अर्चना कुमारी। मोहम्मद कासिम अली एक कुख्यात ड्रग तस्कर है और दिल्ली पुलिस ने उसे मणिपुर से गिरफ्तार कर दिल्ली ले आई है। पुलिस का कहना है कि उसके दो साथियों को 10 किलो हेरोइन के साथ स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था।
पूछताछ में पता चला है कि यह शातिर तस्कर और उसका गिरोह गाड़ी में खुफिया केबिन बनाकर उसमें ड्रग्स छिपाकर दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई किया करता था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि स्पेशल सेल की एसटीएफ ड्रग्स तस्करी को लेकर लगातार काम कर रही थी। पिछले साल सूचना मिली कि मणिपुर का रहने वाला मोहम्मद कासिम अली ड्रग्स की तस्करी में लिप्त है। उसका धंधा देश के विभिन्न राज्यों में चलता है और वह गुवाहाटी, दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और यूपी में अपने भीतर काम करने वाले तस्करों के जरिए ड्रग्स भिजवाता है।
इस जानकारी पर पुलिस टीम ने छानबीन करते हुए मोहम्मद इकबाल खान और मोहम्मद इशाक को पिछले साल भर दबोचा था जबकि कासिम अली फरार चल रहा था । उसके गिरोह के लिए काम करने वाले दोनो आरोपियों से पिछले साल 10 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी ,जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 40 करोड़ रुपये है। इनमें से दो किलो ड्रग्स गाड़ी में खुफिया केबिन के अंदर छुपा कर रखी गई थी। इस बाबत एनडीपीएस एक्ट का मामला दर्ज किया गया था। लेकिन गिरोह सरगना अब तक पुलिस की पकड़ में नहीं आया था लेकिन पुलिस ने उसे भी मणिपुर से पकड़ लिया है। अली ने खुलासा किया है कि वह पहले मणिपुर पुलिस में सिपाही था। लेकिन वह बाद में तस्कर बन गया ।
उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम पुलिस की तरफ से घोषित था। उसकी तलाश के लिए कई पुलिस टीम काम कर रही थी। इस बीच पुलिस टीम को पता चला कि कासिम अली मणिपुर में मौजूद है और वह म्यांमार बॉर्डर के पास ड्रग्स की डील करने गया है। इस जानकारी पर 23 नवंबर की दोपहर पुलिस ने छापा मारकर उसे कार में जाते समय पकड़ लिया। पूछताछ में उसने यह कबूल किया कि 2020 में पकड़ी गई 10 किलो हेरोइन उसकी थी। इसे नाजिम को सप्लाई करने के लिए उसने भेजा था। उसे पुलिस टीम दिल्ली लेकर आ गई है।
मोहम्मद कासिम अली ने पुलिस को बताया कि वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है। परिवार में पत्नी के अलावा उसके चार बच्चे हैं। मणिपुर पुलिस में वह ड्राइवर के तौर पर भर्ती हुआ था। इस दौरान पारिवारिक झगड़े में उसने एक हत्या को अंजाम दे दिया, जिसमें उसकी गिरफ्तारी हुई थी। नौकरी चले जाने के चलते उसके घर में आर्थिक तंगी होने लगी जिसके बाद वह जेल से रिहा होने के बाद ड्रग्स तस्करी में शामिल हो गया। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया मोहम्मद इशाक उसका भतीजा है।