संदीप देव :-
SC/ST में संपन्न और सुविधा भोगियों (क्रीमिलेयर) को लगातार मिलते लाभ को उस वर्ग के वंचित तबके तक पहुंचाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सरकार पलट सकती है! इस बारे में भाजपा के SC/ST सांसद जो इस वर्ग के सुविधाभोगी हैं और चाहते हैं कि केवल उनके बच्चे, उनके परिवार और दलित में भी केवल उनकी जाति तक ही यह सुविधा रहे, कल प्रधानमंत्री मोदी से मिले।
खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और उनका कैबिनेट इन सुविधाभोगी सांसदों की मांग से सहमत है और वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलट कर पहले जैसी व्यवस्था ही बनाए रखना चाहती है। बकायदा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया में आकर इसकी घोषणा की कि हम आरक्षण में छेड़छाड़ नहीं करेंगे!
चलिए इसको उदाहरण से समझते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध कर रहे चिराग पासवान कभी नहीं चाहेंगे कि उनकी सीट पर उनके परिवार या उनकी पासवान जाति के अलावा कोई खटिक या वाल्मीकि जाति का सामान्य दलित चुनाव लड़े। यह मैंने इलेक्टोरल पॉलिटिक्स समझाने के लिहाज से लिखा। नौकरशाही में समझिए कि उदित राज जैसे नौकरशाह जो स्वयं और उनकी पत्नी नौकरशाह रहे हैं, कभी नहीं चाहेंगे कि उनके बच्चे को बिना आरक्षण सिविल सर्विस की परीक्षा में बैठना पड़े!
एक परिवार में सारे नेता, IAS, IPS, Dr, इंजीनियर होने के वावजूद ये लोग आरक्षण का लाभ नहीं छोड़ना चाहते, जिस कारण इसी जाति के अन्य पिछड़ों को इसका अवसर नहीं मिलता।
बाबा साहेब आंबेडकर ने समाजिक न्याय की बात की थी। लेकिन नौकरशाह और नेता होकर भी जो जिंदगी भर स्वयं को दलित और पिछड़ा ही कहता रहेगा, वह अपनी ही जाति के अन्य लोगों के सामाजिक न्याय का गला घोंट रहा है, यह सुप्रीम कोर्ट को समझ में आ गया है, लेकिन इसी वर्ग के क्रिमिलेयर (आरक्षित जाति का संपन्न और सुविधाभोगी वर्ग) नेता (और नौकरशाह को भी) और आरक्षण की राजनीति करने वाली पार्टियों व नेताओं को कभी समझ नहीं आएगा!
गौरतलब है कि इससे पहले SC/ST act और OBC जाति को तय करने के मानदंड पर भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को केंद्र सरकार सदन में पलट चुकी है और इसे भी पलटने का मन बना चुकी है!
आरक्षण चंद परिवार और चंद जातियों के कब्जे में है, जिसे न वह परिवार और जाति छोड़ना चाहते हैं और न ही आगे इसकी कोई संभावना ही नजर आती है। अतः SC/ST और OBC में भी चंद सुविधा संपन्न जाति और परिवारों का ही कब्जा है और आगे भी रहने की पूरी संभावना है।