मोदी के पास विजन है, वह देश को विजन दे रहे हैं, अंबानी के पास पैसा है, वह फ्री कॉलिंग दे रहे हैं और केजरीवाल के पास कीचड़ है, वह बस उसे ही उछाल रहे हैं!
दरअसल दिल्ली में सेक्स सीडी और पंजाब में आशुतोष, संजय सिंह द्वारा लाखों लेकर टिकट बांटने का ऑडियो व तस्वीर सार्वजनिक होने के बाद अरविंद केजरीवाल बुरी तरह गंधा रहे हैं, इसलिए अपनी पार्टी से उठती बदबू से पीछा छुड़ाने और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए छिछोरेपन पर उतर आए हैं! आज कई अखबारों में रिलायंस ने अपने जियो को प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया को समर्पित करते हुए पीएम की तस्वीर के साथ एड दिया है, जो कहीं से गलत नहीं है। लेकिन क्राइम, करप्शन और करेक्टर के निचले पायदान पर पहुंचे अरविंद केजरीवाल और उनकी आपा पार्टी इस पर स्यापा कर रही है ताकि दिल्ली के सेक्स स्कैंडल से लेकर पंजाब के करप्शन तक से वह लोगों का ध्यान भटका सकें!
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति आदि की तस्वीर आदि का कॉपी राइट नहीं होता है! एड के नीचे लिखा है कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया को समर्पित! देश की किसी भी योजना को कोई भी व्यक्ति इडोर्स कर सकता है। एक उदाहरण से समझाता हूं! प्रधानमंत्री के आदर्श ग्राम योजना के तहत आप एक गांव को गोद लें तो आप इसे प्रधानमंत्री की योजना को समर्पित कहते हुए मीडिया में इंडोर्स कर सकते हैं! इसमें कुछ भी गलत नहीं है!
आज नेट कनेक्शन और डाटा का उपयोग खास की नहीं, आम की जरूरत बन गई है, लेकिन तीन-चार कंपनियों का नेक्सस इसे खास से आम होने देना नहीं चाहता है! एक उदाहरण से समझाता हूं! एम्स में अब आनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है, लेकिन गांव तक स्लो व महंगे नेट कनेक्शन के कारण लोग महीनों दिल्ली में पड़े रहकर एडमिशन के लिए इधर से उधर भटकते रहते हैं, किसी सांसद से पत्र लिखवाने के लिए चक्कर लगाते रहते हैं। डाटा और नेट ऐसे आम व गरीब लोगों को सिस्टम से जोड़ती है और यही पीएम के डिजिटल इंडिया का मूल मकसद है!
मुकेश अंबानी रिलायंस जियो के जरिए यदि पूरी तरह से फ्री कॉल और फ्री एसएमएस देने की घोषणा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि देश की जनता को डाटा और कॉल में से किसी एक की ही कीमत चुकानी चाहिए, डाटा की कमी से जूझते देश में डाटा की बहुलता होनी चाहिए, लोगों को डाटा 250 रुपये प्रति जीबी की जगह, 50 रुपये प्रति जीबी मिलना चाहिए, महानगर से लेकर गांव तक नेट की एक समान स्पीड होनी चाहिए और छात्रों को अधिक डाटा मिलना चाहिए, स्मार्ट फोन की कीमत कम से कम होनी चाहिए- फिर यही तो समाजवाद है! समजवाद और है क्या? याद रखिए इसी मुकेश अंबानी ने 2001 में 501 रुपये में हैंडसेट से लेकर, रोमिंग व इनकमिंग की फ्री सुविधा और 40 पैसे प्रति मिनट कॉल उपलब्ध कराया था! तब एयरटेल 16 रुपये आउटगोइंग व 8 रुपये इनकमिंग लेती थी! हमें महंगे कॉल और महंगे हैंड सेट से आजादी इसी एक व्यक्ति की सोच के कारण मिली थी! भारत में जुकरबर्ग और स्टीब शायद इसीलिए पैदा नहीं होते, क्योंकि यहां इनोवेशन को केजरीवाल, कांग्रेस व वाम जैसे ड्रामेबाज और और गरीबी बेचने वाले विचारधारा की वजह से सपोर्ट नहीं मिलता है! तभी एक भारतीय अन्वेषक भी अमेरिका में जाकर सफल हो जाता है, लेकिन भारत में नहीं!
समाजवाद का मतलब है संसाधनों पर सबका समान हक! क्या आज कॉल और डाटा यूज में आप सभी का समान हक है? नहीं, यदि यही सही होता तो आप मिस कॉल का जुगाड़ ईजाद नहीं करते और डाटा यूज के लिए केजरीवाल जैसे व्यक्ति के फ्री वाई-फाई के फ्रॉड में नहीं फंसते? आज भी भारत में अधिकांश लोग आफिस के नेट कनेक्शन पर निर्भर हैं! एक शोध के मुताबिक भारत में सबसे अधिक नेट की खपत और सोशल मीडिया का उपयोग सुबह 10.30 से 5.30 तक होता है और यह ऑफिस ऑवर होता है!
नेट व काल के मामले में पश्चिमी देश के नागरिक जहां स्वतंत्र हो रहे हैं, वहीं हम आज भी कंपनियों(इन में भी ज्यादातर देशी ही हैं) की लूट का शिकार हैं! यदि जियो अपने वादे को पूरा करने में सफल रहा तो सोचिए हम कितने स्वतंत्र हो जाएंगे! किसान की अनाज मंडी उसके घर तक पहुंच जाएगी, इलाज मिलना आसान हो जाएगा, बैंक तक जाना नहीं पड़ेगा, स्कूल़ों में किताबों का बोझ कम होगा, रेलवे टिकट की लंबी लाइन में कमी आएगी, वीडियो कॉलिंग से आप अपनों से दूर रहकर भी उनकी सुरक्षा की चिंताओं से मुक्त होंगे-और भी बहुत कुछ!!
कोई उद्यमी आगे आकर यदि अपनी सर्विस यानी सेवा को पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया योजना को समर्पित करता है तो इसमें किसे हर्ज हो सकता है? एक उसे जो खुद कीचड़ में सना है, और हर बात पर पीएम पर कीचड़ उछालने में जुटा रहता है! दूसरा वो जो फ्री कॉल और पांच गुना सस्ते डाटा ऑफर से बौखलाए टेली कंपनियों का लॉबिस्ट हो और तीसरा जो जन्मजात मोदी विरोधी हो!
केजरीवाल में यह तीनों अवगुण है! उनकी पूरी राजनीति नकारात्मक है! और याद रखिए, जिसके पास जो होगा, वही वह दूसरों को देगा! मोदी के पास विजन है, वह देश को विजन दे रहे हैं, अंबानी के पास पैसा है, वह उस पैसे से फ्री कॉलिंग देने की कोशिश कर रहे हैं और अरविंद केजरीवाल के पास कीचड़ है, वह बस उसे ही उछाल रहे हैं!