दिशा भ्रमित हैं मोहन भागवत , सही राह फौरन आयें ;
सही राह गर न पायें , तो पाकिस्तान चले जायें ।
वहां पर उनको समझ आयेगा , सही राह क्या होती है ;
जब तक सही राह न मिलती , मंजिल सदा दूर होती है ।
तुम तो अगुआ पूरे राष्ट्र के , गलत राह पर न जाओ ;
बहुत ही घायल राष्ट्र हमारा , उसे चोट न पहुंचाओ ।
हिंदू परम सहिष्णु होता है , उसको और न समझाओ;
पक्ष विरोधी जितने भी हैं , सही राह उनको लाओ ।
इसके लिए उन्हें तुम समझो,उनकी किताब ठीक से जानो;
पूरी की पूरी पढ डालो , उसके मर्म को पूरा जानो ।
उसके बाद हदीसें पढ़ना , पैगंबर का जीवन जानो ;
जब इतना तुम जान जाओगे ,तब ही तुम उनको पहचानो।
हर हिंदू का ये आवाहन , ये सारा सब के सब जानो ;
पढ़ने का गर वक्त नहीं है ,नीरज अत्री सुनकर जानो ।
संजय दीक्षित को भी सुनना , ये सारे हैं ज्ञान के सागर ;
सौभाग्य जगा है हर हिंदू का ,तुम्हें मिले हैं इतने सागर ।
सुशील पंडित को भी सुनना , अंकुर आर्य की बातें सुनना ;
यती नरसिंहानंद की वाणी , हर हालत में सब को सुनना ।
हिंदू को वरदान मिला है , सोशल मीडिया उसे मिला है ;
सारा ज्ञान तुम्हारे दर पे , तुम न सुनते यही गिला है ।
यू -ट्यूब में सभी उपस्थित , बस सुनने की देर है ;
इनके नाम को टाइप करना , भग जाये अंधेर है ।
मोहन भागवत होश में आओ,इनको सुनकर जोश में आओ
अबलौं नसानी अब न नसाओ,अपना जीवन सफल बनाओ
चाहे कुछ भी करना पड़े पर , देश को हिंदू राष्ट्र बनाओ ;
हिंदू राष्ट्र बनेगा भारत , राष्ट्र का वैभव, गौरव पाओ ।
सारे देशभक्त तब होंगे , कोई भी गद्दार न होगा ;
सुख ,शांति ,समृद्धि रहेगी , शोषण अत्याचार न होगा ।
धर्म सनातन की ये महिमा , सारी दुनिया मान जायेगी ;
आतंकवाद सब मिट जायेगा , विश्व शांति आ जायेगी ।
“वंदे मातरम -जय हिंद”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”