एक बार फिर द हिंदू और एन राम का झूठ पकड़ा गया। एन राम ने जिन दो देशों के बीच रक्षा सौदा समझौता को लेकर मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की है, वह रक्षा सौदा नीति मोदी सरकार ने तय ही नहीं की थी। मोदी सरकार ने तो बस यूपीए 2 सरकार के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी द्वारा तय रक्षा सौदा नीति का बस अनुसरण किया है। कहने का तात्पर्य यह कि मोदी सरकार ने यूपीए सरकार के दौरान तय नीति के अनुरूप दो सरकारों के बीच हुए समझौते के तहत इस डील को अंतिम रूप दिया है। मालूम हो कि द हिंदू ने एक उस शख्स की नोटिंग को अपने अखबार में प्रकाशित कर राफेल डील को लेकर बवाल मचाने का प्रयास किया था जिस व्यक्ति का इंडियन निगोसिएशन टीम से कोई लेना देना ही नहीं था। इतना ही नहीं एन राम ने उस अधिकारी की नोटिंग तो प्रकाशित की लेकिन उसी नोट पर तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की टिप्पणी को छिपा दिया था। ये वही एन राम हैं जो कांग्रेस के पक्ष में बैटिंग करने के लिए तथ्य से छेड़छाड़ कर सच्चाई से खिलवाड़ करते हैं। एन राम ने अपने अखबार द हिंदू में यह भी छिपा लिया कि मोदी सरकार ने राफेल डील पर वही नीति और प्रक्रिया अपनाई है जिसे यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने तय की थी।
Rafale Deal: Modi Government followed UPA’s policy on inter-government agreements, provisions had come into place when AK Antony was the Defence Minister
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— ANI Digital (@ani_digital) February 11, 2019
इस संदर्भ में एएनआई डिजिटल में प्रकाशित आलेख के मुताबिक मोदी सरकार ने दो सरकारों के बीच समझौते पर पिछली यूपीए सरकार की नीति का ही अनुसरण किया है। रक्षा सौदा समझौते के लिए तैयार की गयी यह नीति तभी अस्तित्व में आई थी जब एके एंटनी रक्षामंत्री थे।
फेक न्यूज गढ़ने और उसे प्रचारित करने में तगमा हासिल करने वाले द हिंदू और उसके चेयरमैन एन राम इन दिनों राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को बदनाम करने का अभियान चला रखा है। हाल ही में एन राम ने अपने अखबार में किसी दस्तावेज का आधा अधूरा हिस्सा प्रकाशित कर झूठी कहानी गढ़ी थी। उन्होंने ही एक बार फिर राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत और फ्रांस सरकार के बीच राफेल डील पर अंतिम हस्ताक्षर होने से पहले ही मोदी सरकार ने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार विरोधी धाराएं हटवा दी थी।
Exclusive: Government waived anti-corruption clauses in Rafale deal, N. Ram in The Hindu https://t.co/0OCyQS1NNs
— N. Ram (@nramind) February 11, 2019
द हिंदू और एनराम को कांग्रेस के पक्ष में इस प्रकार की दलाली से परहेज करना चाहिए। राफेल डील के तहत भुगतान करने की प्रक्रिया इतनी सख्त बनाई गई है कि उसके तहत एक पैसे के भ्रष्टाचार होने की कोई गुंजाइश नहीं है। यह कोई और नहीं कह रहा है बल्कि उसी की विरादरी के एनडीटीवी में रक्षा संपादक के रूप में कार्यरत विष्णु सोम ने यह जानकारी दी है। विष्णु सोम ने अपने ट्वीट में राफेल डील को लेकर होने वाले भुगतान की प्रक्रिया के बारे में बताया है। इस प्रक्रिया के तहत गलत भुगतान की संभावना ही नहीं है।
1. Some fresh detail on how the Rafale payments work: The French government has set up a treasury account in their national bank. This is controlled by the government of France.
— Vishnu Som (@VishnuNDTV) February 11, 2019
एन राम को कांग्रेस के पक्ष में बैटिंग करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदानम करने के लिए अभियान चलाने से पहले राफेल डील में होने वाले भुगतान प्रक्रिया के बारे में जान लेना चाहिए। राफेल डील को लेकर दो सरकारों के बीच में होने वाले भुगतान की प्रक्रिया इतनी सख्त है कि भ्रष्टाचार होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। इसके लिए फ्रांसीसी सरकार ने अपने राष्ट्रीय बैंक में एक ट्रेजरी खाता खोल रखा है। इस बैंक खाते पर फ्रांस सरकार का नियंत्रण है।
इस खाते में भारत सरकार किश्तों में भुगतान करती है। भुगतान करने से पहले भारत और फ्रांस के बीच सौदे की प्रगति की समीक्षा करने के लिए तीन महीनें में एक बार बैठक होती है । भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन स्तर के एक अधिकारी फ्रांस में इसकी निगरानी करते हैं।
जहां तक डसॉल्ट कंपनी तथा हथियार निर्माता कंपनी को भुगतान करने की बात है तो यह उसी बैंक एकाउंट से किया जाता है जिसका नियंत्रण खुद फ्रांस सरकार के अधीन है। इसके बाद हर छह महीने में एक बार भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी स्तर पर बैठक आयोजित की जाती है। यह राफेल सौदा प्रक्रिया की भी समीक्षा करता है।
इस डील के तहत भारत सरकार किसी भी सौदा विक्रेताओं को कोई प्रत्यक्ष भुगतान नहीं करता है। इस डील से जुड़े वेंडर्स तथा फ्रांस सरकार के साथ जुड़े साझीदारों को उसी बैंक एकाउंट से किया जाता है कि जिसका नियंत्रण फ्रांस सरकार के अधीन है। यही बैंक खाता है तो दो सरकारों के बीच हुए समझौते को परिभाषित करता है।
इस प्रक्रिया से साफ हो गया है कि मोदी सरकार किस पारदर्शिता के साथ इस रक्षा सौदे को अंजाम दिया है। इसके बाद भी एन राम और द हिंदू जैसे फेक न्यूज मेकर मोदी सरकार को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। असल में इन लोगों की आदत ही दलाली खाने की है ऐसे में ये लोग इस डील को पचा नहीं पा रहे हैं कि इतनी पारदर्शी और बगैर एक रुपये दलाली दिए यह सौदा हो कैसे गया।
URL : modi govt followed upa policy on rafale deal with france !
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