते हैं 24 बड़े काम।
स्टार्टअप इंडिया
‘स्टार्टअप इंडिया अभियान’ का एक्शन प्लान जारी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से एक बार फिर ‘नौकरी मांगने की बजाय नौकरी देने’ का माद्दा रखने का आह्वान किया। तीन साल तक स्टार्ट अप यूनिट से होने वाली आय पर टैक्स छूट मिलेगीष ऐसे उद्यमों में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिये किये गये निवेश के बाद अपनी संपत्ति बेचने पर 20 फीसदी की दर से लगने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स से छूट होगी। यह छूट सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उद्यम पूंजीकोषों के निवेश पर भी उपलब्ध होगी। स्टार्टअप में टैक्स छूट उचित बाजार मूल्य के ऊपर निवेश पर दी जाएगी। आयकर कानून के तहत कंपनी के उचित बाजार मूल्य से उपर मिलने वाले वित्तपोषण पर प्राप्तकर्ता को टैक्स देना होता है। उद्यमों को तीन साल तक निरीक्षण से मुक्ति मिलेगी। वित्तपोषण के लिये 10 हजार करोड़ रुपये का कोष स्थापित होगा। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दिवाला कानून में स्टार्ट अप उद्यमों को कारोबार बंद करने के लिये सरल निर्गम विकल्प देने का प्रावधान भी किया जाएगा। इसके तहत 90 दिन की अवधि में ही स्टार्ट अप अपना कारोबार बंद कर सकेंगे। सरकार की ओर से एक राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट कंपनी बनाने का प्रस्ताव है जिसमें अगले चार साल तक सालाना 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया जायेगा। स्टार्ट अप की फीस में 80 फीसदी कम होगी। सरकारी खरीद में स्टार्ट अप को छूट मिलेगी।
स्टैंड अप इंडिया, ढाई लाख उद्यमी तैयार करेगी सरकार
सरकार के वित्तीय समावेशी कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने के इरादे धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना पेश की है। इस योजना के तहत देश भर में फैली बैंकों की सवा लाख शाखाएं अनुसूचित जाति-जनजाति और महिला वर्ग की उद्यमियों को कारोबार के लिए एक करोड़ रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराएंगी। स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम का तौर तरीका समझाते हुए मोदी ने कहा कि इससे देशभर में 2.5 लाख उद्यमी पैदा होंगे। प्रत्येक बैंक शाखा को नया उपक्रम लगाने के लिए 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के कम से कम दो ऋण बिना कुछ गिरवी रखे देने होंगे। इस योजना की शुरुआत के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए हर किसी को नौकरी देना संभव नहीं है। इस तरह की योजना से नौकरी ढूंढने वाले, नौकरी देने वाले बन सकेंगे। यह योजना दलित से लेकर आदिवासी समुदाय तक लोगों का जीवन बदल देगी। स्टैंड अप इंडिया का मकसद प्रत्येक भारतीय को सशक्त करना है, जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
स्वच्छ भारत की दिशा में बढ़ते कदम
नई दिल्ली में राजपथ पर स्वच्छ भारत अभियान शुरुआत नरेन्द्र मोदी ने यह इच्छा जताई कि 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सकता है। 2 अक्टूबर 2014 को देश भर में एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत हुई। मोदी ने स्वयं मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के पास सफाई अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री ने स्वयं झाड़ू उठाई और देश भर में स्वच्छ भारत अभियान को एक जन आंदोलन बनाते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को न स्वयं गंदगी फैलानी चाहिए और न किसी और को फैलाने देनी चाहिए। उन्होंने ‘न गंदगी करेंगे, न करने देंगे’ का मंत्र दिया।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान में शामिल होने के लिए नौ लोगों को आमंत्रित भी किया और उनसे अनुरोध किया कि वे सभी नौ अन्य लोगों को इस पहल से जोड़ें। समाज के विभिन्न वर्गों के लोग आगे आए और सफाई के इस जन आंदोलन में शामिल हुए। सरकारी अधिकारियों से लेकर जवानों तक, बॉलीवुड अभिनेताओं से लेकर खिलाड़ियों तक, उद्योगपतियों से लेकर आध्यात्मिक गुरुओं तक, सभी इस पवित्र कार्य से जुड़े। देश भर में लाखों लोग दिन-प्रति-दिन सरकारी विभागों, एनजीओ और स्थानीय सामुदायिक केंद्रों के स्वच्छता कार्यक्रमों से जुड़ रहे हैं। होने से में सफाई को लेकर जागरुकता आई लोगों। सफ़ाई अभियानों के निरंतर आयोजनों के साथ-साथ देश भर में नाटकों और संगीत के माध्यम से सफ़ाई के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – बालिका शिशु की देखभाल
