अर्चना कुमारी । भाजपा कथित तौर पर मुस्लिमों को खुश करने के लिए कोई भी उपाय कर ले लेकिन यह समुदाय भाजपा तथा इसके नेता नरेंद्र मोदी को पसंद नहीं करता । पटना से दबोचे गए दोनों संदिग्ध आतंकवादियों ने खुलासा किया है कि पटना के विधानसभा में 12 जुलाई को हुए शताब्दी समारोह के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी उनके निशाने पर थे।
पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े दोनों आरोपियों ने यह भी बताया है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम के दौरान टेरर मॉड्यूल से जुड़े सदस्य गड़बड़ी पैदा करना चाहते थे, सुरक्षा चाक-चौबंद होने के चलते उस समय अपनी गतिविधियों को अंजाम नहीं दे पाए। इस मामले के खुलासे के दौरान पटना के एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों ने भी विवादास्पद बयान दिया और कहा कि पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया का वैसा ही काम है जैसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ करती है।
दोनों ही संगठन तलवार और लाठी चलाने का ट्रेनिंग देते हैं और उनके इस बयान के बाद बिहार में राजनीति गर्म हो गई है। इस पर भाजपा ने कहा कि वह मानसिक दिवालियापन के शिकार हैं और ऐसे लोगों को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए लेकिन राजद ने उसका बचाव किया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पटना फुलवारी शरीफ से दबोचे गए अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन ने खुलासा किया है कि फुलवारी शरीफ के अहमद पैलेस में 6-7 जुलाई को कुछ संदिग्ध आए थे और इन संदिग्धों ने एक गुप्त बैठक की।
इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए हुई बैठक में पीएम मोदी के कार्यक्रम में गड़बड़ी करने की साजिश रची गई। पटना पुलिस सूत्रों का दावा है कि अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन के पास से बरामद दस्तावेज से इनके टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश हो गया है और इनकी संस्था भारत विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाई गई।
पटना पुलिस का दावा है कि दोनों भारत में 2047 तक इस्लामी राष्ट्र स्थापित करने के उद्देश्य से काम कर रहे थे जबकि बरामद किए गए दस्तावेज में हिंदू समुदाय के खिलाफ इनकी जहरीली सोच उजागर की गई । गौरतलब है कि खुफिया ब्यूरो से मिली जानकारी के बाद पटना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों आंतकवादी को गिरफ्तार किया और इनसे विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही है। यह लोग विदेश से भी फंड मंगवाते थे और इसमें से जलालुद्दीन झारखंड पुलिस से रिटायर्ड बताया गया है।