सुरेश चिपलूनकर। अरे अंकल जी!!! केरल स्टोरी देखने के बाद रोज सुबह-सुबह तुम व्हाट्स एप्प पर जिस फातिमा और सलमा से सावधान रहने के बारे में चेतावनी दे रहे हो… उनको तो मोदी सरकार ने अच्छी मोटी छात्रवृत्ति दे रखी है… ठेठ पहली क्लास से लेकर Ph.D. तक…
कांग्रेस के राज में, 2014 से पहले फातिमा और खालिदा जैसी 70% लडकियां स्कूल छोड़ देती थीं, यानी हिन्दू लड़कियों से अपने-आप दूर हो जाती थीं… लेकिन मोदीजी बता रहे हैं कि 2014 के बाद अब नूरजहाँ और शबाना जैसी केवल 30% लडकियां ही स्कूल छोड़ रही हैं… छात्रवृत्ति पाने वाली मुस्लिम कन्याओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है… तो बताओ अंकल, हिन्दू लडकियां स्कूल-कॉलेज में कब तक और कैसे बचें इनसे??
2014 से अभी तक अल्पसंख्यक मंत्रालय ने फेलोशिप, स्टायपेंड और छात्रवृत्ति पर 40,000 करोड़ रूपए खर्च किये हैं… और अल्पसंख्यक माने कौन, ये तो आप जानते ही हो व्हाट्स एप्प फारवर्ड वाले अंकल….