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत प्रधान मंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ‘बालक-बालिका’ अनुपात बढ़ाना है। बालक-बालिका अनुपात (सीएसआर) से यह पता चलता है कि किसी भी राज्य या शहर अथवा देश में हर 1000 बालकों के अनुपात में कितनी बालिकाएं हैं। एक दुखद सच यह है कि कन्या भ्रूण हत्या की निर्मम घटनाओं के चलते भारत में यह अनुपात लगातार घटता जा रहा है। वर्ष 1991 में हर 1000 बालकों पर 945 बालिकाएं थीं, लेकिन वर्ष 2011 में हर 1000 बालकों पर 918 बालिकाएं ही थीं। आंकड़े बयान करते है कि इस दौरान हरियाणा में सबसे कम यानि 877 महिलायें जबकि केरल में सर्वाधिक यानि 1000 के पीछे 1084 महिलायें हैं।
जन धन, आधार और मोबाइल
आजादी के 67 साल बाद भी भारत में बड़ी संख्या में ऐसी आबादी थी जिन्हें बैंकिंग सेवाएं नहीं हासिल थीं। इसका मतलब है कि उनके पास न तो बचत कोई जरिया था, न ही संस्थागत कर्ज पाने का कोई अवसर। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बुनियादी मसले का समाधान करने के लिए जन धन योजना की शुरुआत की। कुछ ही महीनों के भीतर इस योजना ने लाखों भारतीयों के जीवन और भविष्य को पूरी तरह से बदल दिया। महज एक साल में 19.72 करोड़ बैंक खाते खोले गए। अभी तक 16.8 करोड़ रूपे कार्ड जारी किए गए हैं। इन खातों में 28,699.65 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। रिकॉर्ड 1,25,697 बैंक मित्रों को तैनात किया गया। इसने एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया।हालांकि लाखों बैंक खातों को खोलना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन दूसरी बड़ी चुनौती लोगों की आदत में बदलाव लाना था, ताकि वो बैंक खातों का इस्तेमाल शुरू करें। जीरो बैलेंस खातों की संख्या सितंबर 2014 में 76.8% प्रतिशत से घटकर दिसंबर 2015 में 32.4% प्रतिशत रह गई। ओवरड्राफ्ट के रूप में अभी तक 131 करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग किया गया।
पहल योजना के तहत एलपीजी सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराई जाती है। इस योजना के तहत 14.62 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे नकद सब्सिडी मिल रही है। इस योजना ने करीब 3.34 करोड़ नकली या निष्क्रिय खातों की पहचान करने और उन्हें बंद करने में भी मदद की, जिससे हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई। इस समय सरकार करीब 35-40 योजनाओं के लिए डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर्स का उपयोग कर रही है और 2015 में करीब 40,000 करोड़ रुपये लाभार्थियों को सीधे हस्तांतरित किए गए।
सांसद आदर्श ग्राम योजना
सांसद आदर्श ग्राम योजना का शुभारंभ 11 अक्तूबर 2014 को किया गया था। इसका उद्देश्य एक आदर्श भारतीय गांव के बारे में महात्मा गांधी की व्यापक कल्पना को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ध्यान में रखते हुए एक यथार्थ रूप देना था। इस योजना के तहत मार्च, 2019 तक तीन गांवों को आदर्श गांव के तौर पर विकसित किया जायेगा, जिसमें से एक गांव को 2016 तक ही आदर्श गांव में परिवर्तित किया जायेगा. इसके बाद वर्ष 2024 तक पांच ऐसे आदर्श गांवों को (प्रत्येक वर्ष एक गांव को) चुने जाने की योजना है, जिन्हें आदर्श ग्राम के तौर पर विकसित किया जायेगा। इस योजना के तहत संसद सदस्य को किसी एक ग्राम पंचायत का चयन करना होगा और योजना के निर्धारित मानदंडों के अनुरूप उसका विकास करना होगा. इस योजना के प्रमुख उद्देश्यों में ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए नेतृत्व की प्रक्रियाओं को गति प्रदान करने समेत इन सभी को शामिल किया गया है।
भारतीय उद्यमियों के हौसले हुए बुलंद
एनडीए सरकार उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल भारत में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के हमारे चार स्तंभों पर आधारित है। मेक इन इंडिया’ ने विनिर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवा गतिविधियों में 25 क्षेत्रों को चिन्हित किया है और उनकी विस्तृत जानकारी सभी संबंधित पक्षों को दी जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को सेवा क्षेत्र समर्थित वृद्धि क्षेत्र से श्रम-प्रधान विनिर्माण क्षेत्र की तरफ़ ले जाना है. इससे क़रीब दस लाख लोगों को रोज़गार मिलने का अनुमान है
