संदीप देव। दैनिक जागरण के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक एवं स्थानीय संपादक Nishikant Thakur जी ने हिंदू धर्म पर अधकचरे नेताओं द्वारा हो रहे हमले पर विभिन्न अखबारों में लेख लिखा है। इसमें उन्होंने महाभारत कालीन सगे भाई हंस-डिम्मक को संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा समलैंगिक कहने और उसके विरोध में मेरे द्वारा मोहन भागवत के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का उल्लेख भी किया है। आपका धन्यवाद सर।
इसके अलावा अंग्रेजी-हिंदी एवं अन्य भाषाओं के विभिन्न अखबार, वेब पोर्टल, न्यूज चैनलों ने भी इस केस को कवर किया है। अब भविष्य में जब कोई मोहन भागवत के उदाहरण से हमारे महाभारत-पुराण में समलैंगिकता को आरोपित करने का घृणित प्रयास करेगा तो उनके झूठ को एक्सपोज करती रिपोर्ट भी सर्च इंजन से निकल आएगी।
हिंदुओं की अगली पीढ़ी को समलैंगिकता को लेकर गुमराह करने की संघ प्रमुख भागवत एवं संघ की पत्रिका पांचजन्य व आर्गेनाइजर की मंशा को इन रिपोर्टों ने बुरी तरह से ध्वस्त कर दिया है।
आगे मामला अदालत तक तो पहुंचेगा ही, लेकिन सर्च इंजन के इस युग में मैं यह न करता तो एक दशक बाद कम्युनिस्टों के लिखे झूठे इतिहास की तरह मोहन भागवत का झूठ भी सच के रूप में पढ़ाया, बताया व समझाया जाता और हमारे धर्मग्रंथों में समलैंगिकता स्थापित कर दी जाती!
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मोहन भागवत के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने की प्रेरणा को मैं ईश्वरीय ही कहूंगा, क्योंकि मैं एक छोटा-सा पत्रकार और लेखक हूं जबकि भागवत दुनिया के सबसे बड़े NGO के प्रमुख। यह काम हमारे धर्मगुरुओं को करना चाहिए था, जिसे एक साधारण गृहस्थ को करना पड़ रहा है।
यदि मोहन भागवत के झूठ को एक्सपोज करती इन रिपोर्टों से अगली पीढ़ी का एक भी परिवार बच जाता है तो मैं समझूंगा कि मैं इस जीवन में हिंदू समाज के कुछ काम आ सका। मेरे साथ इस लड़ाई में खड़े रहने वाले हिंदू समाज के सभी लोगों का बहुत धन्यवाद।