अर्चना कुमारी । ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 153/295 के तहत गिरफ्तार कर लिया । उस पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। फैक्ट चेक करने के नाम पर यह विवादित व्यक्ति हिंदुओं के खिलाफ आग उगलता रहा है। ट्विटर पर सक्रिय इस शख्स को कुछ राजनेताओं का वरदहस्त प्राप्त है जबकि दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने उसे संकट मोचन हनुमान भगवान जी पर विवादित टिप्पणी के चलते एक व्यक्ति द्वारा दर्ज मामले को लेकर उसे जांच के लिए बुलाया था ,जहां पर पर्याप्त सबूत होने के बाद मोहम्मद जुबेर को गिरफ्तार कर लिया गया।
उसे आगे की पुलिस रिमांड की मांग के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मोहम्मद जुबेर विवादित प्रवृत्ति का व्यक्ति रहा है और फिलहाल उसे ट्विटर पर हनुमान भक्त @balajikijaiin हैंडल द्वारा एक पोस्ट के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तारी किया गया । पोस्ट था कि ‘BEFORE 2014: Honeymoon Hotel. After 2014: Hanuman Hotel’ जहां होटल का साइनबोर्ड ‘हनीमून होटल’ को बदलकर ‘हनुमान होटल’ कर दिया गया । हनुमान भक्त @balajikijaiin ने ट्वीट किया कि हमारे भगवान हनुमान जी को हनीमून से जोड़ना हिंदुओं का सीधा अपमान है क्योंकि वह ब्रह्मचारी हैं।
कृपया इस आदमी के खिलाफ कार्रवाई करें। बताया जाता है कि मोहम्मद जुबैर की उक्त पोस्ट जिसमें एक विशेष धार्मिक समुदाय के खिलाफ चित्र और शब्द हैं, अत्यधिक उत्तेजक है और ये जानबूझकर किया गया है ,जो लोगों के बीच नफरत को भड़काने के लिए पर्याप्त सबूत है। उसी पोस्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज किया गया और सोमवार को मोहम्मद जुबेर को पूछताछ के लिए बुलाया गया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने आरोपों को सही माना और पाया कि मोहम्मद जुबैर ने पहले आपत्तिजनक ट्वीट किया और उनके फॉलोअर्स ने नफरत फैलाने वालों श्रृंखला को बढ़ाया।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि इससे पहले नूपुर शर्मा मामले को लेकर भी जुबेर दो समुदायों के बीच नफरत फैलाई थी । इस गिरफ्तारी के बाद ऑल्ट न्यूज के एक और सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि जुबैर को 2020 के एक मामले में जांच के लिए दिल्ली की स्पेशल सेल ने बुलाया था, जिसके लिए उन्हें पहले से ही हाई कोर्ट से गिरफ्तारी के खिलाफ संरक्षण प्राप्त था। हालांकि, आज शाम लगभग 6.45 बजे हमें बताया गया कि उन्हें किसी अन्य प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया , जिसके लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया था, जो कि उन धाराओं के लिए अनिवार्य है, जिनके तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है। बार-बार अनुरोध के बावजूद हमें एफआईआर की कॉपी नहीं दी जा रही है। एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि मेडिकल जांच के बाद जुबैर को किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया जा रहा है।
न तो जुबैर के वकीलों को बताया जा रहा है और न ही मुझे बताया जा रहा है। हम उसके साथ पुलिस वैन में हैं। कोई भी पुलिस वाला नाम का टैग नहीं लगा रखा है। दिल्ली पुलिस का स्पष्ट कहना है कि माहौल बिगाडऩे के आरोप में अल्ट न्यूज के सह संस्थापक को पकड़ा गया । जांच में दिल्ली पुलिस की इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) यूनिट ने आरोपों को सही माना।
सूत्रों का कहना है कि वैसे भी मोहम्मद जुबैर को फेक न्यूज फैलाने एवं उसका मीडिया पोर्टल भी एक खास समुदाय विरोधी खबरों के लिए ही जाना जाता है। इस बारे में डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि जून महीने में एक ट्विटर हैंडल द्वारा सूचना मिली थी कि मो.जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का वाला एक ट्विट किया है। उसके समर्थक उस ट्विट को रि-ट्विट कर माहौल को बिगाडऩे का काम किया । तब से इस मामले की जांच की जा रही थी। इस मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को उसे हिरासत में लिया गया था।
उसके बाद पूरे साक्ष्य मिलने के बाद जुबैर को गिरफ्तार कर लिया गया। इसको पता चला है कि मोहम्मद जुबैर अपने दोस्त के साथ मिलकर ऑल्ट न्यूज वेबसाइट चलाते हैं। वह विभिन्न समाचार वेबसाइट द्वारा प्रकाशित की खबरों को फैक्ट चेकिंग कर उनकी विश्वनियता खंगालने की कोशिश करते हैं।
लेकिन इसकी आड़ में वह धार्मिक भावनाएं भड़काने का काम करता है जबकि उस पर पूर्व में ट्विटर पर तीन हिंदू संतों-यति नरसिम्हा सरस्वती, महंत बजरंग मुनि और स्वामी आनंद स्वरूप को ‘हेट मांगर’ कहकर संबोधित यह जाने को लेकर मामला दर्ज हुआ था और इसके अलावा कई अन्य प्राथमिकी उस पर दर्ज बताए जाते हैं।