नमामि गंगे
गंगा नदी का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर है। 2014 में न्यूयॉर्क में मैडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, “अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी। अतः गंगा की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है”। सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ नामक एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नदी की सफाई के लिए बजट को चार गुना करते हुए पर 2019-2020 तक नदी की सफाई पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने की केंद्र की प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी दे दी और इसे 100% केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एक केंद्रीय योजना का रूप दिया।
शुरूआती स्तर की गतिविधियों के अंतर्गत नदी की उपरी सतह की सफ़ाई से लेकर बहते हुए ठोस कचरे की समस्या को हल करने; ग्रामीण क्षेत्रों की सफ़ाई से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की नालियों से आते मैले पदार्थ (ठोस एवं तरल) और शौचालयों के निर्माण; शवदाह गृह का नवीकरण, आधुनिकीकरण और निर्माण ताकि अधजले या आंशिक रूप से जले हुए शव को नदी में बहाने से रोका जा सके, लोगों और नदियों के बीच संबंध को बेहतर करने के लिए घाटों के निर्माण, मरम्मत और आधुनिकीकरण का लक्ष्य निर्धारित है।
‘नमामि गंगे’ के तहत जलवाही स्तर की वृद्धि, कटाव कम करने और नदी के पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिति में सुधार करने के लिए 30,000 हेक्टेयर भूमि पर वन लगाये जाएंगे। वनीकरण कार्यक्रम 2016 में शुरू किया जाएगा। व्यापक स्तर पर पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए 113 रियल टाइम जल गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
भारत के विकास को मिली मज़बूती
भारत ने 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाने का महत्वाकांक्षी मिशन तय किया है। ये गांव आजादी के 7 दशक बाद आज भी अंधेरे में डूबे हुए हैं। प्रधान मंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषणा की थी कि 1000 दिनों के भीतर सभी शेष गांवों में बिजली पहुंचा दी जाएगी। गांवों का विद्युतीकरण तेजी से हो रहा है। और, यह काम बहुत ही पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है।
नीति आयोग
अतीत की परिपाटी से हटते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने चौतरफा विकास हासिल करने के लिए सहयोगी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देने पर जोर दिया। लंबे समय तक हमने केंद्र और राज्यों के बीच बड़े भाई जैसा संबंध देखा। ‘सभी के लिए एक ही सांचे’ का इस्तेमाल वर्षों तक किया गया। विभिन्न राज्यों की विविधता और उनकी स्थानीय जरूरतों को ध्यान में नहीं रखा गया। राज्यों को और अधिक मजबूती और शक्ति देने के लिए नीति आयोग का गठन किया गया। नीति आयोग सरकार के लिए रणनीतिक नीतिगत विजन मुहैया कराने के साथ ही आकस्मिक मुद्दों के समाधान के लिए तेजी से काम करेगा। नीति आयोग राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं की साझा दृष्टि विकसित करने के लिए काम करेगा।
ट्रेनों में सुविधाएं
एनडीए सरकार ने पहले दिन से ही बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया। चाहें ये रेलवे हो, सड़क हो, या शिपिंग, सरकार संपर्क बढ़ाने के लिए बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर फोकस कर रही है।पहली बार, रेलवे बजट में संरचनात्मक सुधारों और बुनियादी बदलावों पर फोकस किया गया। नई रेलगाड़ियों की घोषणा राजनीतिक लाभ लेने के लिए की जाती थी, लेकिन अब ये एक आम बात हो गई। यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई, यात्री हेल्पलाइन (138), सुरक्षा हेल्पलाइन (182), कागजरहित अनारक्षित टिकट प्रणाली, ई-कैटरिंग, मोबाइल सिक्योरिटी ऐप और महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा जैसी अनगितन सुविधाओं की शुरुआत हुई।
मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के बीच हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की योजना बनाई गई है। इस साल 1,983 किलोमीटर रेलवे लाइन चालू की गईं और 1375 किलोमीटर रेलवे विद्युतीकरण का काम पूरा हुआ, जो सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। छह नई तीर्थयात्रा गाड़ियां शुरू की गईं और वैष्णो देवी जाने के लिए कटरा लाईन खोल दी गई। दिल्ली-आगरा के बीच गतिमान ट्रेन भी चलनी शुरु हो गई है।
सड़क परियोजनाओं में तेजी
सड़क क्षेत्र में, रुकी हुई सड़क परियोजनाओं की बाधाएं दूर की गईं, लंबे समय से लंबित ठेके के विवादों का समाधान किया गया और अव्यावहारिक परियोजनाओं को वापस ले लिया गया। एक बहुत बड़ा बदलाव लाने वाली परियोजना भारत माला की शुरुआत हुई। इसके तहत भारत की सीमाओं और तटीय क्षेत्रों में सड़क बनाई जाएगी। यात्रियों की सुविधा के लिए 62 टोल प्लाजा पर टोल लेना बंद कर दिया गया। बीते साल के दौरान हाईवे परियोजनाएं देने में 120% की वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए निर्मित सड़कों में भी भारी बढ़ोतरी हुई।
उड्डयन को लगे नए पंख
सिविल एविएशन सेक्टर में भी तेजी से प्रगति हो रही है। मोहाली, तिरुपति और खजुराहो में नए एकीकृत टर्मिनल भवन का निर्माण पूरा होने वाला है। कडप्पा और बीकानेर में टर्मिनल तैयार हो चुका है। क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने के लिए हुबली, बेलगाम, किशनगढ़, तेजु और झारसुगुडा एयरपोर्ट का उन्नयन जारी है। भारत के अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा ऑडिट (को अपग्रेड करके अधिक सुरक्षित रेटिंग दी गई है। इसके चलते अधिक उड़ाने भरी जा सकेंगी।
युवाओं लिए के ग्लोबल इनीशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क की शुरुआत
शिक्षा की गुणवत्ता और उसकी पहुंच बढ़ाने के लिए कई यूनीक उपाये किए गए। प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी कार्यक्रम के माध्यम से सभी शिक्षा ऋणों और छात्रवृत्तियों के प्रशासन और निगरानी के लिए एक पूर्ण रूप से आईटी आधारित वित्तीय सहायता प्राधिकरण की स्थापना की गई। अध्यापन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पंडित मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण मिशन शुरू किया गया। भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर देने के लिए ग्लोबल इनीशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क की शुरुआत हुई। इसके तहत देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में गर्मी और सर्दी के अवकाश के दौरान पूरी दुनिया में सुविख्यात शैक्षणिक और वैज्ञानिक संस्थानों की जानीमानी फैकल्टी, वैज्ञानिकों और उद्यमियों को आमंत्रित किया जाएगा। ऑनलाइन शिक्षा को सक्षम बनाने के लिए स्वयं (SWAYAM) बड़े स्तर पर मुक्त ऑनलाइन कोर्स (MOOC) को बढ़ावा देगा।
कौशल प्रशिक्षण
सरकार युवाओं को सशक्त बनाने के लिए तत्काल एक अलग कौशल विकास मंत्रालय का गठन किया। अभी तक विभिन्न कार्यक्रमों के तहत 76 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ‘स्कूल टू स्किल’ कार्यक्रम के तहत कौशल प्रमाणपत्रों को अकादमिक समानता दी गई। 1500 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को मंजूरी दी गई। पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना तीन वर्षों में दस लाख ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करेगी।
अटल पेंशन योजना
असंगठित क्षेत्र के सभी लोगों को भविष्य में उनकी उम्र 60 वर्ष होने पर सरकार उन्हें पेंशन मुहैया कराने के इरादे से अटल पेंशन योजना लेकर आयी है. इस वर्ष बजट के दौरान इस योजना की घोषणा की गयी, जिसे एक जून से शुरू किया जायेगा. योजना के तहत अंशधारकों को 60 साल पूरा होने पर 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक पेंशन मिलेगी जो उनके योगदान पर निर्भर करेगा. योगदान इस बात पर निर्भर करेगा कि संबंधित व्यक्ति किस उम्र में योजना से जुड़ता है. स्वावलंबन योजना के मौजूदा अंशधारक यदि इससे बाहर निकलने का विकल्प नहीं चुनते हैं, तो उन्हें अपने आप इस पेंशन योजना में शामिल कर लिया जायेगा।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना देश के 18 से 50 साल के लोगों के लिए शुरू की गयी है। इस योजना से जुड़ने के लिए लोगों के पास महज एक बैंक खाता होना चाहिए. योजना में 2 लाख रुपये तक का जोखिम कवर होगा और सालाना प्रीमियम 330 रुपये निर्धारित किया गया है।